रामनगर। प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस के चीफ ने एक ऑडियो जारी कर रामनगर में प्रस्तावित ग्रुप ऑफ ट्वेंटी की तीन दिवसीय समिट के दौरान अपने खालिस्तानी एजेंडे को मेहमानों के सामने रखने की धमकी दी है। इस धमकी में रामनगर को कथित खालिस्तान का हिस्सा बताते हुए रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट सहित समिट वेन्यू पर खालिस्तानी झण्डे लगाए जाने की भी धमकी दी गई है।
अंग्रेजी भाषा में रिकॉर्डेड यह संदेश कई लोगों को फोन कर भेजा गया है। जनचौक के पास भी यह संदेश सुरक्षित है। एसएफजे के इस संदेश के बाद पुलिस ने चौकसी बढ़ा दी है।
रविवार शाम आए संदेश से फैली सनसनी
मालूम हो कि रामनगर में 28 से 30 मार्च को होने वाली जी-20 बैठक में 20 देशों के नेता हिस्सा ले रहे हैं। इस समिट के लिए नई दिल्ली से लेकर उत्तराखंड प्रशासन तक विशेष तैयारियों में जुटा है। समिट की सुरक्षा के लिए पुलिस ने भी खासी तैयारियां की हैं। लेकिन रविवार की शाम भारत में प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस के मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू ने रामनगर में होने वाली जी-20 बैठक को लेकर धमकी दी है।
पन्नू की अंग्रेजी भाषा में रिकॉर्डेड आवाज में धमकी वाली कॉल रविवार शाम को सैकड़ों नंबरों पर आई। इसमें पन्नू ने रामनगर को खालिस्तान का हिस्सा बताते हुए बैठक के दौरान वहां खालिस्तान के समर्थन में झंडे लगाने की बात कही है। यह कॉल सबसे ज्यादा मीडिया और सरकारी कर्मचारियों को आए हैं। जिसमें पन्नू धमकी भरे अंदाज में कह रहा है कि रामनगर भारत का हिस्सा नहीं बल्कि खालिस्तान है।
रिकॉर्डेड आवाज में उसने कहा कि बैठक के दौरान सिख फॉर जस्टिस रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और शहर में खालिस्तान के समर्थन में झंडे लगाएगा। ऑडियो में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी धमकाते हुए पन्नू ने कहा कि यदि इस मामले में उनके लोगों के खिलाफ उत्तराखंड में मुकदमा दर्ज किया गया तो इसकी जिम्मेदारी धामी की होगी।
पिछले साल हिमाचल विधान भवन पर लगाए गए थे खालिस्तानी झंडे
रामनगर में होने वाली समिट के लिए धमकी जारी करने वाला गुरपतवंत पन्नू इससे पहले बीते 15 मार्च को अमृतसर में हुए जी-20 सम्मेलन को लेकर भी इसी तरह की धमकी दे चुका है। जबकि पिछले साल 6 जून को इसने खालिस्तान जनमत संग्रह दिवस की घोषणा के साथ ही मई माह में हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला स्थित विधान भवन पर खालिस्तानी झण्डे फहराकर सनसनी फैलाई थी।
जांच में जुटी एसटीएफ
जी-20 समिट पर खालिस्तानी व्यवधान के संदेश के बाद उत्तराखंड पुलिस ने विशेष जांच दल (एसटीएफ) को सक्रिय करते हुए ऑडियो सहित कई नंबरों की जांच शुरू कर दी है। मामला संज्ञान में आते ही डीजीपी अशोक कुमार ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं। विभिन्न नंबरों की जांच में एसटीएफ को लगाया गया है।
लापरवाही पर सस्पेंड होंगे पुलिसकर्मी
ग्रुप ऑफ ट्वेंटी की बैठक को लेकर पुलिस प्रशासन सुरक्षा में किसी प्रकार की कोई चूक नहीं चाहता। बैठक की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर रविवार को आईजी कुमाउं डॉ. नीलेश आनंद भरणे ने ब्रीफिंग करते हुए पुलिसकर्मियों को ड्यूटी में किसी भी प्रकार की लापरवाही ना बरतने के निर्देश देते हुए चेतावनी दी। भरणे ने साफ कहा कि यदि ड्यूटी के दौरान किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही की गई तो संबंधित पुलिसकर्मी को सस्पेंड भी किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक पुलिसकर्मी को जीरो टॉलरेंस के तहत ड्यूटी करनी होगी। किसी भी प्रकार की लापरवाही के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने बताया कि नैनीताल एवं उधमसिंहनगर जनपद सहित दोनों जिलों के करीब 2,000 से अधिक पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को ड्यूटी पर लगाया गया है।
जिन जिन मार्गो से इस बैठक में भाग लेने वाले डेलीगेट्स गुजरेंगे उन सभी जगहों को सीसीटीवी कैमरे से लैस किया गया है। पुलिस का प्रयास है कि बाहर से आए मेहमानों की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की चूक ना हो।
राज्यपाल-मुख्यमंत्री समेत पूरी कैबिनेट रह सकती है मौजूद
जी-20 समिट के लिए विदेशी मेहमान 28 मार्च की दोपहर को पंतनगर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। यहां से विदेशी मेहमान सड़क के रास्ते रामनगर पहुंचेंगे। इस दौरान उनका रूट जीरो जोन रहेगा। 29 मार्च को सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक सभी वैज्ञानिकों की बैठक होगी।
29 मार्च की शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम और गाला डिनर होगा। इसमें राज्यपाल, मुख्यमंत्री के अलावा प्रदेश की पूरी कैबिनेट भी मौजूद रह सकती है। मीडिया कर्मियों के पास देखने के बाद कार्यक्रम में प्रवेश मिलेगा। करीब दो हजार से अधिक पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को ड्यूटी पर लगाया गया है।
(रामनगर से सलीम मलिक की रिपोर्ट)