
लखनऊ। आरएसएस यूपी में योगी को सत्ता में बैठाकर अब उनसे अपनी कीमत वसूलना शुरू कर दिया है। तमाम कल्याणकारी फैसलों के बीच योगी सरकार ने एक कड़वा फैसला भी लिया है। जिसके तहत उसने निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों के पीजी पाठ्यक्रमों में पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों को मिलने वाले आरक्षण को खत्म कर दिया है। इससे संबंधित शासनादेश भी जारी हो चुका है।
सपा सरकार ने लागू किया था आरक्षण
आपको बता दें कि तकरीबन दस साल पहले 2006 में सरकारी मेडिकल कॉलेजों के साथ-साथ सपा सरकार ने निजी मेडिकल और डेंटल कालेजों में आरक्षण लागू करने का फैसला किया था। अब योगी सरकार ने अपने गठन के एक महीने के भीतर ही उसे खत्म कर दिया है। इससे बीजेपी का समर्थक आधार भले खुश हो। लेकिन हालिया चुनाव में पिछड़ों और दलितों के एक बड़े हिस्से ने पार्टी को वोट दिया था। ऐसे में उसके नाराज होने की आशंका बढ़ गयी है।
आरएसएस का दबाव
माना जा रहा है कि योगी के इस फैसले के पीछे आरएसएस का दबाव काम कर रहा है। कुछ दिनों पहले आरएसएस प्रवक्ता मनमोहन वैद्य ने बाकायदा इसकी मांग की थी। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी आरक्षण की समीक्षा की मांग करते रहे हैं। बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती की पूर्व संध्या पर लिए गए इस फैसले को लेकर पिछड़े वर्ग के बड़े हिस्से में सरकार के खिलाफ सुगबुगाहट शुरू हो गयी है।
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