होली के रास रंग में डूबे रहे आला अधिकारी; लापरवाही से इफ्को फूलपुर प्लांट दो दिन तक ठप, करोड़ों की उत्पादन क्षति

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प्रयागराज। होली के दिन जब इफ्को घियानगर (फूलपुर) कॉलोनी में इकाई प्रमुख के साथ समस्त लोग त्यौहार के खुमार में डूबे हुए थे उसी समय लापरवाही के कारण अचानक बिजली गुल होने से चारों प्लांट ठप हो गये और कॉलोनी में अँधेरा छा गया। यह देखकर सारे जिम्मेदार अधिकारियों के होश उड़ गये और रंग में भंग पड़ गया। इस घटना के पीछे टोटल मैनेजमेंट फेल्योर इलेक्ट्रिकल विभाग की अतिशय लापरवाही बताई जा रही है।पूरे मामले की लीपा-पोती का उच्चस्तरीय प्रयास जारी है और प्रबन्धन ने अपने मुंह सी रखे हैं।

गोदी प्रिंट मीडिया के फूलपुर पत्रकार या तो प्रति माह सुविधा शुल्क या अपने परिजनों की इफ्को में नौकरी के कारण चुप्पी साध गये हैं और देर से यह सूचना सामने आ पाई है। यह लगातार तीसरे यूनिट प्रमुख के कार्यकाल में प्लांट ठप होने की घटना हुई है और दो दिन प्लांट में उत्पादन बंद होने से इया सहकारिता क्षेत्र के खाद संयंत्र को करोड़ों का नुक्सान हुआ है।

बताया जाता है कि होली की छुट्टी होने के कारण सामान्य पाली में अवकाश था केवल शिफ्ट में ड्यूटी लोग कर रहे थे। इसी बीच दोपहर में इलेक्ट्रिकल विभाग में कहीं कोई हल्की सी फाल्ट हुई और शिफ्ट में ड्यूटी करने वाले शिफ्ट इंचार्ज ने उस पर ध्यान नहीं दिया। जबकि जानकार सूत्रों ने कहा कि प्लांट ने अलार्म दिया था लेकिन ड्यूटी पर मौजूद गैर जिम्मेदार लोगों ने लापरवाही बरती और उस पर प्रिकाशन नहीं लिया गया। नतीजतन पूरा प्लांट ठप हो गया। जिसमें दोनों अमोनिया प्लांट और यूरिया प्लांट भी शामिल थे। इसके कारण उत्पादन नहीं हुआ और करोड़ों का नुकसान हुआ।

बताया जाता है कि उसी समय इकाई प्रमुख के आवास पर होली का जश्न चल रहा था जिसमें जिम्मेदार आला अधिकारी भी शामिल थे। लेकिन रंग में भंग पड़ते ही सारे लोग प्लांट की तरफ भागे। वहां जाने पर देखा कि पूरा प्लांट बंद हो हो गया। एक बार प्लांट बंद होने पर 2 दिन बाद ही प्लांट चालू हो सका। लेकिन तब तक करोड़ों रुपए की उत्पादन की क्षति हो चुकी थी।

आन्तरिक सूत्रों का कहना है कि इसके पूर्व कभी भी चारों प्लांट एक साथ नहीं बंद हुए  लेकिन इस बार यूरिया के साथ अमोनिया प्लांट भी बंद हो गया था इसे यहां के जानकार लोग घोर लापरवाही का नतीजा बता रहे हैं।

अभी तक स्थानीय प्रबंधन घटना के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने के बजाय बलि का बकरा खोज रहा है।

इंडियन फार्मर्स कोऑपरेटिव के बजाय इंडियन फैमिली कोऑपरेटिव बन गयी है जहां तीन पीढ़ी के अधिकारी कर्मचारी काम कर रहे हैं।

इस संबंध में कितने का उत्पादन का नुकसान हुआ इसकी अधिकृत जानकारी लेने के लिए यहां के जनसंपर्क अधिकारी से टेलीफोनिक संपर्क करना चाहा तो उनका मोबाइल नहीं उठा और कोई जिम्मेदार अधिकारी बताने के लिए तैयार नहीं हुआ लेकिन सूत्रों का दावा है कि लगभग 15 करोड़ की क्षति हुई है जो एक गंभीर मामला है।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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