केंद्र को संघ और पुलिस की आलोचना बर्दाश्त नहीं, दो न्यूज़ चैनलों पर लगायी पाबंदी

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने दो न्यूज़ चैनलों एशियानेट न्यूज़ और मीडिया वन पर दो दिनों के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार के सूचना प्रसारण मंत्रालय ने इस बात की नोटिस जारी करते हुए कहा है कि दोनों चैनल एक समुदाय का पक्ष ले रहे थे और उनका दिल्ली पुलिस एवं आरएसएस के प्रति आलोचनात्मक रुख था। एशियानेट न्यूज और मीडिया वन पर लगाया गया यह प्रतिबंध शुक्रवार को 7.30 बजे शाम से शुरू हो गया है। दोनों चैनलों पर सरकार ने दिल्ली हिंसा के दौरान पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग का आरोप लगाया है।

मंत्रालय ने कहा है कि दोनों चैनलों ने अपनी रिपोर्टिंग के दौरान “पूजा स्थलों पर हमले को हाईलाइट किया है और एक खास समुदाय का पक्ष लिया है।”

मीडिया वन पर पाबंदी के लिए जारी आदेश में कहा गया है कि “चैनल ने आरएसएस पर सवाल उठाया है और दिल्ली पुलिस पर सक्रिय तौर पर काम न करने का आरोप लगाया है।” मंत्रालय ने कहा कि ऐसा लगता है कि चैनल आरएसएस और दिल्ली पुलिस के प्रति आलोचनात्मक रुख रखता है। और उसका पूरा फोकस सीएए समर्थकों के उपद्रव पर था।

इस सिलसिले में जारी दो अलग-अलग आदेशों में कहा गया है कि दोनों चैनलों ने प्रोग्राम कोड ऑफ द कैबल टीवी नेटवर्क (रेगुलेशन) एक्ट, 1995 का उल्लंघन किया है।

मीडिया वन के एडिटर-इन-चीफ सीएल थामस ने फैसले को बोलने की आजादी पर सरकार का अब तक का सबसे बड़ा हमला करार दिया है। उन्होंने कहा कि “भारत के इतिहास में इस तरह की पाबंदी नहीं लगी है। आपातकाल के दौरान मीडिया पर दबाव जरूर था। इस समय जबकि देश इमरजेंसी के तहत नहीं है। तब टीवी चैनलों पर पाबंदी देश के दूसरे मीडिया हाउसों के लिए यह संदेश है कि उन्हें सरकार की आलोचना नहीं करनी चाहिए।”

मीडिया वन का मालिकाना हक माध्यम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड के पास है। जिसे जमात-ए-इस्लामी का समर्थक बताया जाता है।

एशियानेट न्यूज़ का परोक्ष मालिकाना बीजेपी सांसद राजीव चंद्रशेखर के पास है। इंडियन एक्सप्रेस द्वारा संपर्क किए जाने पर एशियानेट न्यूज के न्यूज़ एडिटर एमजी राधाकृष्णन ने कहा कि हम इस समय कोई प्रतिक्रिया नहीं देना चाहते हैं। हम इस पर एक सामूहिक चिंतन करने के बाद एक सामूहिक नतीजे के साथ सामने आएंगे।

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