शिंदे सरकार पर उद्धव ठाकरे का तीखा हमला, बारसू जाने का ऐलान किया

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महाराष्ट्र के विपक्षी पार्टी महा विकास अघाड़ी(एमवीए) की तिकड़ी ने सोमवार को मुंबई में महाराष्ट्र दिवस पर के मौके पर तीसरी संयुक्त रैली की। रैली में पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना(यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कोंकण इलाके के रत्नागिरी जिले में बारसु रिफाइनरी परियोजना को लेकर सत्तारूढ़ एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार को निशाने पर लिया। रैली में उद्धव ठाकरे ने 6 मई को बारसू जाने का ऐलान किया और कहा कि बारसू “पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर” नहीं है। उन्होंने रिफाइनरी परियोजना का विरोध कर रहे स्थानीय लोगों से मिलने की बात कही।

उन्होंने राज्य सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि “तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे रोकने की कोशिश करने की? यह पीओके या बांग्लादेश नहीं है। मैं पहले बारसू जाऊंगा और फिर अपनी रैली के लिए महाड़ (रायगढ़) जाऊंगा। हां, मैंने बारसू को एक वैकल्पिक जगह के रूप में प्रस्तावित किया था। लेकिन केंद्र को लिखे अपने पत्र में, मैंने कभी नहीं कहा कि पुलिस को परियोजना का विरोध करने वाले स्थानीय लोगों पर लाठियां और गोलियां चलानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी पहली चिंता पर्यावरण का संरक्षण था।”

रत्नागिरी के बारसू गांव में एशिया की ‘सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी’ रत्नागिरी रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल लिमिटेड बनने जा रही है। यह इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम और सऊदी अरब के स्वामित्व वाली अरामको और संयुक्त अरब अमीरात की नेशनल ऑयल कंपनी के बीच एक संयुक्त उद्यम माना जा रहा है। लेकिन बारसू गांव के स्थानीय लोग इस परियोजना के विरोध में लगातार उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं।

ठाकरे ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि उद्योग मंत्री उदय सामंत बारसु रिफाइनरी पर सलाह लेने के लिए एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मिले थे। उन्होंने कहा कि “जब आप (बीजेपी-शिंदे गुट) पवार से मदद मांगने जाते हैं, तो यह ठीक है। लेकिन जब मैं एमवीए (कांग्रेस और एनसीपी के साथ) चला रहा था, तो आपने मुझ पर कई अपशब्द कहे।”

पूर्व मुख्यमंत्री ने मुंबई शहर को महाराष्ट्र से अलग करने की कोशिश के खिलाफ भाजपा को भी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि, “अगर कोई मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की हिम्मत करता है, तो हम (शिवसेना यूबीटी) उसके टुकड़े-टुकड़े कर देंगे। उन्होंने बीजेपी पर मुंबई के राजस्व में कटौती करने और शहर को कम महत्व देने की कोशिश करने का आरोप लगाया। वहीं अजीत पवार ने कहा कि “मुंबई शहर केवल शिवसेना के कारण टिका हुआ है।”

रैली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(एनसीपी) नेता अजीत पवार ने राज्य सरकार के खिलाफ हमला बोला और कहा कि किसी को भी इनकी “विभाजनकारी रणनीति” का शिकार नहीं होने देंगे।” शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी और कांग्रेस के सभी शीर्ष नेताओं ने अपने भाषणों में संकेत दिया कि तीनों पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ेंगी।

(कुमुद प्रसाद जनचौक की सब एडिटर हैं।)

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