गुलनाज के शव को सड़क पर रखकर इंसाफ की मांग करते परिजन।

वैशाली की घटना पर तेजस्वी ने पीएम मोदी से पूछा- इस जंगलराज का महाराजा कौन है?

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बिहार के वैशाली में युवती को जिंदा जलाने का मामला दबाने को लेकर जदयू-भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि चुनावी फायदे के लिए और सुशासन की नकली बुनियाद को खिसकने से बचाने के लिए एक अल्पसंख्यक समुदाय की लड़की को जिंदा जलाये जाने की घटना को पुलिस द्वारा दबाकर रखा गया। जबकि यह घटना बिहार विधानसभा के चुनाव के दौरान हुई थी। बिहार के हाजीपुर डेट लाइन से छपी एक खबर को पोस्ट किया है।

इस मामले में राहुल गांधी ने बिहार सरकार और पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े किये हैं। उन्होंने ट्वीट करके पूछा है- “किसका अपराध ज़्यादा ख़तरनाक है- जिसने ये अमानवीय कर्म किया? या जिसने चुनावी फ़ायदे के लिए इसे छुपाया ताकि इस कुशासन पर अपने झूठे ‘सुशासन’ की नींव रख सकें?”

वहीं इस मामले में राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष तेजस्वी यादव ने राहुल गांधी के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए पूछा है कि इस जंगलराज का महाराजा कौन है। और उन्होंने ट्वीट में लिखा है – “कहाँ है एलईडी की रोशनी में दिल्ली से बिहार आकर जंगलराज खोजने वाले? Nation wants to know जंगलराज का महाराजा कौन??”

याद दिला दूँ कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार चुनावी रैली के दौरान लगातार महागठबंधन की ओर मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट किए गए तेजस्वी यादव को ‘जंगलराज का युवराज’ कहकर संबोधित करते रहे थे। और अब जबकि भाजपा बिहार की सत्ता में है (तब भी थी) उन्होंने नरेंद्र मोदी से पूछा है कि अब तो तुम्हारी सरकार है फिर इस जंगलराज का महाराजा कौन है।

सीपीआई माले ने गुलनाज के हत्यारों को गिरफ्तार करने की मांग की

भाकपा माले और अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) की एक टीम ने वैशाली जिला के देसरी प्रखंड की मृतक गुलनाज के घर जाकर उसके परिवार से मुलाकात की और आसपास के लोगों से भी बातचीत की। इस टीम में भाकपा माले नेता विशेश्वर यादव और जिला सचिव योगेंद्र राय व अन्य साथी शामिल थे। टीम को गुलनाज की अम्मी शैमुना खातून ने बताया कि 30 अक्तूबर की सुबह तीन लड़कों ने गुलनाज के साथ छेड़खानी की जिसका उसने विरोध किया। शैमुना के पड़ोस में रहने वाली सुमन देवी और सुमन देवी का बेटा सन्नी कुमार भी अपराधियों से मिले हुए थे। ( इस घटना से पहले भी सुमन देवी ने उसे घर छोड़कर भाग जाने को कहा था जिससे गुलनाज ने साफ इंकार कर दिया था।) शाम को जब वह कूड़ा फेंकने बाहर निकली तब उस पर किरासन तेल उड़ेल कर आग लगा दिया गया। 70% जल चुकी गुलनाज का पहले स्थानीय स्तर पर ईलाज शुरू हुआ फिर पटना के पीएमसीएच में कल 15 नंवबर को उसकी मृत्यु हो गई।

ऐपवा की राष्ट्रीय महासचिव मीना तिवारी ने  कार्रवाई की मांग करते हुए कहा है कि- “इस पूरे मामले में अपराधियों के साथ पुलिस की मिलीभगत साफ दिखती है। पुलिस को दिए बयान में गुलनाज ने अपराधियों का नाम बताया लेकिन आज तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। पुलिस द्वारा अपराधियों को संरक्षण देना बंद होना चाहिए।”

वहीं भाकपा माले नेता विशेश्वर यादव ने कहा कि यदि अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार नहीं किया गया तो 18 नवंबर को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा। इस मामले में भाकपा माले और ऐपवा ने निम्न मांग की है-

1- चांदपुरा ओपी प्रभारी और देसरी थानाध्यक्ष को तत्काल निलंबित किया जाए।

2- सभी अभियुक्तों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए और स्पीडी ट्रायल कर सजा दी जाए।

