कल (रविवार) एक प्रेसवार्ता में नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि पूरा मामला आर्यन खान के अपहरण और फिरौती का है। उन्होंने प्रेस वार्ता में कहा कि साजिश के तहत आर्यन खान को किडनैप किया गया था। समीर वानखेड़े ने भाजपा नेता मोहित कंबोज के साथ मिलकर फिरौती के लिए यह साजिश रची और छोड़ने के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग की थी और डील 18 करोड़ में पक्की हो गई थी और डील के तहत 50 लाख रुपये की अग्रिम राशि पहुंचा भी दी गयी थी। लेकिन केपी गोसावी की सेल्फी ने सारा खेल बिगाड़ दिया।
क्रूज ड्रग्स मामले में गवाह विजय पगारे का बयान भी नवाब मलिक के आरोपों की पुष्टि करता है। गौरतलब है कि गवाह विजय पगारे ने अपने बयान में कहा है कि आर्यन खान को पैसों के लिये फँसाया गया है। इसके लिये 18 करोड़ की डील तय हुयी थी। पगारे ने बताया कि छापेमारी की पहले से ही योजना थी।
गवाह विजय पगारे ने आगे बताया है कि मैंने सुनील पाटिल को साल 2018-19 में किसी काम के लिये पैसे दिये थे और पिछले 6 महीने से अपने पैसे वापस पाने के लिये उसका पीछा कर रहा था। इस साल सितंबर में हम लोग एक होटल के कमरे में थे जहां सुनील पाटिल ने भानुशली से कहा था कि एक बड़ा खेल हुआ है।
वहीं महाविकास अघाड़ी सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने कल प्रेस कांफ्रेंस में दावा करते हुये कहा कि आर्यन खान ने क्रूज पार्टी की टिकट नहीं ख़रीदी, बल्कि प्रतीक गाबा और आमिर फर्नीचरवाला ही उन्हें वहां लाए थे। यह एक तरह से अपहरण और फिरौती का मामला है।
गौरतलब है कि वानखेड़े द्वारा की गई छापेमारी के बाद आर्यन खान को क्रूज पोत से गिरफ्तार किया गया था और पोत से कथित तौर पर ड्रग्स बरामद किया गया था। मलिक ने अनेक बार कहा कि ड्रग्स जब्ती का यह मामला फर्जी है और उन्होंने वानखेड़े के ख़िलाफ़ गंभीर आरोप लगाए हैं।
नवाब मलिक ने आरोप लगाते हुए कहा कि एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े ने भाजपा नेता मोहित कंबोज की मदद से साजिश रची। मोहित कंबोज पहले भी उगाही का काम करता था। उन्होंने आरोप लगाया कि मोहित कंबोज पर 1100 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी का आरोप था। वो पहले कांग्रेस नेताओं के पीछे-पीछे था, लेकिन सरकार बदलने के बाद वो भाजपा का क़रीबी बन गया। मलिक ने कहा कि मोहित कंबोज की समीर वानखेड़े से गहरी दोस्ती है। दोनों मिलकर उगाही का धंधा चलाते हैं। दोनों ने ही साजिश के तहत आर्यन खान को किडनैप किया था।
07 नवंबर महाराष्ट्र के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता नवाब मलिक ने नौवीं बार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि एनसीबी के मुख्यालय में बाहरी लोगों की एंट्री कैसे हो सकती है। क्रूज ड्रग्स केस पूरी तरह से फर्जी है। नवाब मलिक ने कहा कि बाहरी कोई व्यक्ति किसी आरोपी को कैसे ले जा सकता है। किरण गोसावी नाम का शख्स आर्यन खान का बयान ले रहा था जो कि खुद दूसरे मामले में आरोपी रह चुका है। उन्होंने कहा कि एनसीबी ने क्रूज ड्रग्स केस में 11 लोगों को हिरासत में लिया था लेकिन इसमें तीन लोगों को क्यों छोड़ा।
महाराष्ट्र सरकार के प्रवक्ता नवाब मलिक ने दावा करते हुए कहा कि 6 अक्तूबर को मेरी पीसी हुई और 7 अक्तूबर को वानखेड़े और कंबोज ओशिवारा के कब्रिस्तान में मिले। इनका नसीब अच्छा था कि उस दौरान सीसीटीवी बंद था। हमें इस मुलाकात का वीडियो फुटेज नहीं मिला क्योंकि पुलिस का सीसीटीवी काम नहीं कर रहा था इसलिए बिना किसी डर के वानखेड़े ने गलत शिकायत दर्ज़ कराई कि उनका पीछा किया गया था। वानखेड़े का एक ही खेल है कि ड्रग का धंधा चलता रहे और ड्रग माफिया को संरक्षण दिया जाए। इतना ही नहीं वानखेड़े फिल्म जगत के लोगों को डराकर हजारों करोड़ की उगाही के खेल में भी शामिल हैं।
मलिक ने अभिनेता शाहरुख खान से आगे आने और अन्याय के ख़िलाफ़ उनकी लड़ाई का समर्थन करने की अपील की। उन्होंने वानखेड़े पर मादक पदार्थ बेचने वालों और तस्करों का बचाव करने और नशीली दवाओं के उपभोक्ताओं में भय पैदा करने का आरोप लगाया। मलिक ने कहा था कि क्रूज पार्टी के लिए आर्यन खान ने कोई टिकट नहीं ख़रीदा था। प्रतीक गाबा और आमिर फर्नीचरवाला ने उन्हें पार्टी में बुलाया था।
वहीं आर्यन खान ड्रग मामले में नवाब मलिक द्वारा समीर वानखेड़े पर लगाए जा रहे आरोपों के बीच एनसीबी अधिकारियों का कहना है अगर उनके पास इतने सबूत हैं तो वह कोर्ट क्यों नहीं चले जाते। दरअसल, एनसीबी अधिकारियों का यह बयान तब सामने आया है जब नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर आरोप लगाया था कि वह दुबई व मालदीव में थे और उन्होंने भाजपा नेता मोहित कंबोज से बात की थी।
वहीं दो दिन पहले नवाब मलिक एनसीबी अधिकारी और डिसूजा के बातचीत का फोनटैप ट्विटर पर साझा करके एनसीबी अधिकारियों पर साठगांठ और धन उगाही का आरोप लगाने के बाद एनसीबी अधिकारियों का कहना है कि जिस डिसूजा और वीवी सिंह के बीच फोन पर बातचीत का ऑडियो नवाब मलिक ने जारी किया है, उसमें कुछ भी गलत नहीं है। अधिकारी डिसूजा को फोन न बदलने की चेतावनी दे रहे थे। उन्होंने कहा कि समीर वानखेड़े डिसूजा के संपर्क में नहीं थे।
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