वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एक बार फिर छात्राएं आंदोलन की राह पर हैं। कैंपस में दिन-प्रतिदिन छेड़खानी की घटनाएं बढ़ रही हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन आवारा और लंपट तत्वों से निपटने में नाकाम है, यह कह सकते हैं कि हाथ पर हाथ धरे बैठा है। ऐसे में विश्वविद्यालय की छात्राओं ने मोर्चा संभाल लिया है और अपने हाथ में लाठी-डंडा लेकर परिसर में मार्च किया। सोमवार को बीएचयू परिसर एक नए प्रतिरोध का साक्षी बना। भगत सिंह छात्र मोर्चा के नेतृत्व में बीएचयू की लड़कियों ने लाठी डंडों के साथ चेतावनी मार्च निकाला। मार्च विश्वनाथ मंदिर से लंका द्वार तक लंपटों को चेतावनी देते हुए निकाला गया।

बीएचयू कैम्पस में लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं क्योंकि कैम्पस में कुछ लम्पटों द्वारा लगातार महिला विरोधी गतिविधियां और छेड़खानी की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। लड़कियां कैम्पस के अंदर लगातार सेक्सुअल हैरेसमेंट का शिकार बन रही हैं। पिछले 20 दिनों में बीएचयू में चार लड़कियों के साथ सेक्सुअल हैरेसमेंट का मामला सामने आया है और न जाने कितने मामलों को तो ऐसे ही दबा दिया जाता है, जिसकी सूचना आम छात्रों तक पहुंच ही नहीं पाती हैं। सोमवार को उसी के खिलाफ छात्राओं ने पूरे तेवर के साथ लंपटों एवं पुलिस प्रशासन को चेतावनी देते हुए जोरदार नारेबाजी की।

मार्च के दौरान आक्रोशित छात्राओं ने लम्पटों एवं आवारा तत्वों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अब लड़कियों के साथ छेड़खानी हुई तो परिसर की छात्राएं चुप नहीं रहेंगी, उन्होंने कहा कि हम पलटवार करेंगे और उस अपराधी को वही पीटेंगे और करारा जवाब देंगे। इसके लिए चाहे उन्हें कुछ भी करना पड़े। बीएचयू परिसर की छात्राओं को अब पुलिस प्रशासन और बीएचयू प्रशासन से कोई उम्मीद नहीं बची है। छात्राओं ने हाथ में लाठी लेकर जोरदार नारेबाजी की और लंपटों को चेतावनी देते हुए कहा-‘लंपटों की एक दवाई, जूता चप्पल और कुटाई।’

छात्राओं ने बीएचयू प्रशासन और पुलिस प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि छेड़खानी के मामलों को अगर पुलिस प्रशासन संज्ञान में नहीं लेती है और आरोपी की धर-पकड़ नहीं करती है और कैम्पस में महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी नहीं निभाती है तो हम छात्र-छात्राएं एक विशाल आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। बीएचयू परिसर में छात्राओं को आंदोलन करने पर मजबूर करने की सारी जिम्मेदारी बीएचयू प्रशासन और पुलिस प्रशासन की होगी। मार्च के दौरान छात्रों ने पीड़िताओं को न्याय एवं आरोपियों के खिलाफ़ शीघ्र कार्रवाई करने की मांग की।