3- शैमुना खातून को सरकारी नौकरी और परिवार को मुआवजा दिया जाए।

क्या है पूरा मामला

30 अक्तूबर को मिट्टी का तेल डालकर जिंदा जलाई गई मुस्लिम युवती गुलनाज खातून का रविवार 15 नवंबर को इंतकाल हो गया। पीड़िता पिछले 15 दिनों से पीएमसीएच में जिंदगी और मौत से लड़ रही थी। युवती की मौत के बाद से इलाके में तनाव फैल गया है। बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान वैशाली जिला में एक युवती को मिट्टी का तेल डालकर ज़िंदा जलाने की घटना को अंजाम दिया गया। लेकिन भाजपा-और जदयू सरकार के इशारे पर बिहार पुलिस ने पूरे मामले को इस कदर दबा दिया कि चुनाव होने तक पूरा मामला दबा ही रह गया। घटना वैशाली जिले के, देसरी थाना अंतर्गत चांदपुर ओपी के रसूलपुर हबीब गांव की है।

मरने से पहले पीड़िता लड़की ने दर्ज़ कराया बयान

मरने से पहले 20 वर्षीय पीड़िता गुलनाज़ ख़ातून ने अपने रिकार्डेड बयान में कहा है कि उसके वालिद मोहम्मद मोख्तार का वर्षों पहले इंतकाल हो चुका है। उसकी अम्मी शैमुना ख़ातून सिलाई का काम करके परिवार चलाती थीं। वह उनके काम में हाथ बँटाती थी। गांव के ही विनय राय का पुत्र सतीश राय उसके पीछे पड़ा था। उसने जीना दुश्वार कर रखा था। वह पहले प्यार और फिर शादी के लिए लगातार दबाव दे रहा था। गुलनाज और उसकी मां ने सतीश के घरवालों से शिक़ायत की पर कुछ नहीं हुआ। गांव के ही हरेंद्र राय ने जान की सलामती के लिए सतीश कुमार की बात मान लेने को कहा। बकौल गुलनाज़ वो कई बार सतीश कुमार के सामने रोई गिड़गिड़ाई भी कि वह मुसलमान है और तुम हिंदू यादव। उसके साथ न प्यार कर सकती है न निकाह। बेवा मां और वह जैसे-तैसे जी रही हैं। वह उसके हाल पर उसे छोड़ दे।

पीड़िता ने अपने बयान में घटना का विवरण देते हुए बताया था कि 30 अक्तूबर की शाम 5 बजे वह कचरा फेंकने घर से निकट ही बाहर निकली थी कि तभी सतीश राय, स्थानीय सकलदेव राय पुत्र विजय राय, चंदन कुमार तीनों ने उसे पकड़ लिया और घसीटते हुए एक तरफ ले गए। सतीश ने जेब से केरोसीन की बोतल निकालकर उसे नहला दिया और माचिस की तीली जलाकर फेंक दिया। वह धू-धूकर जलने लगी। उसकी चीख-चिल्लाहट सुनकर आस-पास के लोगों को भागते आते देखकर वे तीनों भाग निकले। उसकी अम्मी ने पड़ोसियों की मदद से गाड़ी पर लादकर ईलाज के लिए हाजीपुर जौहरी बाज़ार संप्रभु हॉस्पिटल भर्ती कराया। हॉस्पिटल संचालक की सूचना पर उसी दिन नगर थाना हाजीपुर के पुलिस पदाधिकारी ने उसका फर्द बयान कलमबंद किया था। स्थित बिगड़ने पर उसे पीएमसीएच लाकर भर्ती कराया गया था। 

पुलिस की भूमिका पर सवाल

इस घटना को 30 अक्तूबर को अंजाम दिया गया। देसरी के थानाध्यक्ष फिरोज हुसैन द्वारा मामले में 2 नवंबर को एफआईआर दर्ज़ किया गया। लेकिन घटना के 15 दिन बाद पीड़िता की मौत होने तक एक भी आरोपी की गिरफ्तारी इस मामले में नहीं की गई। जबकि इस घटना के बाद बिहार में 3 नवंबर और 7 नवंबर को (दूसरे व तीसरे) चरण का चुनाव संपन्न हुआ।  

मरहूम गुलनाज ख़ातून की माँ शैमुना खातून के मुताबिक साल 2017 में उसके पति की मृत्यु हो गई तब से वह सिलाई का काम करके अपने बच्चों को पाल रही थी। वह सिलाई का काम करने रोज पटना सिटी आती है। विधवा शैमुना अपने मेहनत के बल पर अपने बच्चों को पाल रही थी। उसे न तो कोई पेंशन मिलती है न किसी अन्य योजना का लाभ मिलता है। उनके चार बच्चों (दो बेटियां और दो बेटे) में 20 वर्षीया गुलनाज सबसे बड़ी थी और घर के काम में मां की मदद किया करती थी। गुलनाज का दो महीने बाद निकाह होने वाला था। शैमुना कहती हैं मुझे बस इंसाफ चाहिए और कुछ नहीं।

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

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