नई दिल्ली। मुंबई के जंगली इलाके आरे में स्थित पेड़ों की कटाई के मामले में अब जनता और प्रशासन आमने-सामने आ गए हैं। बांबे हाईकोर्ट द्वारा पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने से इंकार करने के बाद जनता सड़कों पर उतर आयी है। आज सुबह वहां प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने पहले लाठीचार्ज किया उसके बाद 29 लोगों को हिरासत में ले लिया।
प्रशासन का कहना है कि इलाके में मेट्रो के लिए कार शेड बनाना है इसलिए पेड़ों की कटाई जरूरी हो गयी थी। आपको बता दें कि आरे को मुंबई का फेफड़ा माना जाता है उसके जिंदा पेड़ों के कटने से पर्यावरण को जबर्दस्त नुकसान पहुंचेगा जिसकी किसी भी रूप में भरपाई नहीं की जा सकती है। कल दिन में बांबे हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद प्रशासन ने रात से ही पेड़ों की कटाई शुरू कर दी थी। उसने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के लिए भी लोगों को समय नहीं दिया।
सरकार के इस रवैये से जनता में बेहद रोष है। पूरे इलाके में सेक्शन 144 लागू कर दिया गया है। विरोध करने वाले नागरिकों का कहना है कि प्रशासन ने अब तक 1000 से ज्यादा पेड़ काट दिए हैं। इन प्रदर्शनकारियों में से एक ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि “प्रदर्शन स्थल पर पुलिस ने लोगों पर लाठीचार्ज किया है। उसने आदिवासियों तक को नहीं छोड़ा है। आदिवासी लड़कियां अंदर बैठी हुई हैं और उन्होंने इलाके को छोड़ने से मना कर दिया है। पुलिस ने लोगों को हिरासत में ले लिया है उन्हें कई थानों में ले जाकर रखा हुआ है।”

बीएमसी के फैसले के खिलाफ यह याचिका एक्टिविस्ट जोरू भथेना ने बांबे हाईकोर्ट में दायर की थी। लेकिन हाईकोर्ट से उन्हें कोई राहत नहीं मिली। इलाके के रहने वाले और पर्यावरण कार्यकर्ता कार शेड को कहीं और शिफ्ट करने की मांग कर रहे हैं। जिससे पेड़ों को कटने से बचाया जा सके।
पीटीआई को एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि “हम लोगों ने 29 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है। इनमें छह महिलाएं हैं। इसमें से कुछ ने आरे कालोनी में तैनात पुलिसकर्मियों से न केवल हाथापाई की बल्कि उनकी पिटाई भी की। इसके साथ ही इन लोगों ने उनके काम में बांधा भी पहुंचाया।”
अभी जबकि मुंबई में प्रदर्शन जारी है पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने लखनऊ में कहा है कि मुंबई में काटे जा रहे पेड़ बिल्कुल दिल्ली की तरह हैं। सरकार इसका दुगना पेड़ लगाएगी।
कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने कहा कि कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज गैरजरूरी था। धारा 144 लगाने की क्या जल्दी थी। उन्होंने कहा कि वह लाठीचार्ज की निंदा करते हैं।
सुबह नौ बजकर 45 मिनट पर ही आरे पुलिस स्टेशन में गिरफ्तार किए जा चुके के सामंत सुर्वे ने कहा कि “हम लोग सुबह नौ बजकर 45 मिनट पर ही आरे पिकनिक प्वाइंट को पार कर गए थे। जहां हम पेड़ों को काटती हुई मशीनों की आवाज सुन सकते थे। यह दिल को बिल्कुल बैठा देने वाला था। पुलिस ने पिछली रात को वादा किया था कि कोई भी पेड़ नहीं काटा जाएगा।” आरे पुलिस स्टेशन से तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है।
दिलचस्प बात यह है कि शिवसेना के युवा नेता आदित्य ठाकरे ने भी पेड़ों के काटे जाने का विरोध किया है। जबकि सच्चाई यह है कि यह फैसला उनकी पार्टी के नेतृत्व वाली बीएमसी का ही है।