पंजाब: सेंट्रलाइज एडमिशन पर ‘आप’ सरकार और कॉलेजों में ठनी

पंजाब। श‍िक्षा को मुद्दा बनाकर हर प्रदेश में चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी द्वारा शास‍ित एकमात्र पूर्ण प्रदेश पंजाब में उच्‍च श‍िक्षा के क्षेत्र में भगवंत मान सरकार की तानाशाही नीतियों को लेकर कॉलेजों व सरकार में पि‍छले लगभग दस द‍िनों से जबरदस्‍त टकराव चल रहा है। पंजाब के सारे एफ‍िलिएट‍ेड कॉलेज (एडेड व प्राइवेट) पंजाब की सरकार के सेंट्रलाइज एडम‍िशन के आदेश का विरोध कर रहे हैं।

पूरे प्रदेश भर में कॉलेजों ने 31 मई से यून‍िवर्स‍िटी परीक्षाओं के बहिष्‍कार का फैसला किया है और सरकार ने भी बातचीत का रास्‍ता छोड़ अड़ि‍यल रवैया अपनाते हुए सभी एफ‍िलिएट‍ेड कॉलेजों (एड‍ेड व प्राइवेट) में स्‍थाप‍ित क‍िए गए सारे सेंटरों को सरकारी कॉलेजों और स्‍कूलों में श‍िफ्ट कर सारे पेपर करवाने का प्रबंध कर द‍िया। कॉलेज जो पहले ही छात्रों के बड़े पैमाने पर व‍िदेश पलायन के कारण एडम‍िशन में कमी से जूझ रहें हैं, सरकार के इस संवेदनहीन फैसले से सकते व हैरानी में हैं।

कई जगहों पर छात्रों को पेपर देने के ल‍िए 40-50 क‍िलोमीटर तक का सफर करना पड़ रहा है। सरकारी कॉलेजों व स्‍कूलों में आनन फानन में बनाए गए सेंटरों में न तो उच‍ित सहूलियतें हैं और न ही पूरा स्टाफ। सरकार के फैसले को यदा-कदा वह पूरा तो कर रहें हैं और कई जगह पर तो कमरों में जरूरत से ज्‍यादा बच्‍चे बिठाए जाने के समाचार भी आ रहे हैं। सरकारी कॉलेजों के अध्‍यापकों की व‍िभ‍िन्‍न यूनियनों ने भी इस फैसले पर हैरानी प्रगट की है और संसाधनों के अभाव का हवाला देते हुए पेपर मुलतवी करने का सुझाव द‍िया था। लेकिन सरकार का रवैया अड़‍ियल रहा और उसने सभी सुझावों को दरकिनार करते हुए पेपर करवाना जारी रखा।

कॉलेज के स्‍टाफ व मैनेजमेंट धरने पर हैं और छात्रों को परेशानी न हो, इसलिए बहुत जगहों पर कॉलेज बच्‍चों को दूर स्‍थि‍त सरकारी कॉलेज तक पहुंचाने के ल‍िए ट्रांसपोर्ट की सुव‍िधा भी मुहैया करवा रहें हैं। इसका कॉलेजों पर अतिर‍िक्‍त बोझ पड़ रहा है लेकिन पिछले लगभग एक सप्‍ताह से चल रहा डैड-लॉक बरकरार चल रहा है।

अभी इस बात को लेकर भी दुव‍िधा चल रही हैं क‍ि कॉलेजों के बहिष्‍कार के चलतें आनन-फानन में ल‍िए गए पेपरों का मूल्‍यांकन सरकार कैसे करवाएगी। सभी यून‍ियनों ने मूल्‍यांकन प्रक्र‍िया का भी बहिष्‍कार कर द‍िया है।

सरकार ने कॉलेजों को सेट्रलाइज एडम‍िशन पोर्टल पर अपनी ड‍िटेल अपलोड कर मई 31 तक पंजीकृत करवानें को कहा था पर सारे कॉलेजों ने (प्राइवेट व एडेड) ज‍िनकी संख्‍या 300 के आस-पास है न‍े इस फैसले का व‍िरोध करते हुए पंजीकृत न करवाने का फैसला ल‍िया है। इसमें श‍िरोमणी गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी से जुड़े सभी कॉलेज भी शाम‍िल हैं। 

सरकार के फैसले से बंधी तीनों स्‍टेट यून‍िवर्स‍िटी अभी तक दाख‍िले नहीं शुरू कर पाई हैं। स‍िर्फ सरकारी कॉलेज ही सेंट्रलाइज एडम‍िशन पोर्टल के जरीए ही दाख‍िले कर रहें है जबकि पंजाब में 75 प्रत‍िशत के करीब छात्र एफ‍िलिएट‍ेड व प्राइवेट कॉलेजों में शिक्षा ग्रहण कर रहें हैं। व‍िभ‍िन्‍न बोर्डों के बाहरवीं कक्षा के नतीजे घोष‍ित हो चुके हैं और छात्र पंजाब के प्रत‍िष्‍ठ‍ित कॉलेजों में प्रवेश लेने के लिए इंतजार कर रहे हैं।

कॉलेज क्‍यों हैं पोर्टल के ख‍िलाफ?

