Saturday, April 27, 2024

Shane Sahara

अलविदा अरुण भाईः तुम्हीं सो गए दास्तां कहते-कहते

सुबह से फ़ेसबुक पर शोक की एक नदी बह रही है, जिसके हर क़तरे पर एक नाम है- अरुण पांडेय। यह नदी कई-कई शहरों से ग़ुज़रती हुई विलाप को गहराती जा रही है। यह विलाप उनका भी है जो...

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ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान

मुजफ्फरपुर। “हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है। खेतों में सिंचाई तो स्वयं कर...