Tuesday, March 19, 2024

जनगणना में सरना धर्म को एक विकल्प के रूप में शामिल करने की आदिवासियों की मांग खारिज 

पहले की तरह इस बार के जनगणना फॉर्म में भी धार्मिक विकल्प के लिए मात्र 6 धर्मों का ही विकल्प दिया गया है। अंतिम अनुसूची में सरना एवं लिंगायत धर्म के लिए विस्तृत संहिता को शामिल नहीं किया गया है। इस जनगणना में भी हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध, सिख और जैन का विकल्प ही चुनने के लिए दिया गया है। हालांकि कई समुदायों की ओर से लंबे अर्से से इसकी मांग की जा रही है। इसमें प्रकृति को अपना आराध्य मानने वाले झारखंड, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के आदिवासियों की ओर से उन्हें उनके सरना धर्म में शामिल किये जाने के लिए अभियान चलाने की बात हो, या कर्नाटक के लिंगायत समुदाय के द्वारा उन्हें हिंदू धर्म से अलग दर्जा दिए जाने की मांग रही हो। धर्म के कॉलम में उत्तरदाता चाहें तो किसी अन्य धर्म की पहचान को दर्ज करा सकते हैं, लेकिन इसके लिए अलग से कोई संहिता नहीं बनाई गई है। 

जबकि 2011 की जनगणना में, जनसांख्यकीय अधिकारियों द्वारा हासिल किये गये आंकड़ों के आधार पर विस्तृत संहिता का खाका तैयार किया गया था। हालांकि बाद में इन्हें त्याग दिया गया और अंतिम अनुसूची में सिर्फ छह धर्म की संहिताओं को ही बरकरार रखा गया। इसका विवरण “1981 के बाद से भारतीय जनसांख्यकी पर ग्रंथ” नामक शीर्षक वाली रिपोर्ट में इसका विस्तृत ब्यौरा दर्ज है, जिसे 22 मई को गृह मंत्री अमित शाह द्वारा जारी किया गया।

वहीं दूसरी ओर पीने के पानी के स्रोत को लेकर इस बार की जनगणना में प्रश्न पूछे गये हैं। जनगणना प्रश्नावली में एक प्रश्न यह भी है कि “क्या आप पैकेज्ड बोतलबंद पानी का इस्तेमाल करते हैं?” अभी तक की जनगणना में जिन विषयों के बारे में मालूमात हासिल की जाती थी, उसमें यह नया प्रश्न जुड़ा है। इसके अलावा, किसी व्यक्ति या परिवार द्वारा अपने मूल स्थान से पलायन के कारणों में एक विकल्प “प्राकृतिक आपदा” भी जोड़ा गया है।

डिजिटल होगी जनगणना 

अगली जनसांख्यकी देश में पहली बार डिजिटल होने जा रही है, जिसमें उत्तरदाताओं के लिए अपने घर पर बैठकर ही प्रश्नावली भरने का विकल्प खुला रहेगा। पहले चरण के लिए 31 प्रश्न तैयार किये गये हैं। इसे 9 जनवरी, 2020 को अधिसूचित किया गया था, जिसमें मकान से संबंधित प्रश्न और आवास संहिता को रखा गया है। दूसरे चरण के लिए 28 प्रश्नों को अंतिम रूप दिया गया है, जो जनसंख्या की गणना से संबंधित है, किंतु इसे अभी तक अधिसूचित नहीं किया गया है। दोनों चरणों के लिए अंतिम प्रश्नावलियों की सूची को 2019 में की गई प्री-टेस्ट एक्सरसाइज के दौरान 36 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के 76 जिलों में पूछा गया था, और इसे 26 लाख से उपर की आबादी के ऊपर आजमाया गया था। 

2011 और अगली जनगणना में पूछे जाने वाले प्रश्नों का तुलनात्मक अध्ययन बताता है कि इस बार की प्रश्नावली में काम पर जाने के लिए यातायात के साधनों के बारे में भी पूछा जाएगा, और उत्तरदाताओं को अपनी यात्रा के साधनों सहित इसमें लगने वाले समय के बारे में बताना होगा, और जानने का प्रयास किया जायेगा कि क्या वे मेट्रो का उपयोग करते हैं। 

एक सवाल विकलांगता के स्वरुप और कारणों को लेकर भी होगा जिसे विस्तारित कर “एसिड अटैक, बौद्धिक विकलांगता, दीर्घकालिक स्नायविक रोग एवं रक्त विकार” तक विस्तारित किया गया है। 

अगली जनगणना में इस बात को भी दर्ज किया जाना है कि क्या वह व्यक्ति किराए के मकान में रह रहा है और उसके पास कहीं और स्वंय का घर है, या उसके पास किसी प्रकार का कोई जमीन या मकान नहीं है। पीने के पानी की उपलब्धता के प्रश्न में “आवास के पास” पानी की उपलब्धता का आशय “शहरी क्षेत्रों के लिए 100 मीटर के भीतर” और “ग्रामीण इलाकों के लिए 500 मीटर के भीतर” माना गया है। 

पूर्वाग्रह को कम करने के लिए निर्देशिका 

पहली बार, एक संहिता निर्देशिका को तैयार किया गया है, जिसमें विवरणात्मक एवं गैर-संख्यात्मक प्रविष्टियों वाले प्रश्नों के लिए संभावित प्रतिक्रियाएं और उनके लिए मिलान कोड को शामिल किया गया है, जिसे जनगणना 2021 के दूसरे चरण के दौरान गणनाओं के उपयोग के लिए तैयार किया गया था। इसमें मुखिया के साथ रिश्ते, मातृभाषा एवं अन्य ज्ञात भाषाएं, व्यवसाय, उद्योग की प्रकृति, व्यापार या सेवा, जन्म स्थान / अंतिम निवास स्थान एवं अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) इत्यादि के संबंध में कोड तैयार किये गये हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, “इन विवरणात्मक प्रतिक्रियाओं के डेटा प्रसंस्करण के लिए मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता पड़ेगी,  जिससे कि तालिका बनाने की योजना के हिसाब से इन्हें आवश्यक डेटा के प्रारूप में संहिताबद्ध किया जा सके। इसमें डेटा पूर्वाग्रह एवं त्रुटियों का जोखिम भी होगा, क्योंकि गणनाकार अलग-अलग निर्णय पर पहुंच सकते हैं और साथ ही प्रतिक्रियाओं को संहिताबद्ध करने वाले व्यक्तियों के उपर भी यह निर्भर करेगा।

(रविंद्र पटवाल की रिपोर्ट)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles