यूपी में अस्पतालों को मौत के घर में बदलने की तैयारी

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लखनऊ। ऐसे समय में जबकि गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में 60 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गयी है। आक्सीजन के सिलेंडरों के समय से आपूर्ति न हो पाने के पीछे पैसे की कमी प्रमुख कारण रहा है। तब यूपी की योगी सरकार ने स्वास्थ्य के बजट में आधे की कटौती करने का फैसला किया है। गौरतलब है कि इसी बजट के तहत बीआरडी और सूबे के दूसरे चिकित्सा कालेजों को रकम मुहैया करायी जाती है।

टाइम्स ऑफ इंडिया के हवाले से आयी खबर में बताया गया है कि 14 मेडिकल कालेजों के लिए 2016-17 में 2344 करोड़ रुपये बजट था जिसे 2017-18 में घटाकर 1148 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसके तहत उसी अनुपात में गोरखपुर के बीआरडी कालेज का बजट 15.9 करोड़ से घटकर 7.8 करोड़ हो गया है। इसमें सबसे खास बात ये है कि मशीनों और उपकरणों के मद में पहले 3 करोड़ आवंटित थे अब उसे कम करके 75 लाख कर दिया गया है।

इसी तर्ज पर सभी मेडिकल कालेजों के बजट में कटौती की गयी है। उदाहरण के लिए कानपुर और इलाहाबाद का बजट 15.9 करोड़ से घटाकर क्रमशः 3.3 करोड़ और 4.2 करोड़ कर दिया गया है।

कहा जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ गोरखपुर समेत पूर्वांचल में अकाल मौतों के लिए कुख्यात जापानी बुखार के खिलाफ पिछले 20 सालों से संसद के भीतर आवाज उठा रहे हैं। ये उनकी चिंता का सबसे प्रमुख विषय रहा है। लेकिन ये चिंता उनके सिर्फ भाषणों तक ही सीमित लगती है। क्योंकि अब जब उनके पास उस क्षेत्र में करने के लिए कुछ अधिकार है तो उस दिशा में आगे बढ़ने की जगह उन्होंने उलटी राह अख्तियार कर ली है। जिससे मौत की तबाही के और बढ़ने की आशंका पैदा हो गयी है। 

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