अरुण माहेश्वरी
बीच बहस
कश्मीर बताता है कि भारत कैसे विक्षिप्त जुनूनी तत्वों की गिरफ्त में है!
ओफ! कश्मीर अब पूरी तरह से एक जुनूनी ताकतवर व्यक्ति की विध्वंसकता का शिकार बन चुका है। मोदी कश्मीर का उद्धार करने का दंभ भरते हैं और दिन प्रति दिन उसकी पूरी बर्बादी की कहानी रच रहे हैं। वे...
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माहेश्वरी का मत: भागवत जी,शब्दों की बाजीगरी से नहीं धुल सकता संघ के दामन पर लगा बर्बर हत्याओं का दाग!
मोहन भागवत शब्दों
की बाजीगरी से जीवन के सच को अपसारित करना चाहते हैं । वे कहते हैं लिंचिंग एक
विदेशी अवधारणा है, इसे भारत पर लागू नहीं करना चाहिए। भारत में हो रही भीड़ की
हत्याओं को लिंचिंग नहीं कहा जाना...
बीच बहस
माहेश्वरी का मत: भारत के लिए महंगा साबित हो सकता है कश्मीर पर मोदी सरकार का फैसला
ऐसा लगता है कि मोदी
कश्मीर के लॉक डाउन को कम से कम दो साल तक चलाना चाहते हैं। उन्हें
आज़ाद भारत के इतिहास में सबसे सख़्त और साहसी प्रशासक का ख़िताब हासिल करना है और
वह इंदिरा गांधी के 19 महीने...
बीच बहस
भारत में चल रहे कानून के वास्तविक चरित्र को परिभाषित करेगा बाबरी मस्जिद-राममंदिर मामला
सुप्रीम कोर्ट में बाबरी मस्जिद विवाद पर अभी लगातार सुनवाई चल रही है। इस देश
में एनआरसी की जंग को छेड़ने वाले अभी के मुख्य न्यायाधीश की अगुआई की पांच
सदस्यों की संविधान पीठ इसमें लगी हुई है।
मुख्य न्यायाधीश नवंबर...
ज़रूरी ख़बर
कॉरपोरेट भक्त सरकार की आर्त विनती
19 सितंबर 2019 के दिन को भारतीय पूंजीवाद के इतिहास के ऐसे स्वर्णिम दिन के रूप में याद किया जायेगा जब भारत के कॉरपोरेट जगत ने अपनी ताकत का भरपूर परिचय दिया और 2014 और 2019 में महाबली मोदी...
ज़रूरी ख़बर
लूट की अर्थव्यवस्था को खत्म करने के लिए सत्ता के सरदार का गिरेबान पकड़ना जरूरी
मोदी जी समझते हैं कि वे जितना कहते हैं, लोग उतना ही समझते हैं। कहने वाले और
सुनने वाले के बीच दूसरे ऐसे अनेक अनुभव काम करते रहते हैं जो कहे गये शब्द अपने
अर्थ को प्राप्त करें, उसके पहले ही...
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राजनीति में काल्पनिक आशंकाओं पर आधारित विवाद है एनआरसी
नई दिल्ली के इंडियन सोसाइटी आफ़ इंटरनेशनल लॉ में इसी 8 सितंबर को एक ‘जन पंचायत’ बैठी जिसमें असम में नागरिकता के सवाल पर भारत के कई प्रमुख पूर्व न्यायाधीशों और क़ानून जगत के विद्वानों ने हिस्सा लिया। विचार...
बीच बहस
राजनीति को ठीक किए बगैर नहीं होगी अर्थव्यवस्था दुरुस्त
मोदी जी समझते हैं कि वे जितना कहते हैं, लोग उतना ही समझते हैं। कहने वाले और
सुनने वाले के बीच दूसरे ऐसे अनेक अनुभव काम करते रहते हैं जो कहे गये शब्द अपने
अर्थ को प्राप्त करें, उसके पहले ही...
बीच बहस
वर्तमान सत्ता के मद का निकृष्टतम उदाहरण है प्रोफेसर रोमिला थापर का अपमान
प्रोफ़ेसर रोमिला थापर से जेएनयू प्रशासन ने उनका सीवी, अर्थात् उनके अकादमिक कामों का लेखा-जोखा माँगा है ताकि वह उनको दिये गये प्रोफ़ेसर एमिरटस के पद पर पुनर्विचार कर सके । जाहिर है कि यूनिवर्सिटी की यह माँग उनके...
बीच बहस
खास राजनीति से जुड़ा हुआ है यह आर्थिक संकट
काला धन और सफ़ेद धन का फ़र्क़ यही है कि जिस धन में से
सरकार के राजस्व का शोधन कर लिया जाता है, वह काले से सफ़ेद
हो जाता है। एक कच्चा तेल है और दूसरा परिशोधित ।
चीन के चार आधुनिकीकरण...
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अपरेंटिसशिप गारंटी योजना भारतीय युवाओं के लिए वाकई गेम-चेंजर साबित होने जा रही है
भारत में पिछले चार दशकों से उठाए जा रहे मुद्दों में बेरोजगारी 2024 में प्रमुख समस्या के रूप में सबकी नजरों में है। विपक्षी दल कांग्रेस युवाओं के रोजगार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं भाजपा के संकल्प पत्र में ठोस नीतिगत घोषणाएँ नहीं हैं। कांग्रेस हर शिक्षित बेरोजगार युवा को एक वर्ष की अपरेंटिसशिप और 1 लाख रूपये प्रदान करने का प्रस्ताव रख रही है।