Thursday, April 25, 2024

श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने फिर कहा, आत्मसमर्पण करे अमृतपाल

श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने एक बार फिर कहा है कि ‘वारिस पंजाब दे’ के भगोड़े मुखिया अमृतपाल सिंह खालसा को पुलिस के आगे आत्मसमर्पण कर देना चाहिए। वह पहले भी अमृतपाल सिंह के लिए ऐसी सलाह दे चुके हैं। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने तख्त श्री दमदमा साहिब में बुलाई गई विशेष सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अमृतपाल सिंह की बाबत खौफ फैलाया जा रहा है और उसे अब खुद आगे आकर आत्मसमर्पण कर देना चाहिए। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार केंद्र और राज्य सरकार पर भी खूब बरसे। अलबत्ता यह भी कहा कि सिख सरकार से विवाद नहीं संवाद चाहते हैं।

ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि बैसाखी के मौके पर खालसा साधना दिवस मनाया जाता है। यह एक बड़ा धार्मिक कार्यक्रम होता है। देश-विदेश में रहने वाले सिख हफ्ता भर पहले ही आने शुरू हो जाते हैं। इन दिनों पंजाब पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां अमृतपाल सिंह के खिलाफ अभियान चलाए हुए हैं और फ्लैग मार्च निकाले जा रहे हैं। इससे दहशत का माहौल बना हुआ है। पूरी दुनिया में यह संदेश जा रहा है कि पंजाब का माहौल ठीक नहीं है, जबकि ऐसा कुछ नहीं है। सूबे की छवि को धूमिल किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया को दबाया जा रहा है। पंजाब में ऐसे कुछ यूट्यूब मीडिया चैनलों को बैन किया गया है। पत्रकारों को थानों में तलब किया जा रहा है। यह सरासर गलत है। कई पत्रकारों के फेसबुक पेज और ट्विटर बंद करवा दिए गए हैं। सरकार से सवाल पूछने का मतलब देशद्रोह नहीं होता। मजबूत मीडिया का होना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार जितना भी पंजाब को दबाने की कोशिश करेगी, उतना ही लोग आवाज उठाएंगे और अगर पंजाब को दबा लिया गया तो विदेशों से आवाज उठेगी। जत्थेदार ने कहा कि एंटी सिख ड्राइव को तोड़ने के लिए पंजाब फोबिया ग्रुप बनाया जाए, जिस पर सच दिखाया जा सके।

गौरतलब है कि तख्त श्री दमदमा साहिब बठिंडा जिले के तलवंडी साबो में स्थित है। वहां पुलिस और अर्धसैनिक बल लगातार फ्लैग मार्च निकाल रहे हैं। अफवाह है कि अमृतपाल सिंह यहां आत्मसमर्पण कर सकता है। हालांकि बठिंडा रेंज के एडीजीपी सुरेंद्र पाल सिंह परमार का कहना है कि पुलिस ने हाई अलर्ट होने की वजह से कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए फ्लैग मार्च निकाला है। लेकिन जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने जोर देकर कहा कि जानबूझकर दहशत का माहौल बनाया जा रहा है। फ्लैग मार्च निकालकर और भारी तादाद में पुलिस तथा अर्धसैनिक बलों की तैनाती पैनिक क्रिएट कर रही है।

इससे सरकार का भी अक्स खराब होता है। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहां की भारत सरकार ने सिखों से 75 वादे किए थे, लेकिन एक भी पूरा नहीं किया। हम चुप हैं, लेकिन फिर भी सिखों को आतंकवादी कहां जा रहा है। जिन युवाओं ने किसान आंदोलन में अपनी आवाज बुलंद की उनकी आवाज को दबाया जा रहा है। हर साल वैशाखी पर खालसा साधना दिवस के मौके पर लगभग 15 लाख सिख यहां आते हैं। हम डरने या झुकने वाले नहीं हैं।

