
नई दिल्ली। जेएनयू के छात्रों के विरोध मार्च के दौरान हुए पुलिस हमले के विरोध में पत्रकारों ने शनिवार को दिल्ली पुलिस मुख्यालय के सामने पदर्शन किया। पत्रकार शुक्रवार को मीडियाकर्मियों पर हमले और छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे।
शुक्रवार को दो पत्रकारों ने अलग-अलग शिकायत दर्ज करायी है जिसमें एक हमला और दूसरी छेड़छाड़ की है। इन लोगों के साथ ये घटनाएं तभी घटीं जब शुक्रवार को जेएनयू के शिक्षकों और छात्रों की ओर से निकाले गए एक मार्च को ये कवर कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस न केवल वाटर कैनन चलायी बल्कि उसने भीषण लाठीचार्ज भी किया। इस कार्रवाई में उन लोगों ने पत्रकारों को भी नहीं बख्शा। इसमें कई महिला पत्रकारों के साथ पुलिस बेहद बदतमीजी से पेश आयी।
एक साझे बयान में प्रेस क्लब आफ इंडिया, इंडियन वीमेंस प्रेस कार्प्स, प्रेस एसोसिएशन और फेडरेशन आफ प्रेस क्लब आफ इंडिया ने अफसरों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस कमिश्नर से इस दिशा में तत्काल कदम उठाने की मांग की है।
विरोध-प्रदर्शन कर रहे एक पत्रकार ने कहा कि “कल जो हुआ वो न केवल अचंभित करने वाला है बल्कि डरावना भी है। ये शहर में कानून और व्यवस्था को लागू करने वाली पुलिस के जवानों की अनुशासन में कमी को दिखाता है…..महिला रिपोर्टरों की तो बहुत बुरी स्थिति थी।”
एक वीडियो सामने आया है जिसमें रैली के दौरान एक महिला रिपोर्टर के साथ दो पुलिसवाले बहुत बुरा व्यवहार कर रहे हैं। इसके अलावा हिंदुस्तान टाइम्स के फोटोग्राफर के साथ पुलिसकर्मियों का एक समूह बेहद गलत तरीके से पेश आ रहा है। घटना के कई घंटे बाद भी महिला पत्रकार को उसका कैमरा नहीं मिल सका।
पत्रकारों की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि “लगातार ये बताने के बावजूद कि वो पत्रकार हैं यहां तक अपने आई कार्ड दिखाने पर भी उन्हें नहीं बख्शा गया।”
आज प्रदर्शन के दौरान पत्रकारों ने पुलिस मुख्यालय के सामने जमीन पर ही अपना कैमरा रख दिया और उन्होंने विरोध स्वरूप वहां से हटने से इंकार कर दिया।
Journalists had heated argument with police outside Delhi Police HQ where they gathered in protest against alleged molestation of a woman journalist by Delhi Cantt SHO & manhandling of another journalist by police y'day. Protesters kept their cameras on ground as mark of protest. pic.twitter.com/DS43OuWXe7
— ANI (@ANI) March 24, 2018
दिल्ली पुलिस प्रवक्ता मधुर वर्मा ने कहा कि पुलिसकर्मियों की मंशा मीडिया को उसके काम में बांधा पहुंचाने की नहीं थी।“ महिला पुलिस कर्मियों ने फोटो जर्नलिस्ट को भूल से प्रदर्शनकारी समझ लिया।” न्यूज 18 में छपी खबर के मुताबिक पुलिस प्रवक्ता ने पूरी घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस पूरे मामले की जांच करेगी।
इस बीच महिला आयोग ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
इसके पहले शुक्रवार को पुलिस ने जेएनयू के प्रदर्शनकारियों के साथ और भी बुरे तरीके से पेश आयी। प्रदर्शन में शामिल कई लड़कियों और महिलाओं के साथ जवानों के छेड़छाड़ के आरोप लगे हैं। कई छात्राओं के कपड़े पुलिसकर्मी खींचते हुए दिख रहे हैं। इस तरह की कई फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। प्रदर्शनकारियों को तितर-वितर करने के लिए पुलिसकर्मियों ने जमकर लाठियां बरसायीं।
खास बात ये है कि सारे प्रदर्शनकारी शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे। न तो किसी तरह की हिंसा और न ही वैसी कोई आशंका दिख रही थी। बावजूद इसके पुलिसकर्मियों ने अचनक लाठीचार्ज कर दिया। जिसमें सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को गंभीर चोटें आयी हैं।
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