कोयले के आयात पर अडानी समूह की कथित अनियमितताएं फिर सवालों के घेरे में

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ब्रिटिश अखबार ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ ने कुछ दस्तावेजों का हवाला देकर एक खबर प्रकाशित की है, इस खबर ने खलबली मचा दी है। इसमें दावा किया गया है कि अडानी ग्रुप ने सार्वजनिक क्षेत्र की ‘तमिलनाडु जेनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन’ (टीएएनजीईडीसीओ) को कम गुणवत्ता वाला कोयला कहीं अधिक कीमत पर स्वच्छ ईंधन के नाम पर बेचा। चुनावी माहौल में इस पूरे मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस पर कांग्रेस आक्रामक हो गई है। राहुल गांधी ने कहा है कि चुनाव के बाद अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनती है तो इस तरह के मामलों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित की जाएगी। वह इन आरोपों की जांच करेगी।

पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे घोटाला करार देते हुए बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। उन्‍होंने कहा है कि ‘इस घोटाले’ के जरिये ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रिय मित्र’ ने कम गुणवत्ता वाले कोयले को तीन गुने दाम पर बेचकर हजारों करोड़ रुपये लूटे हैं। इसकी कीमत आम जनता ने बिजली का महंगा बिल भरकर अपनी जेब से चुकाई है।

फाइनेंशियल टाइम्‍स की रिपोर्ट के अनुसार, अडानी ग्रुप सरकारी बिजली कंपनी के साथ लेनदेन के दौरान घटिया किस्म के कोयले को कहीं ज्‍यादा महंगे स्वच्छ ईंधन के तौर पर बेचने में शामिल था। अखबार ने दावा किया उसकी रिपोर्ट साक्ष्यों पर आधारित है जो लंबे समय से चल रहे कोयला घोटाले के आरोपों पर नई रोशनी डालती है।

रिपोर्ट के अनुसार ऑर्गनाइज्‍ड क्राइम एंड करप्‍शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्‍ट (ओसीसीआरपी) ने दस्‍तावेजों को सुरक्षित रखा है। फाइनेंशियल टाइम्‍स ने इन दस्‍तावेजों की समीक्षा की है। अखबार ने कहा है कि भारतीय समूह से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोप संभावित पर्यावरणीय आयाम जोड़ते हैं। दस्तावेजों से पता चलता है कि मुमकिन है क‍ि अडानी ग्रुप ने एयर क्‍वालिटी की कीमत पर धोखाधड़ी से बंपर मुनाफा कमाया हो। ऐसा इसलिए है क्योंकि बिजली के लिए निम्न-श्रेणी के कोयले का इस्‍तेमाल करने का मतलब है कि ईंधन का अधिक उपयोग होना।

फाइनेंशियल टाइम्‍स की रिपोर्ट के अनुसार इनवॉयस से पता चलता है कि जनवरी 2014 में अडानी ग्रुप ने इंडोनेशियाई कोयले की एक खेप खरीदी थी। इसमें प्रति किलोग्राम 3,500 कैलोरी होने की सूचना दी गई थी। इस खेप को फिर तमिलनाडु जनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (टीएएनजीईडीसीओ) को 6,000 कैलोरी वाले कोयले के रूप में बेचा गया। इसे सबसे मूल्यवान ग्रेड में से एक माना जाता है। रिपोर्ट में संदेह जताया गया है कि ऐसा लगता है कि परिवहन लागत को ध्यान में रखते हुए अडानी ने शुरुआती निवेश से दोगुना से भी अधिक पैसा कमाया है।

रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल 20 लाख से ज्‍यादा लोग आउटडोर एयर पलूशन के कारण मरते हैं। यह जानकारी द लैंसेट में प्रकाशित 2022 के एक अध्ययन पर आधारित है। इसके अलावा अन्य अध्ययनों से पता चला है कि कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्रों के बड़े दायरे में बाल मृत्यु दर में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।

अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अदालत के कागजात का हवाला देते हुए एक रिपोर्ट में बताया है कि अडानी एंटरप्राइजेज और इसकी सहायक कंपनियों ने ‘उन दस्तावेजों के जारी होने को रोकने के लिए भारत और सिंगापुर में बार-बार कानूनी चुनौतियों से सफलतापूर्वक पार पाया है, जो भारत को अडानी के कोयला आयात की वास्तविक प्रकृति और मूल्य का विवरण देते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी में हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में कोयला आयात में कथित अनियमितताओं का जिक्र होने के बाद से अडानी समूह सवालों के घेरे में है और एक बार फिर से निशाने पर है।

पिछले महीने ‘कोयला आयात के कथित अधिक मूल्यांकन पर’ लंदन के फाइनेंशियल टाइम्स की एक विस्तृत जांच ने कोयला आयात के कथित अधिक मूल्य लगाने को ईंधन की बढ़ी हुई कीमतों और बिजली उपभोक्ताओं द्वारा चुकाई जाने वाली बढ़ी हुई दरों से जोड़ा था।

