Author: अरुण माहेश्वरी
टैरिफवाद और सभ्यता की विपरिगति
कल आधी रात में डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को अमेरिका की मुक्ति का दिन घोषित किया है। सवाल है कि दुनिया की यह सबसे बड़ी [more…]
GrOk AI : तकनीक, सत्ता और ‘लक्षण’ का यथार्थ
भारत में अभी ग्रोक एआई (Grok AI) पर भारी चर्चा चल रही है। यह चर्चा केवल एक तकनीकी नवाचार की चर्चा नहीं रह गई है। [more…]
ट्रंप-जेलेंस्की प्रकरण और ट्रंप के लक्षणों का एक लकानियन विश्लेषण
हमने फेसबुक पर एक पोस्ट डाली थी-“अमेरिकी राष्ट्रपति के ओवल ऑफ़िस में ट्रंप-जेलेंस्की वार्ता का सीधा प्रसारण दुनिया पर दादागिरी की अमेरिका की जघन्य वासना [more…]
कविता कृष्णपल्लवी के एक सघन काव्य बिंब का लकानियन विश्लेषण
एक दिलचस्प और चौंकाने वाला सघन बिंब जिसकी बहुस्तरीयता इसकी थोड़ी विस्तृत मनोविश्लेषणात्मक व्याख्या के लिए उकसाती है। पहाड़ों की शाम का आनंद इसमें क्रमशः [more…]
भारत-अमेरिका संबंधों का शर्मनाक काल : यह आरएसएस के अंग्रेज़परस्ती के इतिहास की पुनरावृत्ति है
ट्रंप-2 के शासन का अब तक का यह काल हमें अभी से भारत-अमेरिकी संबंधों के इतिहास का सबसे शर्मनाक काल दिखाई देने लगा है। इसमें [more…]
‘भक्तिवाद और भक्ति’: ‘आधुनिकता और रूमानियत’
अंग्रेजी अखबार टेलिग्राफ में 1 फरवरी, 2025 को प्रसिद्ध भाषा शास्त्री जी. एन. देवी का एक लेख है-‘मध्ययुग अंधकार का काल नहीं था : भक्तों [more…]
माकपा की 24वीं पार्टी कांग्रेस: इस कांग्रेस से वामपंथ के एक नए, गंभीर और अर्थपूर्ण संस्करण का उदय हो !
सीपीआई(एम) की 24वीं पार्टी कांग्रेस (मदुराई, 2-6 अप्रैल 2025) की प्रक्रिया पुरजोर शुरू हो चुकी है। कुछ राज्यों में तो स्थानीय सम्मेलनों के अलावा जिला [more…]
हरियाणा में बीजेपी ने रुमाल से कबूतर निकाला है
बीजेपी ने हरियाणा के लोगों को सचमुच ऐसा चकमा दिया है कि वहां सब अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। हरियाणा के लोग [more…]
कामरेड सीताराम येचुरी: वाम-जनतांत्रिक राजनीति का एक बेहद आकर्षक व्यक्तित्व नहीं रहा
कामरेड सीताराम येचुरी हमारे बीच नहीं रहे। उनका इस प्रकार अचानक, चंद दिनों की बीमारी के बाद ही असमय चला जाना भारत में वामपंथी और [more…]
हंसा जाई अकेला
बुद्धदेव भट्टाचार्य नहीं रहे।बंगाल में वामपंथी राजनीति की किंवदंतियों की छीजती हुई श्रृंखला की जैसे एक अंतिम कड़ी नहीं रही।वामपंथी राजनीति के साथ बंगाल की [more…]