पिछली सदी के आखिरी पहर में अद्वितीय लेखक-पत्रकार राजकिशोर की एक किताब आई थी। उसमें छीजती हुई आज़ादी की चिंता के साथ लिखे उत्कृष्ट और विचारोत्तेजक निबंधों में पहला निबंध ही यही था: ‘आजादी एक अधूरा शब्द है’। इस...
राजकिशोर की तरह के एक स्वातन्त्र्य चेता और पत्रकारिता के जगत में अपने एक
अलग ही छंद के रचयिता पत्रकार की स्मृति में इस व्याख्यानमाला के लिये आयोजकों को
आंतरिक धन्यवाद ।
आइये, हम सबसे पहले इस
बुनियादी सवाल से ही अपनी बात...