9 अक्टूबर की कानूनी फाइलिंग में, जिसको लेकर रॉयटर्स ने शुक्रवार (17 नवंबर) को अपनी रिपोर्ट में बताया है, भारत के राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने ‘भारत के सुप्रीम कोर्ट से निचली अदालत के पिछले आदेश को रद्द करने के लिए कहा है, जिसने अधिकारियों को सिंगापुर से साक्ष्य जुटाने से रोकने की अनुमति अडानी को दी थी। ’समाचार एजेंसी के अनुसार, डीआरआई का कहना है, ‘कंपनी (अधिकारियों के साथ दस्तावेज साझा करने के कदम को) वर्षों से विफल करती रही है।

अडानी समूह ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है और रॉयटर्स से कहा है कि उसने चार साल से अधिक समय पहले मांगे गए विवरण एवं दस्तावेज़ प्रदान करके अधिकारियों के साथ ‘पूरा सहयोग’ किया था और उसके बाद जांचकर्ताओं द्वारा ‘कोई कमी या आपत्ति’ पेश नहीं की गई थी। रॉयटर्स का कहना है कि भारत में 2024 के (लोकसभा) चुनाव से पहले राजनीतिक विरोधियों ने सरकारी फैसलों में अडानी के प्रति पक्षपात का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशासन पर दबाव बढ़ा दिया है। रॉयटर्स ने लिखा है, ‘मोदी और अडानी, जो दोनों गुजरात से हैं, ने अनुचित व्यवहार से इनकार किया है।

फाइनेंशियल टाइम्स ने पिछले महीने सीमा शुल्क रिकॉर्ड से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर बताया था कि ‘ऐसा प्रतीत होता है कि अडानी समूह ने बाजार मूल्य से कहीं अधिक कीमत पर अरबों डॉलर का कोयला आयात किया है। इसमें कहा गया है कि ‘आंकड़े लंबे समय से चले आ रहे इन आरोपों का समर्थन करते हैं कि देश का सबसे बड़ा निजी कोयला आयातक अडानी ईंधन की लागत बढ़ा रहा है और लाखों भारतीय उपभोक्ताओं एवं व्यवसायों को बिजली के लिए अधिक भुगतान करना पड़ रहा है।

2019 और 2021 के बीच के आंकड़ों की जांच से निष्कर्ष निकला कि ‘अडानी ने ताइवान, दुबई और सिंगापुर की ऑफशोर कंपनियों का इस्तेमाल करके 5 अरब डॉलर मूल्य का कोयला आयात किया, जो कई बार बाजार मूल्य से दोगुने से भी अधिक था।

समाचार रिपोर्ट ने फिर से कोयला आयात के अधिक मूल्य निर्धारण के आरोपों की ओर ध्यान आकर्षित किया, जो अडानी द्वारा इनकार किए जाने के बावजूद उनका पीछा कर रहे हैं।

फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट को रिपोस्ट करते हुए महुआ मोइत्रा ने ट्वीट किया है, ‘धोखेबाज अडानी समूह ने कम गुणवत्ता वाले 3500 कैलोरी प्रति किलोग्राम इंडोनेशियाई कोयले को भारत सरकार की बिजली कंपनियों को उच्च गुणवत्ता वाले  6000  कैलोरी प्रति किलोग्राम के रूप में बेचकर मुनाफा दोगुना कर लिया। उपभोक्ताओं और पर्यावरण के साथ धोखाधड़ी। नरेंद्र मोदी, कृपया मेरी साड़ियां गिनने और मेरे दोस्तों को बुलाने के बाद सीबीआई और ईडी को इसकी जांच करने के लिए कहें।’

महुआ मोइत्रा और राहुल गांधी अडानी के मुद्दे पर बीजेपी सरकार पर हमलावर रहे हैं। राहुल तो हाल की चुनावी रैलियों में इसपर लगातार बोल रहे हैं। राहुल आरोप लगाते रहे हैं कि पीएम मोदी ने चंद लोगों के लिए ही काम किया।

राहुल तब से और हमलावर हैं जब से पीएम मोदी ने अडानी-अंबानी का नाम लिया है। पीएम ने इस महीने की शुरुआत में आरोप लगाया था कि चुनाव की घोषणा होने के बाद से ही कांग्रेस नेता ने अडानी-अंबानी को गाली देना बंद कर दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा था, ‘मैं तेलंगाना की जनता से पूछना चाहता हूं, शहजादा बताएं- अंबानी-अडानी से कितना लिया? कितना काला धन ले जाया गया? क्या कैश से भरे टेंपो कांग्रेस तक पहुंच गए हैं? वह कौन सा सौदा हुआ है? आपने रातों-रात अंबानी-अडानी को गाली देना क्यों बंद कर दिया?’

इस पर राहुल गांधी ने वीडियो बयान जारी किया था। उसमें उन्होंने सीधे पीएम को संबोधित करते हुए कहा था, ‘नमस्कार मोदी जी, थोड़ा-सा घबरा गए क्या! नॉर्मली, आप बंद कमरों में अडानी जी, अंबानी जी की बात करते हो, लेकिन पहली बार पब्लिक में अडानी-अंबानी बोला।’ उन्होंने आगे कहा, ‘आपको ये भी मालूम है कि टेंपो में पैसा देते हैं। क्या यह आपका पर्सनल एक्सपीरिएंस है? एक काम कीजिए। सीबीआई-ईडी को इनके पास भेजिए न। पूरी जानकारी लीजिए, इन्क्वायरी कराइए। जल्दी से जल्दी कराइए। घबराइए मत मोदी जी।’

(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार और कानूनी मामलों के जानकार हैं)

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