गेहूं, चावल, दाल और नमक के दामों में पिछले पांच वर्षों में बेतहाशा वृद्धि

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पिछले पांच वर्षों में गेहूं के दाम में 36.2 प्रतिशत, चावल के दाम में 32.2 प्रतिशत, दाल की कीमत में 84.8 प्रतिशत, दूध के दाम में 34.9 प्रतिशत, नमक के दाम में 44.6 प्रतिशत, चीनी के दाम में 12.5 प्रतिशत और चाय पत्ती के दाम में 31.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ये वे वस्तुएं हैं, जिनके बिना जिंदगी की कल्पना नहीं की जा सकती है और जो रोजमर्रा के इस्तेमाल की हैं। सब्जियों के दाम भी आसमान छूने लगे हैं। टमाटर 100 रुपया किलो मिल रहा है। प्याज का दाम 25.9 प्रतिशत बढ़ गया। आलू के दाम में भी करीब 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह आंकड़े ‘मिनिस्ट्री ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स’, ‘फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन्स प्राइस मॉनिटरिंग’ ने जारी किया है।

करीब यही वह समय है, जब लोगों की आमदनी में बुरी तरह गिरावट आई है। 2016 से 2021 के बीच में भारत के सबसे गरीब लोगों की आमदनी में 50 प्रतिशत की गिरावट आई। उनकी किसी भी चीज को खरीदने की क्षमता 50 प्रतिशत कम हो गई और स्पष्ट तरीके से कहें तो उनके पास यदि कोई समान खरीदने के लिए पहले 100 रुपया था, तो वह घटकर 50 रुपया हो गया। इसी तरह 20 से 40 प्रतिशत लोगों की आमदनी 30 प्रतिशत हो गई। इसका साफ अर्थ है कि यदि उनकी आय 100 रुपये थी, तो वह घटकर 70 रुपये हो गई। 60 प्रतिशत लोगों की असल आमदनी गिरी है।

2014-15 और 2021-22 के बीच की कृषि क्षेत्र में वास्तविक मजदूरी की वृद्धि दर प्रति वर्ष 1 प्रतिशत से कम थी। दरअसल कृषि क्षेत्र की वास्तविक मजदूरी वृद्धि दर 0.9%, गैर-कृषि क्षेत्र की 0.3% और निर्माण क्षेत्र की (-0.02%) थी। निर्माण क्षेत्र में तो मजदूरी वृद्धि दर ऋणात्मक हो गयी। यानि मजदूरी बढ़ने की बजाय घट गयी।

पांच प्रमुख राज्यों (हरियाणा, केरल, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु) में 2014-15 और 2021-22 के बीच वास्तविक मजदूरी में वृद्धि के बजाय गिरावट आयी है। कुल मिलाकर, तथ्य यह है कि देश में वास्तविक मजदूरी आज भी उतनी ही है जितनी 2014-15 में थी। श्रम ब्यूरो के आंकड़े अनौपचारिक क्षेत्र में वास्तविक मजदूरी के ठहराव की ओर इशारा करते हैं।

एक तरफ 60 प्रतिशत नीचे के लोगों की आय गिरी, दूसरी तरफ बुनियादी वस्तुओं के दामों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। आम आदमी की जिंदगी के बारे में थोड़ी भी जानकारी रखने वाला व्यक्ति इस बात का अंदाज लगा सकता है कि इस कमरतोड़ मंहगाई का उन पर क्या असर पड़ेगा।

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