इन दिनों देश में पितृ पक्ष चल रहा है और सनातन धर्म से जुड़े लोग अपने मृत पूर्वजों को याद कर रहे हैं। मृत परिजनों के लिए धार्मिक अनुष्ठान किये जा रहे हैं, ब्रह्मभोज करवाए जा रहे हैं। एक...
प्रयागराज। सावन के महीने में यूपी में खेतों में धूल उड़ रही है। पिछले साल बारहों महीने बेतहाशा बरसने वाले बादल इस साल मानसून में भी नहीं आये। आषाढ़ बीत गया। खेतों में बेहन रोपनी की राह देखते-देखते चेहरे...
सुपौल, बिहार। बिहार मत्स्य निदेशालय के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में सालाना मछली उत्पादन करीब साढ़े पांच लाख मीट्रिक टन है, जबकि खपत 8 लाख मीट्रिक टन है। बाकी मछली के लिए बिहार को आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल...
कहा जाता है कि पहाड़ से पानी का रिश्ता सदियों पुराना है। प्रकृति के इसी गठबंधन की वजह से पहाड़ और जंगल से घिरे इलाकों में कभी पानी की कमी नहीं रही। लेकिन झारखंड में पिछले तीस साल के...
गुरुबाणी के संदेश ‘पवन गुरु, पानी पिता, माता धरा सामान’ में आस्था रखने वाले पंजाबियों के लिए वैज्ञानिकों ने दो साल पहले भविष्यवाणी की थी कि 2025 तक पंजाब के भूजल संसाधन सूख जाएंगे और अगले कुछ सालों में...
वैसे तो झारखण्ड में बारह महीने ही पेयजल की भारी किल्लत रहती है, प्रायः ग्रामीण नदी, चुंआ (खेतों में या नदी-नालों के पास गड्ढा खोदकर बनाया गया एक मिनी कुंआ जिसमें रस्सी व बाल्टी की जरूरत नहीं होती), चापाकल...
लोहारी (देहरादून)। बिजली के लिए देहरादून जिले के सुदूरवर्ती लोहारी गांव को बांध के पानी में जलसमाधि दे दी गई है। वह भी गांव वालों को बिना पूरा मुआवजा दिये और बिना उनके रहने की व्यवस्था किये। इस तरह...
अमरोहा। देश में जल संकट की समस्या अब आम होती जा रही है। ऐसा शायद ही कोई राज्य हो जो जल संकट से ना जूझ रहा हो। गांव-देहात में गिरता वाटर लेवल चिंताजनक है। हैंडपंप, सबमर्सिबल से धरती के...
22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है। ताजा पानी के महत्व को रेखांकित करने के लिए 1993 से यह आयोजन होता है। इस वर्ष के आयोजन का विषय भूजल है जो कम से कम भारत में पेयजल...
शंकरगढ़ (प्रयागराज)। कभी देश को दिशा देने वाले इलाहाबाद यानि प्रयागराज की मौजूदा तस्वीर बेहद परेशान करने वाली है। उसके एक इलाके शंकरगढ़ में एक पूरे समुदाय को गुजारे के लिए भीख मांगनी पड़ रही है। पेट के अन्न...