पंजाब में व‍िदेश परागमन के चलते ज्‍यादातर कॉलेज एडम‍िशन की कमी से जूझ रहें हैं। सेंट्रलाइज एडम‍िशन के चलते डर है कि र‍िमोट क्षेत्रों में स्‍थ‍ित कॉलेजों के एडम‍िशन में गिरावट आएगी और वह बंद होने के कगार पर पहुंच जाएंगे। शायद ही पंजाब का कोई कॉलेज हो ज‍िसमें ज‍ितनी सीटें हैं उतने दाख‍िले हो जाते हों।

जब दाख‍िला ही सीटों से कम होता है तो फ‍िर मेर‍िट सूची बनाना और कई तरह की काउंसल‍िंग करने का ड्रामा रचने की क्‍या जरूरत है। इससे उन कॉलेजों की रेपुटेशन पर व‍िपरीत प्रभाव पड़ेगा ज‍िनके दाख‍िले अन्‍य कारणों की वजह से कम रहते हैं।

राज्‍य की सारी प्राइवेट यून‍िवर्सिटी को इस सेंट्रलाइज एडम‍िशन के दायरे से दूर रखा गया है। इसका सीधा मकसद इन यून‍िवर्स‍िटी को फायदा द‍िलवाना है। गौर रहे क‍ि राज्‍य की कई प्राइवेट यून‍िवर्सिटी के सत्‍ताधारी आम आदमी पार्टी की सरकार से सीधे संबंध हैं और राजनीतिक गल‍ियारों में इस बात की पूरी चर्चा है क‍ि इनकी ओर से सरकार को फंड‍िग होती है और सरकार इनको फायदा पहुंचाना चाहती है।

सेंट्रलाइज पोर्टल के जरिए सरकार का पारदर्शिता का दावा ब‍िलकुल खोखला है, क्‍योंकि पहले भी सारे कॉलेज-यून‍िवर्स‍िटी पोर्टलों के जरिए आनलाइन दाख‍िले कर रहे हैं। साथ ही उच्‍च श‍िक्षा व‍िभाग को समय-समय पर सभी जानकारियां मुहैया करवाते रहते हैं।

पंजाब व‍िधानसभा के नेता व‍िपक्ष ने 2 जून को पंजाब के सीएम भगवंत मान को एक पत्र ल‍िखकर जल्‍दी से इस डेड-लॉक को खत्‍म कर पंजाब की श‍िक्षा को बचाने का आग्रह किया है। व‍िभ‍िन्‍न राजन‍ित‍िक दलों के नेताओं ने भी सरकार के अड़ियल रवैया की आलोचना की है।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमर‍िंदर स‍िंह राजावडिंग ने तो एक ट्वीट के जरिए सीधा आरोप लगाया है क‍ि सरकार प्राइवेट यून‍िवर्स‍िटियों को लाभ पहुंचाना चाहती है, ज‍िनमें से एक यून‍िवर्स‍िटी के चांसलर आम आदमी पार्टी के सांसद अशोक म‍ित्तल हैं। अकाली दल के सीनियर नेता ने भी सरकार को अड़‍ियल रवैया अपनाने पर ध‍िक्‍कारा है।

सूत्रों की मानें तो 3 जून को पंजाब यून‍िवर्स‍िटी की सीनेट ने भी सरकार के सेंट्रलाइज पोर्टल के फैसले को न लागू करने का फैसला ल‍े ल‍िया है।

सरकार के ख‍िलाफ संघर्ष कर रही ज्वाइंट एक्‍शन कमेटी के सदस्‍यों ने सरकार पर आरोप लगाए हैं क‍ि जालंधर लोकसभा के उपचुनाव के दौरान सीएम भगवंत मान और श‍िक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने सेट्रलाइज एडम‍िशन पोर्टल लागू नहीं करने का आश्‍वासन द‍िया था पर बाद में वह मुकर गए।

एक प्रेस कांफ्रेंस को सम्‍बोध‍ित करते हुए कमेटी के प्रधान राज‍िंदर मोहन सिंह छीना ने बताया कि उपचुनाव के दौरान कॉलेजों की ओर से धरना-प्रदर्शन करने का कार्यक्रम था पर मुख्‍यमंत्री ने समय की नजाकत को समझते हुए हमारी समस्‍यायों को सुनने का और न‍िदान करने का आश्‍वासन दिया था, ज‍िसके चलते कॉलेजों ने आंदोलन वापस ले लिया था, पर उपचुनाव का नतीजा न‍िकलते ही, ब‍िना बातचीत के सेंट्रलाइज पोर्टल सिस्टम लागू करवाने के ल‍िए कॉलेजों को सरकार की ओर से धमकी-भरे पत्र भेजने शुरू कर द‍िए।                                         

(पंजाब से पत्रकार संजीव भल्ला की रिपोर्ट/लेखक हिंदुस्तान टाइम्स से जुड़े रहे हैं)

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