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राजस्थान विधानसभा चुनाव में जाट बनाम राजपूत होना तय

मदन कोथुनियां
मदन कोथुनियां

राज्य में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव की बिसात बिछने लगी है। इस बिसात पर भाजपा और कांग्रेस की ओर से चालें शुरू हो चुकी हैं। दोनों प्रमुख दलों की ओर से चली गई पहली चाल में ही इस बार राजपूत बनाम जाट होना तय हो चुका है। इसका असर आगामी विधानसभा चुनाव में पड़ना भी तय है।

चुनावी रण में जाने से पहले तैयारी में जुटे दोनों दलों के पदाधिकारी एक तीर से कई लक्ष्यों को भेदने में जुटे हैं। भाजपा आलाकमान ने जहां प्रदेशाध्यक्ष का ताज विश्वासपात्र माने जाने वाले केंद्रीय राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को पहनाने की तैयारी की है, वहीं भाजपा के इस दांव की काट करते हुए कांग्रेस ने लालचंद कटारिया को प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की तैयारी कर ली है।

दोनों पार्टियों के इस दांव के साथ ही इस बार का राजपूत बनाम जाट होना तय हो चुका है। जानकारों के मुताबिक भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने विश्वासपात्र गजेंद्र सिंह शेखावत को प्रदेशाध्यक्ष के पद पर बैठाकर राजस्थान की बागडोर अपने हाथ में लेने की फिराक में हैं। 

हालांकि, प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ ही उनके खेमे के मंत्री-विधायक शेखावत के नाम का लगातार विरोध कर रहे हैं। लेकिन, कर्नाटक चुनाव के बाद अब मोदी-शाह सभी विरोध को नजरअंदाज करते हुए शेखावत की ताजपोशी का मन बना चुके हैं। इसके जरिए भाजपा आलाकमान राजपूत (जो कि पार्टी के परंपरागत वोटर माने जाते हैं।) समाज की नाराजगी को दूर करते हुए प्रदेश पर पकड़ मजबूत करने में जुटा है। वहीं, कांग्रेस भाजपा के इस दांव को समझते हुए राजपूत के सामने जाट नेता लालचंद कटारिया को प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के बाद उसे कैश करने की तैयारी की है।

माना जा रहा है कि भाजपा के राजपूत समाज से प्रदेशाध्यक्ष बनाने के बाद जाट समाज में रोष हो सकता है, इस रोष को चुनाव के रुप में अपने पक्ष में मानते हुए कांग्रेस जाट नेता को प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बनाने जा रही है। जिससे जाट समाज के वोट को अपनी तरफ मोड़ा जा सके। राज्य में जाट समाज का दो दर्जन से अधिक विधानसभा सीटों पर प्रभाव रहता है।

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