तमिलनाडु पुलिस की रात भर चली मदुरई ईडी दफ्तर की जांच

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नई दिल्ली। ईडी अफसर अंकित तिवारी की गिरफ्तारी के सिलसिले में तमिलनाडु पुलिस ने शनिवार यानि आज सुबह ईडी दफ्तर की छानबीन की।

डायरेक्टर ऑफ विजिलेंस एंड एंटी करप्शन (डीवीएसी) ने मदुरई स्थित ईडी दफ्तर पर सुबह ही छापेमारी शुरू कर दी। आप को बता दें कि तिवारी मदुरई दफ्तर में ही तैनात हैं। इसके अलावा डीवीएसी ने तिवारी के घर की भी तलाशी ली है। बताया जा रहा है कि जांच रात शुरू हुई जांच शनिवार की सुबह छह बजे तक चली। इस दौरान अधिकारियों को कुछ महत्वपूर्ण सबूत हासिल हुए हैं।

राज्य सरकार के उच्च सूत्रों का कहना है कि जांच को किसी केंद्रीय एजेंसी को दिए जाने का वो विरोध करेंगे।

तिवारी को शुक्रवार की सुबह एक चिकित्सक से घूस लेते गिरफ्तार किया गया था। शुक्रवार की रात को एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में डीवीएसी ने बताया कि तिवारी ने 2018 के आय से अधिक संपत्ति के मामले का हवाला देते हुए 29 अक्तूबर, 2023 को सरकारी चिकित्सक से संपर्क किया था। इस मामले को डीवीएसी की डिंडीगुल जिला शाखा ने रफा-दफा कर दिया था। तिवारी ने कथित तौर पर दावा किया था कि जांच के लिए उसे पीएमओ से निर्देश मिले हैं। ऐसा डीवीएसी के बयान में कहा गया है।

अधिकारियों के मुताबिक उसके बाद डॉक्टर को 30 अक्तूबर को मदुरई ईडी ऑफिस बुलाया गया और कथित तौर पर तिवारी उनकी कार में जबरन घुस गये और उनसे कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए 3 करोड़ रुपये की मांग कर डाली। बाद में 51 लाख रुपये पर सौदा तय हुआ। रकम की पहली राशि 20 लाख रुपये कथित तौर पर उन्हें 1 नवंबर को दिया गया। उसके बाद डॉक्टर ने डीवीएसी में एक शिकायत कर दी और नतीजे के तौर पर वह तिवारी की गिरफ्तारी तक पहुंची।

यह मामला डीवीएसी द्वारा हैंडल किए गए ढेर सारे मामलों को फिर से ईडी द्वारा खोले जाने के बीच सामने आया है। ढेर सारे मामलों में डीएमके सरकार के मंत्री और राज्य के अधिकारी शामिल हैं। इसी तरह के एक केस में मंत्री वी सेंथिल बाला जी की गिरफ्तारी की गयी है और वह जेल में हैं।

डीवीएसी के बयान के मुताबिक तिवारी की गिरफ्तारी के बाद अधिकारियों द्वारा हासिल किए गए कई दस्तावेजों की जांच में इसी तरह के तरीके का इस्तेमाल कर दूसरे अधिकारियों की भी ब्लैकमेलिंग और धमकी की बात सामने आयी है।

ईडी मदुरई दफ्तर में जांच के मामले में डीवीएसी ने कहा कि शुरुआत में उन्होंने कहा कि हम छानबीन नहीं कर सकते और हमसे अनुमति मिलने की इंतजारी के लिए कहा। लेकिन जब हमने उन्हें वारंट दिखाया और इस बात को साफ किया कि हम तिवारी के दफ्तर की छानबीन करने आए हैं न कि पूरा दफ्तर तब वो सहमत हो गए। इस बीच चेन्नई स्थित ईडी दफ्तर में सुरक्षा बढ़ा दी गयी है।  

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