Friday, April 19, 2024

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सीता के मिथक का विकास: मिथक और साहित्य में महिलाएं

{साहित्य समाज का दर्पण ही नहीं होता, बल्कि प्रेमचंद के शब्दों में यह समाज को राह दिखाने वाली मशाल भी होता है। लेकिन यह बात न केवल प्रगतिशील मूल्यों के लिए सच है बल्कि प्रतिगामी मूल्यों के लिए भी...

दशहरा के बाद की लड़ाई

विजयदशमी (दशहरा) को सशक्तीकरण का क्षण माना जाता है: शाब्दिक और लाक्षणिक दोनो अर्थों में। रावण को पराजित कर दिया गया है। सीता को बचा लिया गया है। और सम्पूर्ण सद्गुणों के अवतार राम के वनवास का अन्त होने...

उनके राम और अपने राम

संघ संप्रदाय अपनी यह घोषणा दोहराता रहता है कि अयोध्या में जल्दी ही श्रीराम का भव्य मंदिर बनाया जाएगा। बीच-बीच में यह खबर भी आती रहती है कि अयोध्या के बाहर मंदिर के लिए पत्थर तराशने का काम तेजी...

राम और सीता नहीं, फुले एवं सावित्रीबाई हैं आदर्श दंपति के प्रतीक

भारत में बहुजन-श्रमण परंपरा के पास आधुनिक भारत के निर्माण के लिए आवश्यक दर्शन, विचारधारा, ग्रंथ और नायक-नायिकाएं हैं। यह बात स्त्री-पुरूष संबंधों के बारे में भी पूरी तरह सच है। जहां वेदों से लेकर हिदुत्व के आधुनिक पैरोकार...

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वामपंथी हिंसा बनाम राजकीय हिंसा

सुरक्षाबलों ने बस्तर में 29 माओवादियों को मुठभेड़ में मारे जाने का दावा किया है। चुनाव से पहले हुई इस घटना में एक जवान घायल हुआ। इस क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय माओवादी वोटिंग का बहिष्कार कर रहे हैं और हमले करते रहे हैं। सरकार आदिवासी समूहों पर माओवादी का लेबल लगा उन पर अत्याचार कर रही है।