गुजरात: सलमान खुर्शीद समेत कई आला नेताओं ने किया मेडल से वंचित की गयी टॉपर मुस्लिम बच्ची को सम्मानित

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अहमदाबाद। इंडियन मुस्लिम्स फॉर सिविल राइट्स (IMCR) ने मेहसाणा के एक स्कूल में क्लास में फर्स्ट आने के बाद भी मेडल से वंचित की गयी छात्रा अरनाज बानू को सम्मानित किया। मौका था संगठन के राज्य स्तरीय सम्मेलन का जो अहमदाबाद के रविंद्र नाथ टैगोर हॉल में आयोजित किया गया था। सम्मेलन का विषय “संवैधानिकता एवं धर्मनिरपेक्षता के आगे का रास्ता” था। पूर्व डिप्टी स्पीकर राज्य सभा के. रहमान, पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, समाजवादी पार्टी महाराष्ट्र के अध्यक्ष अबू आसिम आज़मी, पूर्व राज्य सभा सांसद मोहम्मद अदीब, योजना आयोग के पूर्व सदस्य सैय्यद सय्यदैन हमीद, राज्यसभा सांसद कुंवर दानिश अली ने सम्मेलन को संबोधित किया।

इस मौके पर एक मात्र महिला वक्ता सैय्यद सय्यदैन हमीद ने मेहसाणा के के. टी. पटेल स्मृति विहार विद्यालय की छात्रा अरनाज बानू और मुजफ्फरनगर के नेहा पब्लिक स्कूल की शिक्षिका तृप्ता त्यागी द्वारा मुस्लिम बच्चे की हिंदू बच्चों से पिटाई के मामले को उठाया। सैय्यदैन हमीद ने कहा “हम पूरे मुल्क को एक्सपेरिमेंटल लैब नहीं बनने देंगे। हमारे मेंटर पंडित नेहरू, मौलाना अबुल कलाम आजाद, ज़ाकिर हुसैन हैं। हम हिंदू-मुस्लिम यूनिटी के अलंबरदार हैं।”

उन्होंने कहा कि “मेहसाणा के एक स्कूल में अरनाज़ बानू के साथ जो हुआ या अभी मुजफ्फरनगर में एक मासूम मुस्लिम बच्चे की पिटाई टीचर ने दूसरे हिंदू बच्चों से करवाई। हम दोनों घटनाओं की निंदा करते हैं। इस प्रकार का भेदभाव केवल मुस्लिमों के साथ नहीं हो रहा है। अरनाज बानू के स्कूल ने जाति धर्म के नाम पर यह भेदभाव पहली बार नहीं किया है। अभी मुझे मार्टिन मैकवान से मालूम हुआ कि के.टी. पटेल स्कूल में पिछले साल दलित बच्ची निशा ने स्कूल में टॉप किया था। लेकिन अनुसूचित जाति की होने के कारण निशा को स्कूल प्रशासन ने सम्मानित नहीं किया।”

सय्यदैन हमीद ने कहा कि “जिस प्रकार से अरनाज़ बानू और उसके परिवार की तरफ से प्रतिक्रिया आई। इस प्रकार की प्रतिक्रिया निशा और उसके परिवार की तरफ से नहीं आई थी। क्योंकि दलित बच्ची निशा और उसके परिवार ने मान लिया है यह तो दलितों की किस्मत है।”

इंडियन मुस्लिम्स फॉर सिविल राइट्स (IMCR) ने अरनाज़ बानू को के.रहमान और सलमान खुर्शीद के हाथों ट्रॉफी और शॉल देकर सम्मानित किया। जिस समय अरनाज़ को ट्रॉफी दी गई, टैगोर सभागार धार्मिक नारों से गूंज उठा लेकिन तुरंत आयोजकों ने किसी प्रकार के नारे लगाने से मना कर दिया।

आपको बता दें मेहसाणा जिले की एक तहसील खेरालू है। इसी तहसील के लुड़वा गांव में के. टी. पटेल स्मृति विद्या विहार है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर स्कूल ने दसवीं में टॉप करने वाले छात्र और छात्राओं को सम्मानित करने का कार्यक्रम रखा था। अरनाज़ बानू ने स्कूल में दसवीं परीक्षा में सबसे अधिक नंबर लाकर स्कूल टॉप किया था। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर स्कूल द्वारा इस छात्रा का सम्मान होना था।

लेकिन स्कूल संचालकों ने नफरत के चलते पहले नंबर पर आई छात्रा का नाम हटा कर दूसरे नंबर पर आई हिंदू छात्रा को टॉपर बताकर उसका सम्मान कर दिया। जिसके बाद अरनाज़ के परिवार ने विरोध किया। यह खबर पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुई। बाद में राष्ट्रीय खबर बन गई और अरनाज के साथ हुए भेदभाव के खिलाफ देश भर से आवाज उठी।

इसी प्रकार से मुजफ्फरनगर के खुब्बापुर गांव में एक नेहा पब्लिक स्कूल है। जिसकी संचालिका तृप्ता त्यागी हैं। त्यागी का एक वीडियो वायरल हुआ है। वायरल वीडियो में तृप्ता पहली कक्षा के एक मुस्लिम छात्र को हिंदू बच्चों से पिटवा रही है और विशेष धर्म के खिलाफ टिप्पणी भी कर रही है।

वीडियो वायरल होने के बाद देश भर से तृप्ता त्यागी के कृत्य के खिलाफ आवाज उठ रही है। वीडियो वायरल होने के बाद तृप्ता त्यागी के खिलाफ मामूली धाराओं में केस दर्ज हुआ है। जुवेनाइल जस्टिस एक्ट तथा धार्मिक दुर्भावना की धाराएं अभी तक त्यागी के खिलाफ नहीं लगाई गई हैं।

इन दोनों घटनाओं के अलावा पिछले वर्ष दलित छात्रा निशा को मेहसाना के उसी स्कूल द्वारा सम्मान न दिए जाने का मामला भी IMCR के राज्य स्तरीय कॉन्फ्रेंस में उठाया गया। कॉन्फ्रेंस में देश में बनाए गए नफरती वातावरण पर भी चिंता व्यक्त की गई।

के. रहमान ने कहा मुस्लिमों को भेदभाव से निपटने के लिए शिक्षा पर ध्यान देना होगा। मुस्लिमों को बेबसी का सिंड्रोम दिमाग से निकालकर शिक्षा को हथियार बनाकर समाज को आगे ले जाने का प्रयत्न करने की ज़रूरत है।”

(अहमदाबाद से कलीम सिद्दीकी की रिपोर्ट।)

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