टिकैत के आंसुओं में बह गया योगी सरकार के साजिशों का पहाड़

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कल भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत के लिए पानी लेकर रातों रात हजारों ट्रैक्टर गाजीपुर बॉर्डर पहुंच गये। इसके बाद आज सुबह ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर प्रशासन ने बिजली और पानी की सुविधाएं बहाल कर दी हैं।

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 इससे पहले कल रातों रात हजारों किसानों के गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचने के बाद पुलिस प्रशासन ने अपने कदम पीछे खींच लिए। गाजीपुर बॉर्डर को खाली कराने के इरादे से तैनात किये गये भारी पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों को वापस हटा लिया गया।

वहीं आज साढ़े ग्यारह बजे से मुजफ्फरनगर में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत द्वारा महापंचायत बुलाई गई है। इस महापंचायत को विपक्षी दलों के नेताओं ने अपना समर्थन दिया है।

बता दें कि कल रात ही पंचायत करके भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा, “चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे और मेरे छोटे भाई राकेश टिकैत के ये आँसू व्यर्थ नहीं जाएंगे। कल सुबह महापंचायत होगी और अब हम इस आंदोलन को निर्णायक स्थिति तक पहुंचा कर ही दम लेंगे।” 

इससे पहले कल रात गाजीपुर बॉर्डर खाली कराने के लिए पहुंचा यूपी पुलिस प्रशासन उस समय हाथ मलते वापस लौटने पर विवश हो गया जब राकेश टिकैत के अनशन पर बैठने के इमोशनल ऐलान और आंसू भरे अपील का वीडियो वायरल हो गया जिसमें उन्होंने कहा था कि उनका पानी सरकार ने बंद कर दिया है अब जब उनके गांव के लोग पानी लेकर आयेंगे तभी पीऊंगा। और फिर देखते ही देखते सोशल मीडिया से लेकर ज़मीन तक पर राकेश टिकैत के समर्थन में लोग जुटने लगे। रातों रात लोग ट्रैक्टरों में भर भरकर गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के जत्थे पहुंचने लगे। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से सैकड़ों  ट्रैक्टर दिल्ली की तरफ रात को ही रवाना हो लिए। करीब 700 ट्रैक्टर पंजाब के बठिंडा से रवाना होने की  ख़बर चली तो पश्चिमी यूपी से एक हजार ट्रैक्टर किसानों को लेकर निकलने की। 

आज सुबह चौधरी अजीत सिंह भी बॉर्डर पर पहुंचने के लिए निकले हैं। वहीं आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने कहा कि यदि राकेश टिकैत को गिरफ़्तार किया जाता है तो आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता भी गिरफ्तारी देंगे।”

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, बसपा अध्यक्ष मायावती ने भी किसानों का समर्थन किया है। 

संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने ऐलान किया है कि जब तक कानून वापस नहीं होंगे हम लोग घर वापस नहीं जाएंगे। 

राकेश टिकैत ने इससे पहले मंच से कहा था कि लाल किले पर जो लोग थे जिन्होंने साजिश रची है उनकी कोर्ट की निगरानी में जांच करायी जाये। और कसूरवारों को सख्त सज़ा दी जाये। उनके इस बयान ने मीडिया द्वारा सेट किये गये लालकिले के नैरेटिव को ध्वस्त करके वापस किसान आंदोलन और कृषि क़ानूनों के नैरेटिव पर वापस ला दिया है।

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।) 

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