कोरोना से मौतें दरअसल सरकार की लापरवाही से हुई हत्याएं हैं: कृष्णा अधिकारी

ऐपवा की प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी ने कहा है कि जब पूरी दुनिया कोरोना की दूसरी लहर की तैयारी में जुटी थी, उस समय मोदी जी कोरोना पर विजय प्राप्ति के लिए अपनी पीठ थपथपा रहे थे। सच तो यह है कि देश में अधिकांश लोगों की मौत कोरोना की वजह से नहीं बल्कि समय पर अस्पताल में बेड, ऑक्सीजन और अन्य आवश्यक मेडिकल सुविधाओं के अभाव में हुई है। हजारों लोग जब मर रहे हैं तो मोदी सरकार बंगाल चुनाव में रैलियां करने में व्यस्त थी, और शर्मनाक ढंग से आज भी  दिल्ली में नया संसद भवन बनवाया जा रहा है। देश को ऐसा संवेदनहीन प्रधामनंत्री नहीं चाहिए।

कृष्णा अधिकारी ने कहा कि देश में कोरोना से हुई मौतें दरअसल सरकार की लापरवाही से हुई हत्याएं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद मोदी को संवैधानिक पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। ऐपवा उनके इस्तीफे की मांग करती है।

ऐपवा प्रदेश सचिव कुसुम वर्मा ने कहा कि दिल्ली की कुर्सी की दौड़ में लगे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूबे में जो हाल स्वास्थ्य सुविधाओं का हुआ है, उससे उनकी नेतृत्व क्षमता पर सवालिया निशान उठ गया है। पिछले साल कोरोना की मार झेल चुकी यूपी की जनता के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के बजाय योगी जी बंगाल के चुनाव में अधिक ध्यान दे रहे थे। जब कोरोना की दूसरी लहर प्रदेश में अपने पैर पसार रही थी, तो भाजपा राम मंदिर का चन्दा जुटाने में व्यस्त थी। इतना ही नही पंचायत चुनाव उनकी प्राथमिकता में शामिल था, जिसकी वजह से कई शिक्षकों और ग्रामीणों को अपनी जान गंवानी पड़ी।

कुसुम वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री की लापरवाही का खामियाजा प्रदेश की जनता भी झेल रही है। प्रदेश में गांव से लेकर शहर तक कोरोना से हर रोज मौतों का सिलसिला जारी है, लेकिन मेडिकल सुविधाओं का भयानक अभाव बना हुआ है। प्रदेश सचिव का मानना है कि प्रदेश में हुई मौतों के जिम्मेदार सीधे तौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं और ऐपवा उनके इस्तीफे की मांग करती है।

ऐपवा ने राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भी दिया। इसमें सात सूत्रीय मांगों का जिक्र किया गया। यह मांगे हैं…

  1. पूरे देश और प्रदेश में ऑक्सीजन और समुचित इलाज की कमी से होने वाली मौतों के जिम्मेदार हम इस देश के प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को मानते हैं इसलिए जनहित में हम उनके इस्तीफे की मांग करते हैं।
  2. सभी जिला मुख्यालयों पर ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएं और हर अस्पताल में पर्याप्त ऑक्सीजन के सप्लाई की गारण्टी की जाए।
  3. सभी सरकारी अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए पर्याप्त डॉक्टर, स्टॉफ, मुफ्त दवा, बेड, ऑक्सीजन और भोजन की व्यवस्था अतिशीघ्र की जाए।
  4. लॉक डाउन के दौरान सभी जरूरतमंद परिवारों के लिए मुफ्त राशन और रोज़गार भत्ते की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
  5. होम आइसोलेशन में रह रहे करोना मरीजों की मॉनिटरिंग करने और उनके मुफ्त इलाज और पौष्टिक भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
  6. परिवार के सभी सदस्यों के कोरोना से संक्रमित हो जाने के कारण भोजन का भी भारी संकट झेल रहे हैं। हमारा सुझाव है कि जिला प्रशासन, सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर प्रत्येक मुहल्लों में सामुदायिक भोजन सेवा तत्काल शुरू करने के आदेश दें।
  7. गांव से शहर तक सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाओं के मौलिक अधिकार की गारंटी सुनिश्चित की जाए।
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments