लखनऊ में रोज़गार अधिकार मॉर्च निकाल रहे 100 से अधिक युवाओं को पुलिस ने किया गिरफ्तार

Estimated read time 1 min read

“यूपी मांगे रोज़गार “- नारे के साथ उत्तर प्रदेश के हजारों बेरोज़गार छात्र युवा लखनऊ के केकेसी डिग्री कॉलेज से विधानसभा तक रोज़गार अधिकार मार्च निकाल रहे हैं। ये रोज़गार अधिकार मॉर्च ‘उत्तर प्रदेश छात्र युवा रोज़गार अधिकार मोर्चा’ के बैनर तले निकाला जा रहा है। 
लेकिन मार्च शुरू होने से पहले ही गिरफ्तारियों का सिलसिला शुरू हो चुका है। रोज़गार अधिकार मार्च में शामिल होने आये 100 से अधिक युवाओं को लखनऊ पुलिस ने डिटेन कर लिया है। मॉर्च को हर हाल में रोकने पर उतारू पुलिस प्रशासन और मार्च निकालने पर आमादा बेज़गार युवाओं के बीच झड़प भी हुई। गिरफ्तार करके ले जाते समय युवा इंकालब ज़िदाबाद और युवा शक्ति जिंदाबाद, यूपी मांगे रोज़गार के नारे लगा रहे हैं। बता दें कि पूरे प्रदेश के छात्र नौजवान आंदोलन के लिए लखनऊ पहुंचे हैं। इसके अलावा प्रदेश के अलग-अलग जिलों से बुद्धिजीवियों के साथ-साथ किसान आंदोलन, महिला आंदोलन विश्वविद्यालय के छात्रों की तरफ से भी बड़े पैमाने पर यूपी मांगे रोज़गार अभियान के तहत चलाए जा रहे रोज़गार आंदोलन को समर्थन मिल रहा है। 
हिरासत में लिये गये रिवोल्यूशनरी यूथ एसोसिएशन के राज्य सचिव सुनील मौर्या फोन पर प्रतिक्रिया देते हुये जनचौक से कहते हैं कि – ” योगी सरकार बेरोज़गारों से कितना डरती है इसका यह एक नमूना भर है। लगभग 100 लोगों को डिटेन किया गया है। लेकिन इससे मार्च रुकने वाला नहीं है, हज़ारों की संख्या में युवा विधानसभा पहुंचे हैं।” 
सुनील मौर्या आगे कहते हैं कि पूरे उत्तर प्रदेश का छात्र नौजवान बेरोज़गारी से त्रस्त है। अलग-अलग सवालों पर संघर्ष कर रहा है। वह चाहे प्राथमिक विद्यालयों में नई शिक्षक भर्ती का सवाल हो, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से 27000 पदों को विज्ञापित करने ,चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति का सवाल हो, यूपीएसएसएससी की कार्यप्रणाली व नियुक्ति का सवाल हो, उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का मामला हो, 69000 शिक्षक भर्ती में भ्रष्टाचार व आरक्षण घोटाला, पुलिस भर्ती व यूपीएसआई का मामला हो या अभी हाल ही में टीईटी, जो पात्रता परीक्षा थी उसका पेपर लीक होने का मामला हो। इन सभी आयोग-  बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षाओं की बदहाल स्थिति से नुकसान गरीब किसान मजदूर पृष्ठभूमि से आने वाले बेरोज़गार छात्र नौजवानों को उठाना पड़ता हैै। जिसके लिए अगर कोई जिम्मेदार है तो वह सीधे सीधे सरकार है। इसीलिए ज़रूरी है कि अलग-अलग लड़ाई लड़ने के बजाय एकजुटता के साथ पूरे प्रदेश में बेरोज़गारी के  ख़िलाफ़ सम्मानजनक रोज़गार के अधिकार के लिए मजबूती से आवाज़ बुलंद की जाए। 

इसी दिशा में हम लोग यूपी मांगे रोजगार अभियान के तहत आज रोज़गार अधिकार मार्च राजधानी लखनऊ में निकाल रहे हैं। जिसे प्रशासन दमन द्वारा रोक रहा है। 

+ There are no comments

Add yours

You May Also Like

More From Author