जिक्रेखास है कि अमृतपाल सिंह खालसा ने बीते दिनों जारी वीडियो में कहा था कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को मौजूदा हालात के मद्देनजर सरबत खालसा बुलाना चाहिए। लेकिन जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने इससे दो-टूक इनकार कर दिया है। अपने संबोधन में उन्होंने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के प्रति भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि सिख राज के झंडों को पुलिस ने खाली स्थान के झंडे बताकर सिखों को बदनाम किया। इसे लेकर सर्वोच्च श्री अकाल तख्त साहिब में एक बैठक हुई थी, जिसमें एसजीपीसी को उन पुलिस अधिकारियों व बेबुनियाद खबरें चलाने वालों पर केस दर्ज करवाने को कहा गया था लेकिन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने इस पर कोई सार्थक कदम नहीं उठाया। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि वह अकाल तख्त से एसजीपीसी को आदेश देते हैं कि सिखों को बदनाम करने वालों पर फौरन मुकदमे दर्ज करवाए जाएं।

उधर, 22 दिन बीतने के बाद भी भगोड़े अमृतपाल सिंह खालसा का कोई अता-पता नहीं है। पुलिस मीडिया को रोज संकेत देती है कि वह उसकी गिरफ्त के नजदीक है। इसे लेकर पुलिस और एजेंसियों की खूब किरकिरी हो रही है कि वह कैसे छुट्टा घूम रहा है। पुलिस कभी दावा करती है कि वह हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में घूमकर वापिस पंजाब आ गया और कभी यह कि वह फिर से भाग गया है। नेपाल तक में उसकी गिरफ्तारी के लिए पंजाब पुलिस की टीमें तैनात हैं। समूचे सरकारी तंत्र पर अमृतपाल सिंह खालसा प्रकरण की बाबत सवाल उठ रहे हैं।

अमृतपाल के ज्यादातर करीब भी पकड़े जा चुके हैं। उसका नेटवर्क ध्वस्त करने का दावा पंजाब पुलिस और एजेंसियों ने सांकेतिक रूप से किया है लेकिन वह खुद हर बार पुलिस के हाथ आते-आते कैसे बच निकलता है? मोगा जिला में वह दो डीआईजी, आठ एसएसपी और 3200 हथियारबंद पुलिस मुलाजिमों तथा अर्धसैनिक बलों की दो कंपनियों के सामने से फरार होने में कामयाब रहा। पुलिस के ही मुताबिक वहां से वह पटियाला, लुधियाना गया और बाद में सुराग मिलेगी वह उत्तराखंड में है। कुछ दिन बाद उसके पंजाब के होशियारपुर जिले में होने की खबर आई। व्यापक तलाशी अभियान चलाया गया; लेकिन पुलिस के हाथ अभी भी खाली हैं।

अब पंजाब ही नहीं पूरा देश पूछ रहा है कि इस बात की पुख्ता जानकारी क्यों नहीं मिल रही कि आखिर अमृतपाल सिंह है कहां? अगर पुलिस को उसे कहीं भी होने की खुफिया सूचना मिलती है तो वह पकड़ में क्यों नहीं आता? दोहराना अप्रसांगिक नहीं होगा कि भागने के बाद जारी अपनी पहली वीडियो में अमृतपाल सिंह ने कहा था कि जिस दिन उसके खिलाफ ऑपरेशन शुरू किया गया तो वह सुबह तक गांव में स्थित अपने घर में मौजूद था। उसने चुनौती भरा सवाल किया था कि पंजाब पुलिस ने उसे वहां क्यों नहीं पकड़ा?

भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक पंजाब पुलिस अब इस थ्योरी पर काम कर रही है कि वह बैसाखी से पहले या 14 अप्रैल को किसी बड़े धार्मिक स्थल से आत्मसमर्पण कर सकता है। लेकिन पुलिस उसे गिरफ्तार दिखाना चाहती है। इसी के मद्देनजर अमृतसर सहित पंजाब के कई बड़े शहरों में निरंतर फ्लैग मार्च निकाले जा रहे हैं। पुलिस नहीं चाहती कि वह आत्मसमर्पण करके नायक बनने की कवायद करे। अस्सी हजार पुलिसकर्मी और तमाम आला अफसर तथा अर्धसैनिक बलों की कई कंपनियां उसकी गिरफ्तारी के लिए महज पंजाब में ही तैनात हैं। दूसरे राज्यों में भी उसकी तलाश की जा रही है लेकिन फिर भी…?

(अमरीक की रिपोर्ट।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles