Tag: uniform civil code
-
जनजातीय समाज पर कैसे लागू होगी समान नागरिक संहिता?
पहले लगता था कि समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखण्ड पहला राज्य होगा। लेकिन अब विधि आयोग की तत्परता और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात से संकेत मिलने लगा है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले ही सारे देश में और कम से कम भाजपा शासित राज्यों में तो…
-
मुस्लिम महिलाएं लैंगिक आधार पर भेदभाव रहित कानूनों के पक्ष में हैं लेकिन…
मुस्लिम महिलाएं लैंगिक आधार पर भेदभाव न करने वाले कानूनों के पक्ष में हैं, पर मुस्लिम महिला समूह जानते हैं कि महिलाओं को मुस्लिम पर्सनल लॉ और हर उस शै, जो मुस्लिम है, का खलनायकीकरण करने वाली राजनीति से भी भिड़ना होगा। आगामी एक साल में होने वाले चार राज्यों के विधानसभा चुनाव और लोकसभा…
-
समान नागरिक संहिता के विरोध में उतरे पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान, केजरीवाल कर रहे हैं समर्थन
मंगलवार, 4 जुलाई की शाम तक पंजाब में आम आदमी पार्टी की खासी किरकिरी हो रही थी कि उसने अल्पसंख्यक हितों की बलि देकर ‘समान नागरिक संहिता’ (यूसीसी) का समर्थन किया है। जबकि पंजाब के अतिरिक्त समूचे देश में बड़ी तादाद में सिख इसे लागू करने के हक में नहीं हैं और इसे अपनी अस्मिता…
-
‘समान नागरिक संहिता’ का समर्थन कहां और कब महंगा पड़ेगा ‘आप’ को?
केंद्र की नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार के जिन राजनीतिक कट्टर विरोधी दलों ने ‘समान नागरिक संहिता’ (यूसीसी) का खुला समर्थन किया है; उनमें आम आदमी पार्टी (आप) भी शुमार है। ‘आप’ सुप्रीमो व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बाकायदा यूसीसी का समर्थन किया है। पंजाब में भी ‘आप’ की सरकार है। भगवंत मान…
-
आखिर सिख क्यों ‘समान नागरिक संहिता’ के खिलाफ हैं?
देश-विदेश में चौतरफा चर्चा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘समान नागरिक संहिता’ (यूसीसी) का दांव 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर खेला है। नरेंद्र मोदी सरकार की चुनावी झोली में यह मुद्दा अरसे से बंद था और अचानक खुल गया। देश के कतिपय वर्ग यूसीसी के सख्त खिलाफ हैं। सबसे आगे हैं सिख। जिनकी…
-
समान नागरिक संहिता को लेकर लड़ेगी भाजपा 2024 का चुनाव?
बाइसवें विधि आयोग का कार्यकाल 20 फरवरी 2023 तक था जिसे अब 31 अगस्त 2024 तक बढ़ाया गया है। लेकिन आयोग समान नागरिक संहिता को लेकर अब सक्रियता दिखा रहा है। स्पष्ट है कि अपने मूल कार्यकाल में आयोग ने इस विषय को प्राथमिकता नहीं दी। अगर निर्धारित कार्यकाल में आयोग अपनी रिपोर्ट दे देता…
-
संविधान के बाध्यकारी प्रावधानों में नहीं है समान नागरिक संहिता
पर्सनल लॉ, संविधान की समवर्ती सूची में है। इसलिए राज्यों के अनुसार इनमें भिन्नता है। इससे स्पष्ट होता है कि संविधान निर्माताओं ने भी पूरे देश में एक सा कानून लागू करना उचित नहीं समझा था। पूरे देश के हिंदू भी एक ही कानून के अधीन नहीं हैं। 1955 के हिंदू विवाह अधिनियम में निकट…
-
मोदी-शाह का अगला निशाना 1937 का शरीयत कानून
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में सम्पन्न विधानसभा के चुनाव में जब राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने की घोषणा की तो लग रहा था कि उन्होंने गलतफहमी में मतदाताओं को रिझाने के लिये यह घोषणा कर डाली। लेकिन चुनाव के बाद भाजपा शाषित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने जब एक…