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संस्कृति-समाज

सावित्रीबाई फुले: आधुनिकता के सभी अर्थों में भारत की पहली आधुनिक महिला

हिन्दू धर्म, सामाजिक व्यवस्था और परम्परा में शूद्रों और महिलाओं को एक समान माना गया है। अतिशूद्रों (अछूतों) को इंसानी समाज का हिस्सा नहीं माना [more…]

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बीच बहस

सावित्री और फातिमा : एक अभिन्न जीवन

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सदियों से शक्तिशाली लोगों द्वारा राजनीतिक और वैचारिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए ऐतिहासिक घटनाओं और यहां तक कि ऐतिहासिक व्यक्तियों को मिटाने का काम [more…]

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संस्कृति-समाज

समता का यलगार है मंजुल का नाटक ‘लोक-शास्त्र सावित्री’

मेरे पुराने मित्र मंजुल भारद्वाज का जब फोन आया कि 27 मार्च 2021 को सुबह 11:30 थाना के गडकरी रंगायतन में ‘लोक-शास्त्र सावित्री’ का मंचन [more…]