राजस्थान में भाजपा की मदद के लिए गुरमीत राम रहीम को 21 दिन की पैरोल

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नई दिल्ली। दोहरे बलात्कार और हत्या का दोषी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को सोमवार को 21 दिन की अस्थाई छुट्टी (फरलो) दी गई है। यह तीसरी बार है जब साल भर के अंदर उसे अस्थायी तौर पर जेल से बाहर किया गया है। और 21 महीने में छठी बार और तीन साल में उसे कुल आठ बार कानून की छाती पर मूंग दलते हुए जेल से किया गया है।

56 वर्षीय गुरमीत राम रहीम सिंह मंगलवार को रोहतक के सुनरिया जेल से बाहर आया और जेल से निकलने के बाद वह उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में स्थित बरवाना आश्रम के लिए निकल लिया। डेरा सच्चा सौदा का मुख्यालय हरियाणा के सिरसा में है। हरियाणा सीमा से लगे राजस्थान बॉर्डर के विधानसभा सीटों पर डेरा सच्चा सौदा के प्रभाव को देखते हुए उसे फरलो पर रिहा किया गया है।

इस दौरान वह राजस्थान विधानसभा चुनाव (25 नवंबर) में अपने प्रभावक्षेत्र के विधानसभा सीटों पर भाजपा के लिए काम करेगा। राम रहीम को अपनी दो शिष्याओं से बलात्कार करने के मामले में 20 साल जेल की सजा और एक पत्रकार की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। पिछली बार वह 20 जुलाई को 30 दिनों के पैरोल पर बाहर आया था, तब उसने 15 अगस्त को बरवाना आश्रम में अपना जन्मदिन मनाया था। 

उसे पहले पैरोल और फरलो के माध्यम से कई बार अस्थायी रिहाई के आदेश मिले थे, एक बार मई 2021 में, तीन बार 2022 (फरवरी, जून, अक्टूबर) में, और दो बार 2023 (जनवरी और जुलाई) में। इनके अलावा, एक अवसर पर, उसे चिकित्सा आधार पर भी अस्थायी रूप से रिहा कर दिया गया था।

डेरा सच्चा सौदा के प्रवक्ता ने कहा कि “गुरमीत राम रहीम सिंह ने जेल के भीतर से अस्थायी रिहाई के लिए आवेदन किया है। अगर उसे यह मिल गया तो वह मंगलवार को जेल से बाहर आ जाएगा।”

हरियाणा सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि “गुरमीत राम रहीम को 21 दिन की छुट्टी दी गई है और वह उत्तर प्रदेश में अपने आश्रम में रहेंगे।”

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने घटनाक्रम पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राम रहीम हत्या और बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों के लिए सजा काट रहा है। “उसके अपराधों की गंभीर प्रकृति के बावजूद, सरकार की बार-बार की नरमी, सिख समुदाय के बीच अविश्वास का माहौल पैदा कर रही है। सरकार के राजनीतिक हितों के कारण राम रहीम के जघन्य अपराधों को नजरअंदाज किया जा रहा है, जो देश के हित में नहीं है।” 

अतीत में कई मौकों पर चुनाव के समय गुरमीत राम रहीम की अस्थायी रिहाई विवादों में रहा है। अक्टूबर 2022 में, उसे हरियाणा के पंचायत चुनाव और आदमपुर विधानसभा उपचुनाव से पहले 40 दिन की पैरोल दी गई थी। पड़ोसी राज्य पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले फरवरी 2022 में उसे 21 दिन की छुट्टी दी गई थी।

अक्टूबर 2020 में एक दिन की अपनी पहली अस्थायी रिहाई से शुरू होकर, राम रहीम पिछले तीन वर्षों में पहले ही 163 दिन जेल से बाहर बिता चुका है। उसे दी गई नई 21 दिन की पैरोल उसके जेल से बाहर रहने के दिनों की संख्या 184 तक पहुंच जाएगी।

हरियाणा का भाजपा नेतृत्व राम रहीम को दी गई अस्थायी रिहाई का बचाव करता रहा है। जनवरी में  डेरा प्रमुख को 40 दिन की पैरोल दिए जाने के बाद, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि उन्हें “इस बात की जानकारी नहीं थी कि राम रहीम को पैरोल मिली है; लेकिन अगर पैरोल दिया गया है, तो सभी प्रक्रियाओं का पालन करने के बाद ही दिया होगा और यह उसका अधिकार है; मैं उसमें हस्तक्षेप नहीं करूंगा।”

उस पैरोल अवधि के दौरान, राम रहीम को एक वायरल वीडियो में तलवार से केक काटकर अपना जन्मदिन मनाते देखा गया था। उसे वीडियो में यह कहते हुए सुना गया, “पांच साल बाद इस तरह से जश्न मनाने का मौका मिला है, इसलिए मुझे कम से कम पांच केक काटने चाहिए, यह पहला केक है।”

वर्तमान में, राम रहीम अपने शिष्यों को कथित तौर पर नपुंसक बनाने और पंजाब में बेअदबी के मामलों सहित कई अन्य आपराधिक मामलों का सामना कर रहा है।

मार्च में, राम रहीम को पैरोल को चुनौती देने वाली एसजीपीसी द्वारा दायर एक याचिका का जवाब देते हुए, सुनारिया के जेल अधीक्षक सुनील सांगवान ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में कहा था कि “समान प्रावधान के तहत 1000 और दोषियों को पैरोल/फरलो दी गई है, लेकिन याचिकाकर्ता (एसजीपीसी) ने केवल प्रचार पाने के लिए डेरा प्रमुख की पैरोल को चुनौती दी है।

रोहतक के सुनरिया जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा गुरमीत राम रहीम सिंह अब तक पैरोल और फरलो के तहत 184 दिन जेल से बाहर रह चुका है।

अक्टूबर 2020: अपनी बीमार मां से मिलने के लिए एक दिन की पैरोल

मई 2021: अपनी बीमार मां से मिलने के लिए एक दिन की पैरोल

7 फरवरी 2022: 21 दिन की छुट्टी

17 जून 2022: 30 दिन की पैरोल

14 अक्टूबर 2022: 40 दिन की पैरोल

22 जनवरी 2023: 40 दिन की पैरोल

19 जुलाई 2023: 30 दिन की पैरोल

20 नवंबर 2023: 21 दिन की छुट्टी

डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को अगस्त 2017 में दो शिष्याओं से बलात्कार के आरोप में 20 साल जेल की सज़ा सुनाई गई थी। 2019 में डेरा प्रमुख और तीन अन्य को 16 साल से अधिक समय पहले एक पत्रकार की हत्या का दोषी ठहराया गया। और इस मामले में उसे आजीवन कारावास की सजा दी गई। तब से वह जेल में है। लेकिन पंजाब, राजस्थान, हरियाणा और लोकसभा चुनाव के समय उसे पैरोल या फरलो पर रिहा कर दिया जाता है।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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