झारखंड बनने के बाद झारखंडियों का पारंपरिक, सामाजिक, रूढ़ि या प्रथा, जल, जंगल, जमीन, भाषा संस्कृति, खनिज, नौकरी, ठेकेदारी, शिक्षा संस्थानों पर चौतरफा हमला हो रहा है। झारखंड सरकार द्वारा समय समय पर कृषि भूमि को गैर कृषि में बदलकर व्यावसायिक उद्देश्य पूरा करने के लिए सीएनटी/एसपीटी एक्ट और विलकिंसन रूल्स को कमजोर करने के लिए लगातार संशोधन करने का प्रयास किया जा रहा है।
झारखंड की सामुदायिक परती जमीन को झारभूमि वेबसाइट में डालकर उद्योगपतियों को देने का काम किया जा रहा है। झारखंड सरकार द्वारा झारखंडियों के खिलाफ समय-समय पर जन विरोधी नीति के खिलाफ जन आंदोलन करने के लिए एक गैर राजनीतिक सामाजिक संगठन ‘झारखंड पुनरूत्थान अभियान’ तैयार की गई है।
यह सामाजिक संगठन खूंटकट्टी झारखंडियों को एकजुट करने के उद्देश्य से बनाया गया है। इसमें आदिवासी,मूलवासी और सामान्य वर्ग के सभी झारखंडियों को शामिल किया जाएगा। फिलवक्त इस संगठन को संयोजक प्रणाली पर संचालित किया जाएगा।
कोल्हान के सेरेंगसिया शहीद स्मारक के पास 22 जनवरी को पोटो होके शहीद स्थल में बैठक कर एक गैर राजनीतिक सामाजिक संगठन का गठन किया गया। सर्वसम्मति से इसका नामकरण “झारखंड पुनरुत्थान अभियान” किया गया। संगठन में मुख्य रूप से पूर्व सांसद चित्रसेन सिंकु, पूर्व सांसद दुर्गाचरण जामुदा, क्रांतिकारी नेता सन्नी सिंकु मुख्य रूप से शामिल थे। बैठक में कहा गया कि इस संगठन का मुख्य उद्देश्य खूंटकट्टी खतियानधारी झारखंड वासियों की प्राचीन सभ्यता और संस्कृति की रक्षा करना है।
झारखंड सरकार द्वारा झारखंडियों के खिलाफ समय-समय पर जन विरोधी नीति तैयार करने के खिलाफ और इसे लेकर जन आंदोलन करने के उद्देश्य से तैयार की गई यह सामाजिक संगठन संयोजक प्रणाली पर संचालित की जाएगी। झारखंड पुनरुत्थान अभियान का गठन होने के साथ ही तत्कालिक प्रभाव से संगठन को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए उपस्थित लोगों के बीच में से ही संयोजक मंडली का गठन किया गया है। संयोजक मंडली में प. सिंहभूम जिला के तीनों अनुमंडल और प्रखंडों से भागीदारी सुनिश्चित करने वालों को नामित किया गया है।
(विशद कुमार वरिष्ठ पत्रकार हैं)
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