छत्तीसगढ़ः स्कूल-अस्पताल मांग रहे ग्रामीणों को बघेल सरकार दे रही है पुलिस कैंप

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सत्ता बदलने से गर सब कुछ बदल जाता तो छत्तीसगढ़ के जिला दंतेवाड़ा के हालात भी बदल गए होते। भाजपा के काम को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस सरकार ने दंतेवाड़ा के कई गांवों में सौगात के तौर पर पुलिस कैंप भेजा है। इसके विरोध में पिछले चार दिन से टेंट लगाकर हजारों की संख्या में मजदूर विरोध पर बैठे हैं। सिर्फ़ इतना ही नहीं मजदूरों ने जिला मुख्यालय को गांव से जोड़ने वाली सड़क को पांच किमी. की दूरी में खोदकर जगह-जगह सैंकड़ों तालाब बना दिए हैं।

बस्तर में बीते दो सालों में बेहताशा सुरक्षा बलों के कैंप स्थापित किए जा रहे हैं, जिसका आदिवासी ग्रामीण लगातार विरोध जताते आए हैं। बावजूद इसके सरकार लगातार नए पुलिस कैंपो को स्थापित कर रही है। फावड़ा, गैती, तगाड़ी, सब्बल लेकर महिला, पुरुष, बुजुर्ग सड़क काटने में लगे हुए हैं। लगभग पांच किलोमीटर की सड़क पर सैकड़ों गढ्ढे बनाकर ग्रामीण विरोध जता रहे हैं।

नहाड़ी गांव में कैंप विरोध के लिए नहाड़ी, ककाड़ी, बुरगुम, पोटाली, जबेली, गोण्डेरास, बर्रेम के ग्रामीण जमा हुए। रसद राशन लेकर ग्रामीण टेंट लगाकर सड़क किनारे ही चार दिनों से रुके हुए हैं। नहाड़ी से ककाड़ी तक कि सड़क ग्रामीणों ने काट दी है। ग्रामीणों का कहना है कि हमें किसी भी कीमत पर पुलिस कैंप नहीं चाहिए। कैंप खुलने से पुलिस ग्रामीणों को नक्सल मामलों में पकड़कर जेल भेज देगी। इससे पहले भी पुलिस हमारे गांव के लोगों को पकड़ कर जेल भेज चुकी है।

नहाड़ी के सरपंच स्वयं मौजूद थे। पंचायत से एक प्रस्ताव भी पारित किया गया है कि नहाड़ी गांव में पुलिस कैंप की जरूरत नहीं है, इसलिए कैंप नहाड़ी में स्थापित नहीं किया जाए। चार दिनों से जारी विरोध में अब तक प्रशासन की तरफ से कोई गांव नहीं पहुंचा है। उन्हें इस विरोध की भनक भी नहीं है।

दंतेवाड़ा के अरनपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाली ककाड़ी और नहाड़ी गांव में सरकार द्वारा खोले जा रहे नए पुलिस कैंप के विरोध में ये सब किया गया है।

‘भूमकाल’ के लिए लिखी के शंकर की रिपोर्ट के मुताबिक नहाड़ी गांव में लगने वाले पुलिस कैंप के विरोध में नहाड़ी, ककाड़ी, बुरगुम, पोटाली, जबेली, गोण्डेरास, बर्रेम गांव के लोगों ने एकजटु होकर नहाड़ी से ककाड़ी तक की पूरी सड़क को खोद डाला है। वहीं नहाड़ी में पंचायत द्वारा एक प्रस्ताव पारित करके कहा है कि नहाड़ी गांव में पुलिस कैंप की कोई ज़रूरत नहीं है। 

कटेकल्याण इलाके में भी पुलिस कैंप खोले जाने का विरोध
कटेकल्याण इलाके के टेटम गांव में प्रस्तावित नये पुलिस कैंप के विरोध में ग्रामीणों का आक्रोश फूटा है। हजारों की संख्या में ग्रामीण पुलिस कैंप का विरोध कर रहे हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि हमारी ज़रूरत अस्पताल है। बिजली-पानी है। हमें हमारे बच्चों के लिए स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र चाहिए, लेकिन सरकार हमारी ज़रूरत पूरा करने के बजाये हमें वो चीज दे रही है जो हमें चाहिए ही नहीं। हमें पुलिस कैंप नहीं चाहिए। हमने बहुत पुलिस यातनाएं सही हैं, हमें हमारे सिर पर एक और पुलिस कैंप नहीं चाहिए। सरकार जबर्दस्ती हमारी निजी जमीनों में पुलिस जवान कैंप नहीं खोल सकती है।

बता दें कि करीब 12 पंचायतों के ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया है। टेटम, तेलम, एटेपाल, गुड़से, परचेली, बढ़ेगादम, चिकपाल, कलेपाल, डब्बा, बढ़ेलखपाल, तुमकपाल, सुरनार समेत कुल 10 हजार से अधिक ग्रामीण इस विरोध प्रदर्शन में जुटे।

निर्दोषों को छोड़ने का वादा नहीं निभाया सरकार ने
विरोधरत ग्रामीणों का कहना है कि सरकार ने जो वादा किया है उसे पूरा करना होगा और निर्दोषों को छोड़ना होगा। ग्रामीणों का कहना है कि इतने दिन हो गए सरकार के गठन हुए। कांग्रेस पार्टी ने कहा था कि सत्ता में आएंगे तो निर्दोष आदिवासियों को छोड़ दिया जाएगा, लेकिन अभी तक सरकार ने अपने वादे पर अमल नहीं किया है।

(जनचौक संवाददाता तामेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट।)

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