प्रयागराज में 15-20 लाख में थाने बेचने का आरोप, एसएसपी निलंबित

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प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के निर्देश पर अपराध नियंत्रण में नाकाम रहे प्रयागराज के एसएसपी अभिषेक दीक्षित को निलंबित कर दिया गया है। उनकी जगह सर्वश्रेष्‍ठ त्रिपाठी को प्रयागराज का नया एसएसपी/डीआईजी बनाया गया है। अभिषेक दीक्षित पर प्रयागराज में एसएसपी रहते हुए कई गंभीर आरोप लगे थे। सबसे बड़ा आरोप 15 से 20 लाख में थाने बेचने का लगा था, जो उत्तर प्रदेश अधिवक्ता परिषद् के उपाध्यक्ष एस एम मिश्र ने प्रदेश के मुख्यमंत्री, डीजीपी से लेकर प्रयागराज ज़ोन के एडीजी को भेजे गये शिकायती पत्र में लगाये थे। इस पत्र की प्रतिलिपि बार कौन्सिल के अध्यक्ष जानकी शरण पांडे और इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेन्द्र नाथ सिंह को भी भेजी गयी थी।

पत्र में आरोप लगाया गया था की ठाणे की नीलामी से 4 से 5 करोड़ की वसूली की गयी है और थानेदारों को जनता से पैसा निचोड़ने की खुली छुट दी गयी है। ठाणे के अलावा चौकियों को भी बेचा गया है। पत्र में पूरे प्रकरण की जाँच सीबीआई से करने की मांग भी की गयी है। उत्तर प्रदेश अधिवक्ता परिषद् संघ का वकील संगठन है।   

उधर, उत्‍तर प्रदेश गृह विभाग के प्रवक्‍ता ने बताया कि एसएसपी के रूप में तैनाती के दौरान उन कई अनियमितताओं और शासन के निर्देशों का सही ढंग से पालन नहीं करने का आरोप था। उन पर भ्रष्‍टाचार को बढ़ावा देने के भी आरोप लगे थे ।

शासन ने जिलों में कानून-व्‍यवस्‍था के प्रति सतर्कता को लेकर नियमित रूप से फूट पेट्रोलिंग और बैंकों, आर्थिक-व्‍यवसायिक प्रतिष्‍ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे। इसके साथ लूट की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने का भी निर्देश दिया गया था। आरोप है कि प्रयागराज में इन आदेशों पर अपेक्षित कार्रवाई नहीं की गई। इसके साथ ही चेकिंग और पर्यवेक्षण काम भी ठीक ढंग से नहीं किया गया।

पिछले तीन महीने में प्रयागराज में लम्बित मामलों में लगातार वृद्ध‍ि हुई। एसएसपी अभिषेक दीक्षित पर कोरोना काल में सोशल डिस्‍टेंसिंग भी ठीक ढंग से लागू न करा  पाने का आरोप लगा। इसके चलते हाईकोर्ट ने भी नाराजगी जताई थी।

(वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट।)

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