यूपी में सरकारी ठेकों से बिक रही जहरीली देशी शराब, अब तक 85 की मौत, आबकारी आयुक्त नपे

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अलीगढ़ में सरकारी ठेकों से बिकी देशी शराब के सेवन से अब तक 85 लोगों की मौत हो चुकी है, इसमें सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आबकारी आयुक्त पी गुरुप्रसाद को हटा दिया है। उनके स्थान पर प्रतिनियुक्ति से लौटे रिग्जयान सैंफिल को नया आबकारी आयुक्त बनाया गया है। अभी तक इस मामले में बड़े अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई न करने से सरकार पर सवाल उठ रहे थे। इस मामले में अब तक 13 पुलिस कर्मी और आधा दर्जन से अधिक आबकारी विभाग के अधिकारी व कर्मी निलंबित किए जा चुके हैं। अलीगढ़ शराब कांड में यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। इससे पहले संयुक्त आबकारी आयुक्त स्तर तक के अधिकारियों पर ही कार्रवाई हुई थी।

प्रदेश में जहरीली शराब की वजह से केवल इस वर्ष एक दर्जन से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें लगभग 200 लोगों की जान जा चुकी है। इसमें प्रतापगढ़ और प्रयागराज में आधा दर्जन घटनाएं, फतेहपुर, चित्रकूट, अम्बेडकरनगर, बदायूं, आजमगढ़ और बुलंदशहर में हुई घटनाएं शामिल हैं।

इन सभी मामलों में शासन और प्रशासन द्वारा जिला स्तर पर कार्रवाई करके खाना पूरी कर दी जा रही थी। पहले इन घटनाओं को पंचायत चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा था। लेकिन पंचायत चुनाव समाप्त होने के बाद भी घटनाओं का सिलसिला जारी था। लेकिन इस बार अलीगढ़ में सरकारी ठेके से लेकर पी गई शराब से दर्जनों लोगों की जान चली गई। इस घटना ने तब और तूल पकड़ लिया जब सता पक्ष के सांसद और विधायक ने ही अधिकारियों पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। जिसके बाद सरकार पर कार्रवाई का दबाव काफी बढ़ गया था। माना जा रहा है कि इसी दबाव के कारण ही आबकारी आयुक्त को उनके पद से हटाया गया है।

फरवरी 2019 में सहारनपुर और कुशीनगर में जहरीली शराब पीने से 100 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। इस घटना के बाद तत्कालीन आबकारी आयुक्त धीरज साहू को हटा दिया गया था। उनके स्थान पर पी गुरुप्रसाद को आबकारी आयुक्त बनाया गया था। अब अलीगढ़ की घटना के बाद पी गुरुप्रसाद को हटाया गया है। सपा शासन काल में 2015 में मलीहाबाद में जहरीली शराब से हुई 35 लोगों की मौत के बाद तत्कालीन आबकारी आयुक्त अनिल गर्ग को हटाया गया था।

इस बीच, शासन ने आबकारी विभाग के दो और अधिकारियों को अलीगढ़ शराब कांड मामले में निलंबित कर दिया है। इसमें आगरा जोन के संयुक्त आबकारी आयुक्त रविशंकर पाठक और अलीगढ़ प्रभाग के उप आबकारी आयुक्त ओपी सिंह को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। रवि शंकर पाठक के स्थान पर लखनऊ जोन के संयुक्त आबकारी आयुक्त धीरज सिंह को आगरा जोन का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है। इसी तरह आगरा प्रभाग के उप आबकारी आयुक्त विजय कुमार मिश्र को अलीगढ़ प्रभाग के उप आबकारी आयुक्त का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है।

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी के अनुसार अलीगढ़ की घटना में अब तक 13 पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया है, जिसमें इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर रैंक के पांच कर्मी व 8 मुख्य आरक्षी व आरक्षी शामिल हैं। विस्तृत रिपोर्ट मिलने के बाद कुछ और अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है। सीओ गभाना कर्मवीर सिंह को भी सस्पेंड कर दिया है। सीओ खैर शिव प्रताप सिंह और सीओ नगर, तृतीय विशाल चौधरी से तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

साल दर साल जहरीली शराब पीने से लोगों की मौतें होती रही हैं। मई 2021- अलीगढ़ में जहरीली शराब पीने से 40 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। मई 2021- अम्बेडकरनगर में जहरीली शराब से 16 की मौत। मई 2021-आजमगढ़ में जहरीली शराब से 20 से अधिक की मौत। अप्रैल 2021-बदायूं में जहरीली शराब पीने से 4 लोगों की मौत। मार्च-अप्रैल 2021- प्रतापगढ़ के तीन थाना क्षेत्रों में एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत। मार्च-अप्रैल 2021- प्रयागराज के तीन अलग अलग थाना क्षेत्रों में जहरीली शराब से 36 से अधिक की मौत। मार्च 2021- फतेहपुर में जहरीली शराब से 3 लोगों की मौत। मार्च 2021- चित्रकूट में जहरीली शराब पीने से 5 लोगों की मौत।

जनवरी 2021- बुलंदशहर में जहरीली शराब पीने से 7 की मौत। नवंबर 2020- फिरोजाबाद में जहरीली शराब पीने से 3 लोगों की मौत। नवंबर 2020- प्रयागराज में जहरीली शराब पीने से 6 लोगों की मौत। नवंबर 2020-  लखनऊ में जहरीली शराब पीने से चार लोगों की मौत। फरवरी 2019- सहारनपुर में जहरीली शराब पीने से 65 लोगों की मौत। फरवरी 2019- कुशीनगर में जहरीली शराब पीने से 11 लोगों की मौत। मई 2018- कानपुर देहात के रूरा में 9 लोगों की मौत। मई 2018- कानपुर नगर के सचेंडी में 7 लोगों की मौत। जनवरी 2018- बाराबंकी में 9 लोगों की मौत। जुलाई 2017- आजमगढ़ में जहरीली शराब पीने से 25 लोगों की मौत।

अलीगढ़ शराब कांड में अब तक 85 की मौत हो चुकी है। जिले में जहरीली शराब से सोमवार को 14 और लोगों की मौत के साथ ही इस हादसे में मरने वालों की संख्या 85 हो गई है। वहीं, पुलिस ने शहर के कारोबारी और स्याही-सैनिटाइजर फैक्टरी के संचालक विजेंद्र कपूर को गिरफ्तार कर लिया है। कपूर के पास से 6000 लीटर मिथाइल-इथाइल अल्कोहल जब्त की गई है और फैक्टरी को सील कर दिया गया है।

आबकारी विभाग की मेरठ स्थित प्रयोगशाला ने घटना के पहले दिन करसुआ के ठेके से जब्त शराब के नमूनों में मिथाइल अल्कोहल की पुष्टि की है। इससे लोगों की आंखों की रोशनी जाने से लेकर मौत तक हो जाती है। जहरीली शराब के मामले में अलीगढ़ के कारोबारी विजेंद्र कपूर समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जांच में पुलिस को पता चला कि जहरीली शराब बनाने के लिए विजेंद्र कपूर की फैक्ट्री से ही मिथाइल अल्कोहल की सप्लाई की गई थी। पुलिस ने कपूर की फैक्ट्री से दो सौ से ज्यादा मिथाइल और इथाइल के कंटेनर बरामद किए हैं। अब फैक्ट्री को पुलिस-प्रशासन ने सील कर दिया है।

(वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट।)

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