राजिंदर सिंह बेदी स्मृति दिवस: क़लम और काग़ज का रिश्ता
दोस्तों, मैं तक़रीबन दो साल से बीमारी के मुख़्तलिफ़ मदारिज (पड़ाव) तय कर रहा हूं। अब पिछली सी शिद्दत मेरी बीमारी में बाक़ी नहीं है। [more…]
दोस्तों, मैं तक़रीबन दो साल से बीमारी के मुख़्तलिफ़ मदारिज (पड़ाव) तय कर रहा हूं। अब पिछली सी शिद्दत मेरी बीमारी में बाक़ी नहीं है। [more…]
राजिंदर सिंह बेदी का दौर वह हसीन दौर था, जब उर्दू अदब में सआदत हसन मंटो, कृश्न चंदर, इस्मत चुगताई और ख्वाजा अहमद अब्बास जैसे [more…]