नई दिल्ली। ‘द वायर’ के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन के खिलाफ उत्तर प्रदेश में दर्ज एफआईआर के सिलसिले में कल 10 अप्रैल को दिन में दो बजे उत्तर प्रदेश पुलिस दिल्ली में उनके घर पहुँच गयी।
नंदिनी सुंदर ने ट्विटर पर बताया है कि सादे कपड़ों में आये सात-आठ लोगों ने कहा कि वे अयोध्या प्रशासन की तरफ से आयें हैं और सिद्दार्थ वरदराजन को एक नोटिस देना है, जब उन्हें कहा गया कि वे अपना नाम और परिचय बताएं तो उन लोगों ने इससे इनकार कर दिया, उनसे कहा गया कि वे यह नोटिस डाक के डिब्बे में डाल दें तो भी उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया।
दिन में साढे तीन बजे पहले वाला व्यक्ति और कुछ वर्दी में एक बगैर नम्बर वाली एसयूवी में फिर से उनके घर आये, इनमें से कई ने कोरोना से निरापद रहने के लिए मास्क भी नहीं लगाया था। नाम पूछने पर सादी वर्दी वाले ने अपना नाम चंद्रभान यादव बताया। उन्होंने कहा कि इस अत्यावश्यक काम के लिए वे सीधे अयोध्या से चले आ रहे हैं।
जब नंदिनी ने कहा कि यह नोटिस उन्हें दे दो तो उनका कहना था कि किसी महिला या अवयस्क को यह नोटिस देने का कानून नहीं है। उनसे पूछा गया कि यह किस नियम में लिखा है तो वे किसी को फोन करने लगे, फोन पर निर्देश मिलने के बाद नोटिस उन्हें दिया गया।
इस नोटिस में ‘द वायर’ के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन को 14 अप्रैल को सुबह दस बजे अयोध्या थाने में जांच के लिए हाज़िर होने को कहा गया है। ज्ञात हो कि 31 मार्च को ‘द वायर’ में एक लेख प्रकाशित हुआ था। जिसके बारे में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के पक्ष का कहना है कि उसमें मुख्यमंत्री को ग़लत तरीक़े से कोट किया गया है। जबकि उन्होंने ऐसा कोई बयान दिया ही नहीं।
सिद्धार्थ के ख़िलाफ़ यह एफआईआर उनके प्रेस सलाहकार मृत्युंजय की तरफ़ से दर्ज कराया गया है।
(भड़ास से साभार।)
This post was last modified on April 11, 2020 1:06 pm