Thursday, March 28, 2024

डॉ. नवशरण के खिलाफ ईडी के समन का चौतरफा विरोध, किसान संगठनों ने दी आंदोलन की चेतावनी

नरेंद्र मोदी सरकार की अगुवाई में काम कर रही केंद्रीय एजेंसियों, खासकर ईडी द्वारा जम्हूरियत के लिए आवाज उठाने वाले बुद्धिजीवियों का उत्पीड़न जारी है। इस कड़ी में विश्व प्रसिद्ध नुक्कड़ नाटककार की बेटी एवं देश की प्रसिद्ध बुद्धिजीवी व लेखिका डॉ नवशरण का नाम भी शुमार हो गया है। गौरतलब है कि नवशरण को ईडी ने पीएसएलए कानून के तहत समन भेजे हैं। विभिन्न किसान संगठनों ने इसका कड़ा विरोध करते हुए आंदोलन करने की बात की है। 

भारतीय किसान यूनियन (एकता-उगराहा) ने कहा है कि मानवाधिकारों के लिए सक्रिय कारकून और लेखिका नवशरण को हक़-सच के लिए आवाज बुलंद करने के बदले नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से परेशान किया जा रहा है।

किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहा, अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष विभूति नारायण राय, महासचिव डॉ सुखदेव सिंह सिरसा, पंजाब लोक मोर्चा के अध्यक्ष अमोलक सिंह, जनरल सेक्रेट्री कंवलजीत खन्ना, कीर्ति मजदूर यूनियन क्रांतिकारी के राज्य अध्यक्ष सुखपाल सिंह खियावालिया, पंजाब खेत मजदूर यूनियन के अध्यक्ष जोरा सिंह नसराली और महासचिव लक्ष्मण सिंह सेवेवाला ने एक संयुक्त बयान में कहा कि “मोदी सरकार अवाम की ओर खड़े बुद्धिजीवियों को अपनी एजेंसियों के जरिए चुन-चुन कर निशाना बना रही है और पीएसएलए कानून के तहत डॉ नवशरण को प्रताड़ित करने की कवायद की जा रही है।”

उक्त नेताओं और बुद्धिजीवियों का कहना है कि “यह यूपीए सरकार में बने लोक-विरोधी कानूनों का ही एक रूप है जो हुकूमत को किसी भी व्यक्ति के मानवाधिकार को कुचलने की शक्ति देता है।” डॉ नवशरण के साथ पंजाब में लोगों की लहर डटकर खड़ी है। तमाम जत्थेबंदियों ने अपील की है कि “पंजाब और देश के लोग मोदी सरकार की ओर से डॉ नवशरण को साजिशन परेशान करने का पुरजोर विरोध करें।” इस बीच इंकलाबी केंद्र पंजाब के प्रधान नारायण दत्त और प्रवक्ता मुख्त्यार फुसला ने कहा है कि “डॉ नवशरण का कुसूर महज इतना है कि उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार की हर जनविरोधी नीति का विरोध किया और आमजन का साथ दिया।” 

डॉ नवशरण सिंह

जिक्रेखास है कि डॉ नवशरण शाहीन बाग मोर्चा, दिल्ली किसान मोर्चा और देश भर में मानवाधिकारों के हक में चले आंदोलनों में ख़ासी सक्रिय रही हैं। उन्होंने निरंतर कलम चलाकर और विभिन्न जांच-समितियों का हिस्सा होकर लोकहितों का तार्किक समर्थन और फासीवाद का प्रबल विरोध किया है।

वह दुनिया भर में जाने जाने वाले उन नाटककार गुरशरण सिंह की बेटी हैं जिन्होंने आतंकवाद के दौर में खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ लगभग अपने तईं बाकायदा जंग लड़ी। राज्य व्यवस्था के खिलाफ भी आवाज उठाई। जानलेवा धमकियों के बावजूद वह पीछे नहीं हटे। हत्यारी ‘हिटलिस्ट’ में उनका नाम शिखर पर रहा। डॉ नवशरण अपने पिता की सच्ची वारिस हैं। वह दिल्ली में रहती हैं। उनका कहना है कि कुछ हो, वह जम्हूरियत के हक में लड़ती रहेंगी।

(अमरीक वरिष्ठ पत्रकार हैं)                              

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles