तेलंगाना के चुनावी समर में बीआरएस का आत्मविश्वास डगमगाया, कांग्रेस का दिखा रही हौवा

Estimated read time 1 min read

नई दिल्ली। तेलंगाना विधानसभा का चुनाव 30 नवंबर को होगा। राज्य की कुल 119 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस और भारत राष्ट्र समिति आमने-सामने है। राज्य में मतदान होने में दो सप्ताह का समय बचा है। अब भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के प्रचार अभियान में बदलाव होता दिख रहा है। ऐसे में अटकलें तेज हो गई हैं कि सत्तारूढ़ बीआरएस को यह आभास हो गया है कि तेलंगाना में मतदाताओं का रूझान कांग्रेस की तरफ बढ़ रहा है। बीआरएस अब कांग्रेस को लेकर सतर्क हो गई है, और अपनी रैलियों और चुनावी भाषणों में कह रही है कि यदि कांग्रेस आएगी तो बीआरएस द्वारा शुरू किए गए योजनाओं को बंद कर देगी।

पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री के चन्द्रशेखर राव (केसीआर), और मंत्री केटी रामाराव (केटीआर) और टी हरीश राव सहित बीआरएस के शीर्ष नेताओं के संबोधन में एक स्पष्ट बदलाव आया है। अब वह सरकार की उपलब्धियों के बारे में बात करते समय बार-बार कहते हैं कि अगर कांग्रेस सत्ता में आयी तो ‘रायथु बंधु’ और ‘धरणी पोर्टल’ को खत्म कर देगी।

बीआरएस अब मतदाताओं के सामने कांग्रेस का हौवा खड़ा करने लगी है, जिसकी तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी ने तीखी आलोचना करते हुए कहा कि बीआरएस के नेता लोगों से झूठ बोल रहे हैं और उन्हें डरा रहे हैं।

बुधवार को जनगांव में एक सभा को संबोधित करते हुए रेवंत रेड्डी ने कहा कि “केसीआर को एहसास हो गया है कि उनकी सरकार जा रही है। किसानों को मुफ्त बिजली देने की शुरुआत कांग्रेस ने ही की थी, हम इसे कैसे रोक सकते हैं? हम रायथु बंधु को ख़त्म नहीं कर रहे हैं। इसके विपरीत, हमने इसकी राशि बढ़ाने का वादा किया है। इसके अलावा, हम धरणी पोर्टल में गड़बड़ियों को सुधारेंगे और इसे रद्द नहीं करेंगे। मुझे यकीन है कि लोग पहले से ही जानते हैं कि बीआरएस झूठ बोल रही है।”

केसीआर के रुख में बदलाव सोमवार को भद्राद्री कोठागुडेम जिले के बर्गमपाडु में शुरू हुआ, जहां उन्होंने कहा कि रेवंत और राहुल गांधी जैसे कांग्रेस नेताओं ने “धरणी पोर्टल को बंगाल की खाड़ी में फेंकने का वादा किया है। अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो बिचौलिया संस्कृति फिर से पनपेगी। रायथु बंधु और धरणी पोर्टल को जारी रखने के लिए, आपको बीआरएस को सत्ता में लाने के लिए वोट करना होगा। लोगों को यह तय करना होगा कि किसे बंगाल की खाड़ी में फेंकना है।”

मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने मंगलवार को पालकुर्थी में पार्टी उम्मीदवार एर्राबेली दयाकर राव के समर्थन में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि “अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो रायथु बंधु बंद हो जायेगी। हम चौबीसों घंटे बिजली आपूर्ति और रायथु बंधु प्रदान कर रहे हैं। कांग्रेस ये सब छीन लेगी। रेवंत रेड्डी का कहना है कि किसानों के लिए तीन घंटे बिजली पर्याप्त है। कांग्रेसी खुलेआम कह रहे हैं कि वे बीआरएस सरकार द्वारा किसानों को दी गई सभी सुविधाएं छीन लेंगे।”

बीआरएस के अधिकांश नेता और सीएम केसीआर लगभग हर चुनावी सभाओं में कांग्रेस पर हमला कर रहे हैं। नागार्जुन सागर विधानसभा क्षेत्र की एक सभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जना रेड्डी पर हमला करते हुए केसीआर ने कहा कि रेड्डी निर्बाध बिजली आपूर्ति का विरोध किया था। नागार्जुन सागर क्षेत्र से से जना रेड्डी के बेटे जयवीर रेड्डी कांग्रेस के उम्मीदवार हैं।

बीआरएस तेलंगाना में किसानों की भावनाओं को भड़काने और कांग्रेस पर हमला करने में लगी है। केसीआर कह रहे हैं कि कांग्रेस किसानों का दर्द नहीं समझती।

बीआरएस सिर्फ कांग्रेस पर हमला नहीं कर रही है बल्कि अब वह वाईएसआर तेलंगाना पार्टी (वाईएसआरटीपी) प्रमुख वाईएस शर्मिला पर भी हमला करना शुरू कर दिया है। केसीआर ने शर्मिला पर बीआरएस को हराने के लिए काम करने का आरोप लगाया। क्योंकि 3 नवंबर को शर्मिला ने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी आगामी चुनाव नहीं लड़ेगी और कांग्रेस को समर्थन दिया है।

तेलंगाना के मंत्री केटीआर ने नाकरेकल निर्वाचन क्षेत्र के चित्याल में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए दावा किया कि कर्नाटक में किसान पहले से ही कह रहे हैं कि कांग्रेस को वोट देना एक गलती थी।

बुधवार को हैदराबाद में केटीआर ने दावा किया कि बिजली कटौती के कारण कर्नाटक ने अंधेरे में दिवाली मनाई। उन्होंने कहा कि “आपको बिजली चाहिए या कांग्रेस? बीआरएस ने पिछले नौ वर्षों में जो विकास हासिल किया है, कांग्रेस पिछले 60 वर्षों में नहीं कर सकी।”

सोमवार को नारायणखेड़ में एक रैली में हरीश राव ने कर्नाटक सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके डिप्टी डीके शिवकुमार किस आधार पर तेलंगाना में वोट मांग रहे हैं। कांग्रेस की छह गारंटियों की कोई गारंटी कर्नाटक में लागू नहीं हुई है।”

(जनचौक की रिपोर्ट।)

You May Also Like

More From Author

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments