प्रयागराज: अस्पताल में गैंगरेप का आरोप लगाने वाली पीड़िता की मौत, प्रशासन ने कहा-लड़की गलतफहमी का शिकार

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उत्तर प्रदेश के जिला प्रयागराज के स्वरूप रानी अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर में अपने साथ गैंगरेप का आरोप लगाने वाली पीड़िता की आज मंगलवार की सुबह मौत हो गयी। फिलहाल मौके पर मेडिकल कॉलेज व पुलिस प्रशासन के कई अफसर पहुंच गए हैं। उपद्रव की आशंका को देखते हुए पोस्टमार्टम हाउस के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल लगा दिया गया है।

 गौरतलब है कि युवती को यहां 31 मई की रात गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था। उसी रात उसकी आंत का ऑपरेशन किया गया था। 2 जून को होश में आने के बाद युवती ने आरोप लगाया था कि उसके साथ गैंगरेप हुआ है। युवती ने अपने भाई को लिखकर बताया था कि – “डॉक्टर अच्छे नहीं हैं, मेरे साथ गंदा काम किया।” 

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वहीं अब इस मामले में 8वें दिन पुलिस ने स्वरूपरानी अस्पताल के 4 अज्ञात कर्मचारियों के खिलाफ FIR दर्ज़ कर लिया है। एसएसपी प्रयागराज सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने मीडिया में बयान देते हुए बताया है कि रिपोर्ट दर्ज़ कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है। जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध कार्रवाई होगी। पीड़िता की मौत के बाद स्वरुपरानी अस्पताल की सुरक्षा में पुलिस बल बढ़ा दिया गया है। 

कोतवाली SHO अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि युवती की सुबह साढ़े आठ बजे डेथ हुई है। परिजन अभी पोस्टमार्टम को लेकर असमंजस में हैं। परिजन जो कहेंगे वही होगा। 

पीड़िता मिर्जापुर से प्रयागराज के स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में इलाज कराने आई थी। उसके भाई ने बताया कि पीड़िता मिर्जापुर की रहने वाली है। उसकी आंत का ऑपरेशन किया गया था। आंत के ऑपरेशन के बाद दे रात जब उसे वार्ड में छोड़ा गया तो वह अचेत लग रही थी और कुछ कहना भी चाह रही थी। जब उसे पेन और कागज दिया गया तो उसने कंपकंपाते हाथों से लिखा कि डॉक्टर अच्छे नहीं हैं। सब मिले हैं। कोई इलाज नहीं किया और मेरे साथ गंदा काम किया। उसने लिखकर बताया कि चार लोगों ने उसके साथ रेप किया है। युवती के लिखते हुए भी उसके चचेरे भाई ने वीडियो बनाया है और उसको भी वायरल कर दिया है। वीडियो में उसका सगा भाई भी बैठा हुआ है।

मेडिकल प्रक्रिया से अंजान होने के कारण गलतफहमी की शिकार 

पीड़िता के कथित गैंगरेप के आरोप के बाद गठित डॉक्टरों की एक कमेटी ने जांच के बाद मरहूम पीड़िता द्वारा लगाये गये रेप के आरोपों को खारिज कर दिया है। डॉक्टरों की रिपोर्ट में बताया गया है कि गलतफहमी के चलते ये आरोप लगाया गया है। ये मेडिकल रिपोर्ट पुलिस को भी जांच टीम ने सौंप दी है।

मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एसपी सिंह ने युवती के भाई के आरोपों को गलत ठहराते हुये कहा है कि युवती के आंत में इंफेक्शन था। काफी हिस्सा सड़ चुका था। उसे काटकर अलग किया गया। जांच कमेटी की रिपोर्ट भी आ गई है। इसमें तीन महिला और एक पुरुष डॉक्टर शामिल थे। जांच में भी यही पाया गया है कि युवती और उसका भाई गलतफहमी का शिकार हुए हैं। ऑपरेशन के दौरान 8 मेडिकल स्टाफ और डॉक्टर की टीम थी। इसमें 5 महिलाएं थीं।

प्रिंसिपल डॉ. एसपी सिंह ने आगे मेडिकल प्रोसेस समझाते हुये बताया है कि – “आंत के ऑपरेशन से पहले प्राइवेट पार्ट की सफाई की जाती है और ऑपरेशन के बाद उसमें नली लगाई जाती है, ताकि मरीज पेशाब कर सके। मरीज जब बेड पर आई तब भी उसके प्राइवेट पार्ट की सफाई हुई, ताकि इंफेक्शन न फैले और फिर उसमें पेशाब के लिए नली लगा दी गई। ये सब काम महिला स्टाफ ही करती हैं। ऐसे में हो सकता है कि युवती बेहोशी के हालत में इसे गलत समझ लिया हो।

मरहूम युवती मिर्जापुर की निवासी थी। बता दें कि मिर्जापुर जिला उत्तर प्रदेश के सबसे पिछड़े जिलों में से एक है। जहां शिक्षा विशेषकर स्त्री शिक्षा का स्तर बेहद खराब है। ऐसे में ऑपरेशन के पहले होने वाली तमाम ज़रूरी प्रक्रियाओं से वो अंजान होगी। तो एक पहलू ये भी हो सकता है कि मरीज को इन्फेक्शन से बचाने के लिये की जाने वाली प्राइवेट पार्ट की सफाई को उसने गैंगरेप समझ लिया हो। 

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