दिल्ली महिला आयोग के बर्खास्त 52 कर्मचारियों का मामला गरमाया, स्वाति मालीवाल ने एलजी पर साधा निशाना

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नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग के कर्मचारियों को बर्खास्त करने का मामला गंभीर होता जा रहा है। दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल एलजी वीके सक्सेना के आदेश को तुगलकी फरमान बता रही है। एलजी ने महिला आयोग के कर्मचारियों को इसलिए बर्खास्त कर दिया क्योंकि वे द स्वीकृत नहीं थे।

दरअसल, दिल्ली महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) विभाग ने दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) के 52 संविदाकर्मियों को बर्खास्त कर दिया। पहले 223 संविदा कर्मियों को हटाने का आदेश दिया गया था। एलजी वीके सक्सेना के मुताबिक, इन सभी की नियुक्तियां गैरकानूनी ढंग से की गई थीं।

उप-राज्यपाल कार्यालय के मुताबिक यह कार्रवाई जून 2017 में एक समिति की रिपोर्ट के आधार पर एलजी वीके सक्सेना की सिफारिश पर की गई है। 29 अप्रैल के आदेश में कहा गया था कि विभाग ने 223 संविदा कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं, पर बृहस्पतिवार को बयान जारी कर बताया कि 52 संविदा कर्मी ही बर्खास्त किए गए हैं।

एक अधिकारी ने बताया कि दरअसल 223 पद गैरकानूनी तरह से बनाए गए थे। पर, सिर्फ 52 पर ही नियुक्ति हुई थी। फरवरी, 2017 में डीसीडब्ल्यू में अवैध रूप से सृजित पदों व संविदा नियुक्तियों की शिकायत पर तत्कालीन एलजी अनिल बैजल ने समिति बनाई थी। तत्कालीन मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति ने जांच के बाद नियुक्तियों और अपनाई गई प्रक्रियाओं को अवैध माना था।

दरअसल, पहले दिल्ली महिला आयोग सिर्फ नाममात्र का था। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद राज्य महिला आयोग को क्रियाशील एवं गतिशील बनाते हुए उसमें कई पीड़ित महिलाओं को संविदा पर नियुक्त किया गया। ऐसे कर्माचरियों को काम के आधार पर भुगतान होता है। दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना ने यह नहीं बताया कि दिल्ली महिला आयोग पहले क्या काम करता था और अब वह कैसे काम कर रहा है?

दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष व आप सांसद स्वाति मालीवाल ने आदेश की आलोचना करते हुए सोशल मीडिया पर कहा, एलजी ने महिला आयोग के सभी संविदा कर्मियों को हटाने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया है। आयोग में कुल 90 कर्मचारी हैं, जिनमें से सिर्फ 8 को सरकार ने नौकरी दी है। अगर सभी संविदा स्टाफ को हटा दिया जाए तो आयोग पर ताला लग जाएगा।

आयोग से निकाले गए संविदाकर्मियों के पक्ष में आईं स्वाति मालीवाल ने कहा कि “दिल्ली महिला आयोग ने उनके कार्यकाल में 1 लाख 70 हजार से ज्यादा मामलों की सुनवाई की है। 181 हेल्पीलाइन ने 40 लाख कॉल्स अटेंड की हैं, क्राइसिस इंटरवेंशन सेंटर ने 60 हजार से ज्यादा सेक्सुअल असॉल्ट सर्वाइवर्स की काउंसलिंग की है। महिला पंचायत ने 50 हजार से ज्यादा अवेयरनेस सेशंस कराए हैं और दो लाख मामलों को सुलझाया है। रेप क्राइसिस सेल ने रेप सवाईवर्स के दो लाख मामलों की कोर्ट केस सुनवाई में उनकी मदद की है। 500 से ज्यादा सिफारिशें दिल्ली महिला आयोग के द्वारा दी गई हैं। ये काम एक बहुत बड़ी टीम ने किया है और इस टीम में एसिड अटैक सर्वाइवर्स तक हैं। इसमें रेप सर्वाइवर, घरेलू हिंसा की शिकार हैं। ये वे महिलाएं हैं जिन्होंने अपने कष्ट को भूलकर अपने अंदर की आग को महिलाओं की मदद के लिए झोंक दिया।”

स्वाति मालीवाल ने कहा कि “हर दिन, हर घंटे, हर सेकेंड इस टीम ने महिलाओं के लिए काम किया है। पर एलजी साहब एक तुगलकी फरमान निकाल कर कहते हैं कि पूरे महिला आयोग के कॉन्ट्रेक्चुअल स्टाफ को निकाल दो। आपको बता दूं कि आयोग में इस समय सिर्फ 90 लोग काम कर रहे हैं, इनमें से सिर्फ 8 लोग रेगुलर हैं। बाकी सभी 82 स्टाफ कॉन्ट्रेक्ट पर है। ये 3-3 महीने के कॉन्ट्रे क्ट पर छोटी छोटी सेलरी पर काम करते हैं।”

स्वाति ने कहा, ‘मैं पूछती हूं इन 90 में से जब आप 82 को हटा दोगे तो क्याे 181 हेल्पलाइन, रेप क्राइसिस सेल, क्राइसिस इंटरवेंशन सेंटर, महिला पंचायत क्या 8 लोगों से चल जाएगी। आयोग में हर दिन 500 लड़कियां या महिलाएं मदद के लिए आती हैं, ये लड़कियां कहां जाएंगी? मैं ये जानना चाहती हूं कि 9 साल जब मैं आयोग की अध्यक्ष थी तो आपने क्यों नहीं कोई कार्रवाई की, मेरे पद से हटते ही आपकी बुरी नजर आयोग पर पहुंच गई।’

‘मुझे बताइए कि दिल्ली’ में रोजाना 6 रेप होते हैं, क्या एक्शन लिया इसे बंद करने के लिए। रेपिस्ट खुले घूमेंगे और महिला आयोग पर ताला लगा दिया जाएगा। ये राजनीति है इनकी। ये इतनी छोटी और महिला विरोधी सोच से एलजी साहब को क्या मिलेगा?’

‘मैंने ब्रजभूषण पर सवाल पूछा, राम रहीम पर सवाल पूछा, मणिपुर हिंसा पर सवाल पूछा, अगर मुझसे दुश्मनी है तो मेरे पीछे ईडी लगाइए, सीबीआई लगाइए, दिल्ली पुलिस लगाइए, अरे मैं कहती हूं कल क्यों, आज ही अरेस्ट करके ले जाइए। बताइए कौन सी जेल में जाना है, कहां सरेंडर करना है। लेकिन महिलाओं से दुश्मनी निकालने से जो हाय लगेगी, उससे कोई नहीं बचाएगा। दिल्ली महिला आयोग की मेरे से पहले अध्यक्ष ने 8 साल में एक केस की सुनवाई की, एलजी साहब आयोग को वहीं लाना चाहते हैं।’

जब तक स्वाति मालीवाल जिंदा है, तब तक दिल्ली महिला आयोग को आंच नहीं आने देगी। ये संस्था खून पसीने से बनी है उसको स्टाफ और सरंक्षण देने की जगह आप जड़ से ख़त्म कर रहे हो? मेरे जीते जी मैं महिला आयोग बंद नहीं होने दूंगी।

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