पेंटिंग पर एतराज जताने पहुंची पुलिस।

गुवाहाटी: जेल में बंद एक्टिविस्ट अखिल गोगोई की वाल पेंटिंग बनाने पर 4 कलाकार गिरफ्तार

असम के जाने माने आरटीआई कार्यकर्ता और मुक्ति संग्राम समिति के नेता अखिल गोगोई की वाल पेंटिंग बनाने पर गुवाहाटी पुलिस ने चार आर्टिस्टों को गिरफ्तार किया है। घटना बीते मंगलवार, 17 नवंबर की है।

लाइव लॉ के मुताबिक, अखिल गोगोई का चित्र बनाने पर जिन चार चित्रकारों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है वे ‘अंग आर्ट कलेक्टिव’ से जुड़े हुए हैं। इन कलाकारों ने बशिष्ठ के फूटओवर ब्रिज दीवार पर गोगोई को पुलिस द्वारा खींच कर ले जाने की पेंटिंग बनाई थी। पुलिस ने बाद में उस पेंटिंग को मिटा दिया था।

हालांकि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने के कुछ देर बाद रिहा कर दिया था। किंतु स्थानीय मीडिया ने पुलिस की इस हरकत को अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला करार दिया है।

वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता और जाने-माने सामाजिक और मानवाधिकार कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने भी इस खबर को ट्वीट कर लिखा कि, पहले बदनीयती से गिरफ्तार कर करीब एक साल तक जेल में रखने के बाद अब शानदार और निडर अखिल गोगोई की पेंटिंग बनाने वाले चार आर्टिस्टों को गुवाहाटी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया! ये है लोकतंत्र?

वहीं, गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त एमपी गुप्ता ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए किसी की गिरफ़्तारी से इंकार किया है। गुप्ता ने कहा कि किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है, बिना किसी अनुमति के सार्वजनिक संपत्ति पर ड्राइंग की अनुमति नहीं है। हमने कलाकारों को सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के खिलाफ सलाह दी। हमने पेंटिंग को साफ नहीं किया है- कलाकारों ने हमारी सलाह के बाद अपनी गलती का एहसास किया होगा और फिर, इसे खुद हटा दिया।”

गौरतलब है कि अखिल गोगोई को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करने के आरोप में बीते साल, 12 दिसंबर 2019 को गिरफ्तार किया था।

वहीं, ललित कला महाविद्यालय में विजिटिंग असिस्टेंट प्रोफेसर सारमा ने कहा कि उनसे बशिष्ठा पुलिस थाने में सवाल किया गया। सारमा ने कहा- “हमसे कहा गया कि हम सार्वजनिक दीवार पर बिना अनुमति पेंटिंग नहीं कर सकते, हम हैरान थे! हमने पहले भी सार्वजानिक दीवारों पर पेंटिंग बनाई है, पहले ऐसा कभी नहीं हुआ।“

सारमा ने कहा कि, अखिल गोगोई प्रतिरोध के प्रतीक हैं, हमने अख़बारों में पुलिस द्वारा उनकी गिरफ़्तारी की फोटो देखी और सोचा कि इसकी पेंटिंग बनाई जाए, हमने न तो ट्रैफिक रोका न ही जनता में कोई उन्माद पैदा किया। हमने सिर्फ कला का प्रदर्शन किया।

(पत्रकार और कवि नित्यानंद गायेन का लेख।)

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