हिमांशु कुमार
ज़रूरी ख़बर
क्या कभी सभ्य समाज तक पहुंच पाएंगी छत्तीसगढ़ के आदिवासियों की दर्द भरी कहानियां ?
छत्तीसगढ़
के सारकेगुड़ा
गांव में न्यायिक आयोग की रिपोर्ट आने के बाद अपराधियों के विरुद्ध पुलिस में
रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग को लेकर अनशन पर बैठा था
मुख्यमंत्री
के सलाहकार ने कार्रवाई करने का आश्वासन दिया
थाने
से अपना अनशन समाप्त कर सारकेगुड़ा गांव...
बीच बहस
बच्चों को मारने वाली सरकार मना रही है बाल दिवस!
आज बाल दिवस है।छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा का किस्सा है।
सन दो हज़ार पांच
में सरकार आदिवासियों के गाँव जला रही थी।
सरकार ने इस काम के लिये पूरे इलाके से बन्दूक की नोक पर गाँव गाँव से पांच हज़ार आदिवासी लड़कों को...
पहला पन्ना
“इतनी डरपोक सत्ता कभी नहीं देखी”
आप एक प्रयोग कीजिये लिखिए कि 'मैं कश्मीरी जनता के साथ हूं'
फिर देखिये भाजपा भक्त कैसे आकर आपको गालियां बकते हैं ?
वैसे यह कहते घूम रहे हैं कि इन्होनें जो किया है वह कश्मीरी जनता के भले
के लिए...
संस्कृति-समाज
क्योंकि भारत का इतिहास बदलने का काम जारी है!
विश्व आदिवासी दिवस की बधाई
आज विश्व आदिवासी दिवस पर आप मान लीजिए
कि भारत के ऋषि मुनि ही
भारत के सबसे पुराने निवासी हैं
मान लीजिए कि वेद तब ही आ चुके थे जब मनुष्य का जन्म भी नहीं हुआ था
मान लीजिए...
बीच बहस
भाजपा ब्रांड की नई राजनीति है लिंचिंग
लिंचिंग का अर्थ है भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मार दिया जाना,
भारत में आजकल यह बढ़ता जा रहा है,
हम सब को इसके बढ़ने के कारणों पर विचार करना चाहिए,
ताकि इसे रोका जा सके,
लिंचिंग कौन करता है,
लिंचिंग उस समुदाय के लोग...
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पुस्तक समीक्षा: निष्ठुर समय से टकराती औरतों की संघर्षगाथा दर्शाता कहानी संग्रह
शोभा सिंह का कहानी संग्रह, 'चाकू समय में हथेलियां', विविध समाजिक मुद्दों पर केंद्रित है, जैसे पितृसत्ता, ब्राह्मणवाद, सांप्रदायिकता और स्त्री संघर्ष। भारतीय समाज के विभिन्न तबकों से उठाए गए पात्र महिला अस्तित्व और स्वाभिमान की कहानियां बयान करते हैं। इस संग्रह में अन्याय और संघर्ष को दर्शाने वाली चौदह कहानियां सम्मिलित हैं।