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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने द वायर और सिद्धार्थ वरदराजन के ख़िलाफ़ दर्ज केस रद्द किया
Janchowk -
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने द वायर, इसके संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और रिपोर्टर इस्मत आरा के खिलाफ पिछले साल 26 जनवरी, 2021 को नई दिल्ली में कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे एक प्रदर्शनकारी की मौत की रिपोर्ट...
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मोदी सरीखी परिघटना का समय पूरा हो चुका है: अरुंधति रॉय
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मौजूदा भारतीय परिस्थिति पर मशहूर लेखिका अरुंधति रॉय ने ‘द वायर’ के करण थापर और ‘सत्य हिंदी’ के मुकेश कुमार के साथ अपने साक्षात्कार में कई ऐसे ज्वलंत मुद्दों पर विचारोत्तेजक बातें कही हैं, जो भारतीय समाज की दशा-दिशा...
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सुप्रीम कोर्ट ने ‘द वायर’ को यूपी पुलिस की तीन एफआईआर पर अंतरिम सुरक्षा दी
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार 8 अगस्त, 21 को कहा कि वह नहीं चाहता कि प्रेस की स्वतंत्रता कुचली जाए लेकिन पत्रकारों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों को रद्द कराने के लिए सीधे उसके पास चले जाने के लिए वह उनके...
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अनिल अंबानी, पूर्व सीबीआई अफसर अलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को भी पेगासस ने नहीं बख्शा
पेगासस जासूसी में जिस तरह भारतीय नाम सामने आ रहे हैं उससे तो यही प्रतीत हो रहा है कि अभी न्यायपालिका, विधायिका, आर्थिक विशेषज्ञ और सरकार में शामिल बड़े लोगों में बहुत से नाम आने वाले दिनों में सामने आएंगे।...
बीच बहस
अगर फ्रांस कर रहा है तो भारत में क्यों नहीं होनी चाहिए पेगासस गेट की जांच?
विदेशी अखबार ‘द गार्डियन’ और ‘वाशिंगटन पोस्ट’ सहित भारतीय वेबसाइट, ‘द वायर’ और 16 अन्य मीडिया संगठनों द्वारा एक 'स्नूप लिस्ट' जारी की गयी, जिसमें बताया गया कि कई मानवाधिकार कार्यकर्ता, राजनेता, पत्रकार, न्यायाधीश और कई अन्य लोग इजरायली...
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एल्गार परिषद मामले में पहले से बिछाया गया था पेगासस स्पायवेयर निगरानी का जाल
द वायर ने दावा किया है कि एल्गार परिषद मामले में पेगासस स्पायवेयर निगरानी का जाल पहले से बिछाया गया था। द वायर और सहयोगी मीडिया संगठनों द्वारा हज़ारों ऐसे फोन नंबरों, जिनकी पेगासस स्पायवेयर द्वारा निगरानी की योजना बनाई गई...
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स्नूपिंग गेट: रूपेश क्यों आए मोदी सरकार के निशाने पर?
वेब पोर्टल द वायर में कल एक खबर छपी। खबर चौंकाने वाली थी। इजराइल की एक सर्विलांस कम्पनी एनएसओ ग्रुप ‘‘पेगासस स्पायवेयर’’ द्वारा, जिसे वह किसी देश की सरकार को ही देती है 2017 से 2019 के बीच कई...
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देश और दुनिया की 3500 शख़्सियतों ने सिद्धार्थ वरद राजन के पक्ष में जारी किया बयान, कहा-मुकदमे को सरकार तत्काल रद्द करे
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नई दिल्ली। 3500 से ज़्यादा न्यायविदों, अकादमिक जगत से जुड़े लोगों, अभिनेताओं, लेखकों और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों ने एक संयुक्त बयान जारी कर 'दि वायर' के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन के ख़िलाफ़ दर्ज मुक़दमे की निंदा की...
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क्या चुनाव में लेवल प्लेइंग फील्ड एक समान है सबके लिए?
आज 18 वीं लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान शुरू हो चुका है। मतदाता मतदान के लिए घर...
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