नई दिल्ली। देश में उच्च शिक्षा को लेकर लोकसभा में चौंकाने वाले आंकड़ें पेश किए गए हैं। जो आने वाले भविष्य के लिए चिंताजनक है। इन आंकड़ों के अनुसार देश में कुल 1,113 यूनिवर्सिटी में से 695 और 43, 796 कॉलेजों में से 34, 734 को नैक (नेशनल असेंसमेंट एंड एक्रिडेशन काउंसिल) से मान्यता प्राप्त नहीं है। जिसके अनुसार देश में 62% यूनिवर्सिटी और 78% कॉलेज शिक्षा मानकों पर खरे नहीं है।
34 हजार से अधिक कॉलेज नैक मान्यता के बिना संचालित
इस बात की जानकारी केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार ने सोमवार को लोकसभा में लिखित में दी है। उन्होंने कहा कि यूजीसी से मिली जानकारी के अनुसार नैक मान्यता के बिना संचालित होने वाले कॉलेजों की संख्या 34,734 है। नई शिक्षा नीति में सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को उनकी संस्थागत विकास योजनाओं के माध्यम से अगले 15 सालों से उच्चतम स्तर की मान्यता प्राप्त करने का लक्ष्य रखने की कल्पना की गई है।
इसके साथ ही कहा कि सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को आधिकारिक मान्यता देने के लिए नैक ने मूल्यांकन और मान्यता के लिए शुल्क भी काफी कम कर दिया है। संबद्ध और घटक कॉलेजों के लिए स्व-अध्ययन रिपोर्ट के मैनुअल में मेट्रिक्स और प्रश्नों को भी काफी कम कर दिया गया है।
सात मानकों पर खरे नहीं शैक्षाणिक संस्थान
जारी आंकड़ों से यह पता चलता है कि उच्च शिक्षा के मामले में संस्थान खरे नहीं है। यूजीसी ने उच्च शिक्षा के लिए नैक से मान्यता लेना अनिर्वाय कर दिया था। जिसके तहत यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में सात मानक करिकुलम, टीचिंग-लर्निंग, रिसर्च एक्सटेंशन, इंफ्रास्ट्रक्चर, छात्रों को सपोर्ट, गवर्नेंस लीडरशिप और इनोवेशन बेस प्रौक्टिस तय किए गए थे। अगर कोई यूनिवर्सिटी और कॉलेज इन मानकों को पूरा करता है तो उसे नैक की मान्यता प्राप्त होती है।
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