ग्राउंड रिपोर्टः बनारस के खरगूपुर में राख बन गए मुसहरों के सपने, चीख रहे सन्नाटे, पर लापता है इंसाफ !
वाराणसी। बनारस की गर्म दोपहर थी। धूप, जैसे आसमान से नहीं, ज़मीन के अंदर से निकल रही हो। उस तपिश के बीच एक अधजली औरत अपनी झोपड़ी [more…]
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