योगी पुलिस की आंख के कांटे बने आइसा नेता नितिन राज फिर गिरफ्तार, पांचवीं बार भेजे गए जेल

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लखनऊ। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) उत्तर प्रदेश के राज्य उपाध्यक्ष नितिन राज को यूपी पुलिस ने आज दोबारा गिरफ्तारी कर लिया। इसक पहले उन्हें घंटाघर पर चल रहे सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलन के मामले में गिरफ्तार किया गया था। आइसा का कहना है कि उस समय उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप भर्जी थे।

आइसा के राज्य अध्यक्ष शैलेश पासवान ने बताया कि कोरोना लॉकडाउन के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सभी राजनीतिक कार्यकर्ताओं-आंदोलनकारियों समेत नितिन राज भी बाहर आये थे । जिसके बाबत कल लखनऊ कोर्ट में नितिन राज ने जमानत की याचिका डाली थी । कोर्ट द्वारा जमानत अर्जी नामंजूर होने के कारण पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसकी निंदा करते हुए शैलेश पासवान ने कहा कि नितिन राज लोकतंत्र की लड़ाई लड़ने वाले एक आंदोलनकारी हैं,  वह कोई अपराधी नहीं हैं जिन पर योगी सरकार ने फर्जी मुकदमे लादकर 5वीं बार जेल भेजने का तानाशाही काम किया है । नितिन राज का जेनएयू में इस वर्ष पीएचडी में दाखिला हुआ है, योगी सरकार ने यदि नितिन राज पर मुकदमा न किया होता तो आज वह कोविड स्ट्रेन जैसी नाजुक परिस्थित में जेल नहीं जाते।

नितिन राज सामाजिक रूप से कमजोर पृष्ठिभूमि से आते हैं। घंटाघर से चलने वाले एनआरसी विरोधी आंदोलन में उन्होंने अगुआ भूमिका निभायी थी। यह उन जैसे नेताओं के प्रयासों का ही नतीजा था कि योगी सरकार को बार-बार उसके सामने झुकना पड़ा। और उसको खत्म करने के लिए उन्हें प्रायोजित  रूप से दंगा कराना पड़ा।

उन्होंने आगे कहा कि योगी-मोदी सरकार सीएए-एनआरसी के खिलाफ आन्दोलन करने वाले आंदोलनकारियों पर फर्जी मुकदमे और धमकी भरा नोटिस भेजने के बजाए यूपी में लोकतंत्र बहाल हो और दवाई, कमाई, पढ़ाई व सुनवाई पर सरकार ध्यान दे। यदि नितिन राज की अविलम्ब रिहाई नहीं होती है तो पूरे प्रदेश भर में योगी सरकार की तानाशाही व दमन के खिलाफ आइसा बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होगा। 

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

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