Friday, April 26, 2024

कांग्रेस पार्टी अपने सांगठनिक ढांचे के सामाजिक स्वरूप को बदलने जा रही है?

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी का 85वां पूर्ण अधिवेशन 24 से 26 फरवरी को रायपुर (छत्तीसगढ़) में होने जा रहा है। इस अधिवेशन में इस बात की संभावना है कि पार्टी अपने संविधान में संशोधन करके यह सुनिश्चित करे कि नीचे से ऊपर तक पार्टी के 50 प्रतिशत पद एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यकों और महिलाओं के लिए आरक्षित करे। कांग्रेस ने पार्टी अध्यक्ष के रूप में दलित सामाजिक पृष्ठभूमि से आए मल्लिकार्जुन खड़गे को चुनकर इस बात का स्पष्ट संकेत दे दिया था कि पार्टी दलितों के बीच अपने आधार को विस्तारित और मजबूत करना चाहती है और हिंदी पट्टी में दलितों के बीच अपने खोए आधार को भी फिर से हासिल करना चाहती है।

छत्तीसगढ़ में अन्य दावेदारों के बरक्स मुख्यमंत्री के रूप में भूपेश बघेल की ताजपोशी इस बात का संकेत थी कि पार्टी अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को अपने साथ जोड़ने के लिए हर कोशिश कर रही है। ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ नारे और प्रियंका गांधी और अन्य महिलाओं को चेहरा बनाकर कांग्रेस ने महिलाओं को अपनी ओर खींचने की कोशिश पहले ही उत्तर प्रदेश से शुरू कर चुकी है।

राहुल गांधी के भारत जोड़ो-यात्रा का केंद्रीय नारा नफरत की राजनीति का देश से खात्मा था। यह स्थापित तथ्य है कि इस देश में भाजपा की नफरत की राजनीति के सबसे अधिक शिकार अल्पसंख्यक समुदाय, विशेषकर मुस्लिम हैं। राहुल गांधी ने इस यात्रा के माध्यम से मुसलमानों में एक हद तक विश्वास कायम करने में सफल हुए हैं। राहुल गांधी सतत रूप में आरएसएस और सावरकर के हिंदुत्व को चुनौती दे रहे हैं, जिसके निशाने पर मुसलमान होते हैं। राहुल गांधी का यह वैचारिक स्टैंड मुसलमानों को कांग्रेस के साथ जोड़ने में मददगार होगा।

कांग्रेस को शायद इस बात का अहसास हो गया है कि आज देश की राजनीति जहां पहुंच गई है और ऐतिहासिक तौर पर वंचित तबकों की प्रतिनिधित्व की आकांक्षा जिस कदर बढ़ चुकी है, उनको तब तक कांग्रेस के साथ नहीं जोड़ा सकता है, जब तक की संगठन के भीतर उनके प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित न किया जाए।

कांग्रेस के सांगठनिक ढांचे के भीतर इस प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने में एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यकों और महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत पद आरक्षित करना एक महत्वपूर्ण सांगठनिक कदम साबित हो सकता है। कांग्रेस ने इस तरह की मंशा उदयपुर (राजस्थान) के चिंतन शिविर (13 से 15 मई 2022) में जाहिर किया था, लेकिन इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई थी।

कांग्रेस के इस 85 वें पूर्ण अधिवेशन में कांग्रेस के संगठन के 50 प्रतिशत पद 50 वर्ष तक के युवाओं के लिए आरक्षित करने के लिए भी कांग्रेस के संविधान में संसोधन किया जाएगा, जिसकी घोषणा उदयपुर चिंतन शिविर में की गई थी। इस अधिवेशन में अध्यक्ष के रूप में मल्लिकार्जुन खड़गे के चुनाव पर भी मुहर लगाई जाएगी। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इस अधिवेशन में कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) के सदस्यों का चुनाव होगा या नहीं।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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