एक केंद्रीय विश्वविद्यालय में दो शोध छात्रों ने अपने सहपाठी से पूछा, ये जेएनयू क्या है? जेएनयू को लांछित किए जाने के इस दौर में जब उसे ‘जेएनयू यानी जेहादी नक्सली यूनिवर्सिटी’ जैसे जहरीले विशेषणों से नवाजा जा रहा...
दिल्ली में वकीलों और पुलिस के बीच संघर्ष दिखाता है कि
इस देश में कानून-व्यवस्था के किसी भी अंग का स्वयं उस कानून-व्यवस्था पर बहुत कम
विश्वास है, जिसकी दुहाई या उपदेश दूसरों के मामलों में
कानून-व्यवस्था के अंग अक्सरहां देते रहते...
भारतीय राजनीति में वर्तमान में यदि कोई सर्वाधिक प्रभावी ‘वाद’ है तो वह है- अवसरवाद। राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ न केवल चुनाव लड़ती हैं, बल्कि जम कर आरोप-प्रत्यारोप करती हैं। चुनाव खत्म होते ही सत्ता लिप्सा की पूर्ति...
उत्तराखंड में अभी जुम्मा-जुम्मा चंद रोज ही बीते हैं, जब गांव-गांव, धार-धार, खाळ-खाळ सुयोग्य, कर्मठ, जुझारू और विकास के लिए प्रतिबद्धों की लाइन लगी हुई थी। दीवारें सुयोग्य, कर्मठ, जुझारुओं के पोस्टर-बैनरों से पटी हुई थी. त्रिस्त्रीय पंचायतों के...
देहारादून के परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर पुलिस ने 19 अक्टूबर की शाम को एकाएक धावा बोल दिया। यहां बीते कई दिनों से विभिन्न आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का धरना और आमरण अनशन चल रहा...
बयानों
के जरिये सुर्खी बटोरने वाले केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल
निशंक ने अब बयान का गोला बीएड करने वालों पर दाग दिया है। कुछ लोग सोच कर बोलते हैं, कुछ लोग बोलने के बाद सोचते हैं और जब
आदमी...