स्थायीकरण की मांग के साथ गेस्ट टीचर्स मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी गेस्ट टीचर्स का कहना है कि जब तक सरकार उनका स्थायीकरण नहीं करती आंदोलन खत्म नहीं होगा। दिल्ली सरकार के ख़िलाफ़ आंदोलनकारी अतिथि शिक्षकों के समर्थन में पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का साथ मिला है। नवजोत सिंह सिद्धू भी अतिथि शिक्षकों के साथ मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने पर बैठ गये हैं। इस दौरान नवजोत सिंह सिद्धू ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि, दिल्ली में शिक्षकों के हजारों पद खाली हैं, लेकिन सरकार सिर्फ़ गेस्ट टीचर के पद भर रही है। उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में बीते 5 सालों में बेरोज़गारी पांच गुना बढ़ी है।
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार पर जोरदार हमला करते हुये कहा कि दिल्ली का एजुकेशन मॉडल कॉन्ट्रैक्ट का मॉडल है। दिल्ली के स्कूलों में शिक्षकों की घोर कमी है लेकिन सरकार सिर्फ़ कॉन्ट्रेक्ट टीचर से काम चला रही है। उन्होंने मुख्यिमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार अपने वादे से मुकर गई है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में 8 लाख नई नौकरियां और 20 नए कॉलेजों को खोलने का वादा किया था। लेकिन सरकार बनते ही केजरावाल वादे से मुकर गये।
नवजोत सिंह सिद्धू ने केजरीवाल सरकार पर महिला विरोधी होने का आरोप लगाते हुये कहा है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल महिला सशक्तीकरण की बात करते हैं लेकिन उनके मंत्रिमंडल में एक भी महिला मंत्री नहीं है।
इससे पहले पिछले साल कोरोना काल के समय में दिल्ली के शिक्षा निदेशालय ने 20 हजार से अधिक शिक्षकों की सेवा 20 अप्रैल 2021 से समाप्त करने का आदेश जारी किया था। पिछले साल लॉकडाउन शुरू होने के बाद दिल्ली के स्कूलों में कार्यरत क़रीब 20 हजार अतिथि शिक्षकों के लिए दिल्ली सरकार ने एक आदेश जारी किया था। दिल्ली सरकार ने आदेश जारी किया था कि गेस्ट टीचर्स को अब सिर्फ 8 मई 2020 तक का ही वेतन दिया जाएगा। शिक्षा निदेशालय, दिल्ली सरकार द्वारा 5 मई 2020 को निकाले गए एक आदेश में कहा गया है कि अतिथि शिक्षकों को केवल 8 मई तक का ही वेतन दिया जाएगा और गर्मियों की छुट्टियों में उन्हें भुगतान तभी किया जाएगा जब उनकी सेवाएं ली जाएंगी। ऑल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन ने शिक्षा निदेशालय के आदेश का विरोध किया था।
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर 25 हजार से ज्यादा कंट्रैक्ट टीचर 28 फरवरी 2019 के बाद से बेरोज़गार हो गए थे। तब अतिथि शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के आवास के बाहर घेराव किया था। तब कई टीचरों ने तो सरकार के विरोध में मुंडन तक करवा लिया था।
ये शिक्षक लगातार कई वर्षों से दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कार्यरत रहे हैं। आंदोलनरत शिक्षकों की मांग है कि उन्हें स्थायी करके उनका वेतनमान बढ़ाया जाए।
(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)